Indian Parliament Security Breach: भारतीय संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई है। एक अज्ञात शख्स दीवार फांदकर संसद भवन के अंदर घुस गया और गरुड़ द्वारा तक पहुंच गया। घटना सुबह करीब साढ़े 6 बजे की है और रेलभवन की तरफ से पेड़ पर चढ़कर दीवार पर चढ़ा था। सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत शख्स को दबोच लिया और अब उससे पूछताछ की जा रही है कि वह संसद भवन में क्यों घुसा था? आरोपी की शिनाख्त के प्रयास भी किए जा रहे हैं।
यह भी पढ़ें: संसद भवन की सुरक्षा में कौन-कौन होता है तैनात? दिवार फांदकर कैसे पहुंचा अज्ञात शख्स?
2023 में हुआ था स्मोक कैन हमला
बता दें कि साल 2023 में संसद पर आतंकी हमले की बरसी पर 13 दिसंबर को भी संसद की सुरक्षा में सेंध लगी थी। 6 लोग संसद के अंदर घुसे थे। इनमें से सागर शर्मा और मनोरंजन नामक युवकों ने लोकसभा की दर्शक दीर्घा में पहुंचकर जूतों में छिपाए गए स्मोक कैन से पीले रंग का धुंआ छोड़ा था। अमोल शिंदे और नीलम आजाद नारेबाजी करते हुए रंगीन धुंआ छोड़ते हुए संसद के बाहर आए थे। मैसूर के BJP सांसद प्रताप सिन्हा के नाम पर इन लोगों को पास जारी हुआ था। ललित झा और महेश कुमावत इस घटनाक्रम के मास्टरमाइंड थे।
दिल्ली पुलिस ने सभी 5 लोगों को गिरफ्तार किया था और ललित झा फरार हो गया था। छहों आरोपियों के खिलापु गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत केस दर्ज किया गया था। CRPF के जनरल डायरेक्टर अनीश दयाल सिंह के नेतृत्व में जांच समिति गठित करके मामले की जांच की गई थी कि आखिरी किसकी गलती से संसद की सुरक्षा में सेंध लगी कि आरोपी लोकसभा के अंदर तक पहुंच गए। लोकसभा सचिवालय के 8 सुरक्षाकर्मियों को निलंबित किया गया था। सांसदों के निजी सहायकों की ससंद में एंट्री बैन हुई थी।
यह भी पढ़ें: 5 बेडरूम, ऑफिस, कैंटीन से लेकर जिम तक…सांसदों को मिले घर अंदर से कैसे दिखते हैं?
साल 2001 में हुआ था आतंकी हमला
बता दें कि भारतीय संसद में सबसे बड़ी सेंध साल 2001 में लगी थी। 13 दिसंबर 2001 को जैश-ए-मोहम्मद के 5 आतंकी संसद में घुस गए थे और हमला किया था। संसद में घुसने के लिए उन्होंने गृह मंत्रालय की फर्जी कार का इस्तेमाल किया था। पांचों आतंकी हथियारों से लैस थे। आतंकी हमले में 9 लोगों ने जान गंवाई थी।
दिल्ली पुलिस और सेना ने पांचों आतंकियों को भी ढेर कर दिया था। वहीं हमले में मारे गए 9 भारतीयों में दिल्ली पुलिस के 5 कर्मचारी, एक CRPF जवान, 2 संसद के सिक्योरिटी गार्ड और एक माली शामिल था। इस हमले के बाद संसद भवन की सुरक्षा बदली गई थी। अब संसद भवन में आने वालों को ID कार्ड देखकर ही एंट्री दी जाती है।
यह भी पढ़ें: दिल्ली में सांसदों को मिले नए फ्लैट, PM मोदी ने किया उद्घाटन, 5 कमरे, 5000sq ft, किस तकनीक से हुए तैयार?
1974 में भी लगी थी संसद में सेंध
बता दें कि साल 1974 में संसद की सुरक्षा में सेंध लगी थी। 11 अप्रैल को प्रेम पाल सिंह नामक व्यक्ति संसद के अंदर घुस गया था। वह लोकसभा की दर्शक दीर्घा तक पहुंचा था। इतना ही नहीं दर्शक दीर्घा फांदकर तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव तक पहुंचकर नारेबाजी करने लगा था। आरोपी का दर्शक दीर्घा पास तत्कालीन कांग्रेस सांसद हरि किशोर सिंह ने बनवाया था, जिनसे मामले में पूछताछ भी की गई थी।