Delhi Cloud Seeding: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण में कमी लाने के लिए मंगलवार को क्लाउड सीडिंग की गई थी. इसके बाद भी दिल्ली में बारिश नहीं हो सकी. जिसके बाद बुधवार को क्लाउड सीडिंग के प्लान को बादलों में कम नमी होने के कारण स्थगित कर दिया गया है. वहीं इस मामले में आईआईटी कानपुर ने बताया कि यह कृत्रिम बारिश की प्रक्रिया सही वायुमंडलीय परिस्थितियों पर निर्भर करती है. ‘हालांकि कल बारिश नहीं हो सकी थी, क्योंकि दिल्ली में छाए बदलों में नमी का स्तर लगभग 15 से 20 प्रतिशत था. लेकिन परीक्षण से बहुमूल्य जानकारी मिली’. आईआईटी कानपुर ने कहा कि दिल्ली भर में स्थापित निगरानी केंद्रों ने कणिका तत्वों और नमी के स्तर में वास्तविक समय में होने वाले बदलावों को दर्ज किया. आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली में एक्यूआई के लेवल में पीएम 2.5 और पीएम 10 की सांद्रता में 6 से 10 प्रतिशत की कमी आई है. इससे पता चलता है कि कम नमी की स्थिति में भी क्लाउड सीडिंग वायु गुणवत्ता में सुधार लाने में योगदान दे सकती है.
यह भी पढ़ें- दिल्ली में कृत्रिम बारिश का तीसरा ट्रायल सफल, IIT कानपुर की रिपोर्ट बताएगी कितना कम हुआ AQI?
दिल्ली के इन क्षेत्रों को किया गया था कवर
इसके अलावा आईआईटी कानपुर की तरफ से बताया गया कि दिल्ली किए गए ये परिक्षण भविष्य के कार्यों के लिए योजना को मजबूत करते हैं. कहा गया है कि इस तरह के परिक्षण आगे और अधिक प्रभावी साबित होंगे.” दिल्ली सरकार ने लगातार दो क्लाउड सीडिंग परिक्षणों को पूरा किया है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी ने वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए क्लाउड सीडिंग को एक उपकरण के रूप में अपनाया है. “परिक्षण में यह ध्यान करके आकलन किया जा रहा है कि दिल्ली की वास्तविक आर्द्रता की स्थिति में कितनी बारिश हो सकती है. वहीं मंत्री द्वारा मंगलवार को बताया गया था कि मंगलवार को की गई क्लाउड सीडिंग का प्रबंधन आईआईटी कानपुर की विशेषज्ञ टीम ने किया था. इस दौरान दिल्ली के खेकड़ा, बुराड़ी, उत्तरी करोल बाग, मयूर विहार, सादकपुर, भोजपुर और आसपास के क्षेत्रों को कवर किया गया था. इस दौरान प्रत्येक फ्लेयर का वजन लगभग 0.5 किलोग्राम था. जिसमें प्रति उड़ान आठ फ्लेयर छोड़े गए. यह फ्लेयर बारिश की क्षमता को बढ़ाने के लिए डिजाइन किए गए एक परीक्षित मिश्रण को बिखेरा गया था.
अगले 24 घंटों में कभी भी हो सकती बारिश
यह परिक्षण हर उड़ान के लिए लगभग डेढ़ घंटे तक चली थी. मंत्री सिरसा ने बताया कि ‘विशेषज्ञों के पूर्वानुमानों के अनुसार, बादलों की नमी के आधार पर अगले 24 घंटों में कभी भी बारिश हो सकती है. शुरुआती मौसम रडार रीडिंग और जमीनी स्तर पर देखने में आया कि दिल्ली-नोएडा सीमा पर शाम 4 बजे के आसपास 0.1-0.2 मिमी हल्की बारिश दर्ज की गई थी. कहा कि ‘किए गए परिक्षणों के परिणामों से पता चलता है कि दिल्ली भर के 20 निगरानी स्थलों से डेटा एकत्र किया गया था. जिसमें सबसे प्रत्यक्ष प्रदूषण संकेतक, AQI, PM2.5 और PM10 पर मुख्य रूप से ध्यान दिया गया था. पहली सीडिंग से पहले मयूर विहार, करोल बाग और बुराड़ी में PM2.5 का स्तर 221, 230 और 229 ug/m³ था, जो ऑपरेशन के बाद घटकर क्रमशः 207, 206 और 203 ug/m³ तक गिर गया. उसी स्थान पर PM10 का स्तर 207, 206 और 209 ug/m³ से घटकर सीडिंग के बाद 177, 163 और 177 ug/m³ हो गया. सिरसा ने कहा कि परिणामों के आधार पर सरकार आने वाले हफ्तों में और पहले दौर के परीक्षणों के बाद आगे क्लाउड सीडिंग के लिए तैयार है. परिणाम यह तय करेंगे कि सरकार को फरवरी तक और सीडिंग प्रयोगों की योजना बनानी चाहिए या नहीं.
यह भी पढ़ें- क्लाउड सीडिंग के बाद दिल्ली के AQI में हुआ सुधार, आंकड़ों में दिखा कृत्रिम बारिश का नतीजा










