कामेन्दु जोशी
Kota Police Arrest Murder Accused After 57 Years: राजस्थान की कोटा पुलिस के हाथ एक बड़ी कामयाबी लगी है। दरअसल, कोटा पुलिस ने 57 साल बाद हत्या के मामले में फरार 25,000 के इनामी आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि यह आरोपी साल 1968 से वांटेड है। शातिर आरोपी सालों से अपना नाम और सरनेम बदलकर दिल्ली में छुपा बैठा था। पुलिस ने आरोपी को दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके से गिरफ्तार किया है, फिलहाल पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
जिला कोटा ग्रामीण पुलिस की #बड़ी_कार्यवाही
थाना सुकेत पुलिस ने 57 साल से #हत्या के प्रकरण में चल रहे फरार 01 आरोपी को #गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की
---विज्ञापन---आरोपी पर 25000 रूपये के #ईनाम की थी घोषणा@PoliceRajasthan @IgpKota @SujitShank2020 #kotaruralpolice pic.twitter.com/gvFUy6g1Ah
— kota rural police (@spkotarural) January 30, 2025
सालों पुलिस से बचता रहा शातिर आरोपी
कोटा ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक सुजीत शंकर ने बताया कि साल 1968 की 11 मई को सुकेत जिला के कोटा के रामगंजमंडी हाल थाना में कुंभकोट के रहने वाले रामप्रताप अपनी फरियाद लेकर आए थे। उसने उसी गांव के प्रभूलाल पर उनकी भांजी भावना को पत्थर से पीट-पीटकर जान से मारने का आरोप लगाया। रामप्रताप की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी प्रभूलाल के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया। लेकिन हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी प्रभूलाल मौके से फरार हो गया। FIR दर्ज करने के बाद पुलिस ने हर संभव स्थान पर आरोपी की तलाश की; लेकिन इतनी कोशिश के बाद भी शातिर आरोपी पुलिस से बचता रहा।
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गांव और रिश्तेदारों से बना ली दूरी
3 साल से अधिक की तलाश के बाद भी जब आरोपी नहीं पकड़ा गया, तो न्यायालय रामगंजमंडी की तरफ से उसे साल 1971 में मफरूर घोषित किया गया। इसके बाद भी पतारसी पुलिस की तरफ से आरोपी की तलाश जारी रही। पुलिस ने बताया कि हत्या के बाद से फरार आरोपी ने अपने गांव और सभी रिश्तेदारों से भी दूरियां बना लीं। यहां तक कि उसने अपने गांव आना-जाना भी छोड़ दिया, ताकि पुलिस से बच सके। पुलिस ने मफरूर प्रभूलाल पर 25,000 रुपये के नकद ईनाम की घोषणा की।
57 साल बाद दिल्ल से गिरफ्तार हुआ आरोपी
इसके बाद आरोपी प्रभूलाल को पकड़ने के लिए एक स्पेशल टीम का गठन किया गया। इस स्पेशल टीम को 57 साल से फरार 25 हजार के ईनामी प्रभूलाल को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के दिशा-निर्देश दिए गए थे। इसके बाद इस टीम ने कड़ी से कड़ी जोड़कर फरार आरोपी प्रभूलाल बैरवा को मंगोलपुरी, दिल्ली से ढूंढ निकाला और गिरफ्तार कर लिया है।