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OROP मामला चार किश्तों में भुगतान का: SC ने केंद्र सरकार को फटकारा, कहा- कानून अपने हाथ में न ले रक्षा मंत्रालय

OROP: सशस्त्र बलों के पात्र पेंशनरों को वन रैंक वन पेंशन (OROP) बकाया भुगतान मसले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। शीर्ष अदालत ने कहा कि 20 जनवरी को जारी नोटिफिकेशन को रक्षा मंत्रालय को वापस लेना होगा। उसके बाद ही वह […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Mar 13, 2023 18:28
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OROP: सशस्त्र बलों के पात्र पेंशनरों को वन रैंक वन पेंशन (OROP) बकाया भुगतान मसले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि 20 जनवरी को जारी नोटिफिकेशन को रक्षा मंत्रालय को वापस लेना होगा। उसके बाद ही वह पेंशन भुगतान की समय सीमा बढ़ाने सहित किसी भी आवेदन पर विचार किया जाएगा।

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दरअसल, रक्षा मंत्रालय ने नोटिफकेशन जारी कर कहा था कि ओआरओपी एरियर का भुगतान चार किश्तों में किया जाएगा।

कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता रक्षा मंत्रालय

सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। खंडपीठ ने रक्षा मंत्रालय से पेंशनरों के वर्गीकरण के साथ सोमवार तक पेंशनरों को देय राशि के भुगतान के लिए एक व्यापक योजना के साथ आने को कहा है। पीठ ने कहा कि रक्षा मंत्रालय कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकता। रक्षा सचिव जो अधिसूचना जारी करते हैं, वह सीधे तौर पर हमारे आदेशों के खिलाफ है।

सीजेआई बोले- चार लाख कर्मियों की मौत हो जाना दुखद

रक्षा मंत्रालय की ओर से पेश अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने बताया कि आवेदनों का तेजी से निस्तारण किया जा रहा है और हम उन्हें जल्द से जल्द खत्म कर देंगे।

इस पर सीजेआई ने कहा, हमारी चिंता है कि पूर्व सैन्य कर्मियों को वेतन मिलना चाहिए। यह दुखद है कि अब तक 4 लाख कर्मियों की मौत हो चुकी है।

एजी ने तब पीठ को बताया कि पूर्व सैनिकों को ओआरओपी की बकाया राशि की एक किस्त का भुगतान पहले ही किया जा चुका है, लेकिन मंत्रालय को और भुगतान के लिए कुछ और समय चाहिए।

खंडपीठ ने किए तीन अहम सवाल

सीजेआई ने कहा कि हम केवल यह चाहते हैं कि पेंशनरों को उनका पैसा मिले और हमें बताएं कि अब तक क्या किया गया है। प्राथमिकता क्या है? और यह कैसे किया जाएगा? सेवानिवृत्त कर्मियों का भी कुछ वर्गीकरण करें। जैसे, पहले विधवाओं पर विचार करें और फिर अन्य व्यक्तियों पर विचार करें।

जो अधिक आयु में हैं और फिर बाकी पेंशनभोगी हैं। CJI ने अटॉर्नी जनरल को 20 मार्च को पेमेंट प्लान के ड्रॉफ्ट के साथ पेश होने के लिए कहा है।

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सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।

कर्मियों के वकील ने एजी को घेरा

पेंशनभोगियों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हुफेजा अहमदी ने पीठ से कहा कि हर बार वे (अटॉर्नी जनरल) आते हैं और समय बढ़ाने की मांग करते हैं। और यह हर बार होता रहा है। अब वित्तीय बाधाओं का उल्लेख करना बहुत अनुचित है। याचिका दायर करने के बाद से चार लाख पेंशनभोगियों की मृत्यु हो चुकी है।

15 मार्च तक दिया था भुगतान का समय

दरअसल, शीर्ष अदालत ने नौ जनवरी को केंद्र को सशस्त्र बलों के सभी पात्र पेंशनभोगियों को ओआरओपी के कुल बकाये के भुगतान के लिए 15 मार्च तक का समय दिया था।

2022 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के फॉर्मूले के खिलाफ इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट की ओर से दायर याचिका पर अपना फैसला सुनाया था।

यह भी पढ़ें: Same Sex Marriage:मौलिक महत्व का है मुद्दा, समलैंगिक शादी मसले पर SC की अहम टिप्पणी, 18 अप्रैल को संविधान पीठ करेगा सुनवाई

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Edited By

Bhola Sharma

First published on: Mar 13, 2023 06:25 PM

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