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दिल्ली

Zero Visibility में कैसे होती है एयरक्राफ्ट की लैंडिंग? जानिए ILS सिस्टम कैसे करता है काम

Zero Visibility Landing System: घने कोहरे और कम विजिबिलिटी के कारण फ्लाइट की आवाजाही प्रभावित होती है। ऐसे में ऐसे में विमान इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) नामक ग्राउंड-बेस्ड नेविगेशन का उपयोग करते हैं, जो सुरक्षित लैंडिंग में मददगार होता है।

Author Edited By : Ankita Pandey Updated: Jan 4, 2025 21:56
Emergency Landing
फ्लाइट की एयरपोर्ट पर मैन्युल लैंडिंग कराई गई।

Zero Visibility Landing System: उत्तर भारत में लगातार कोहरा बढ़ रहा है, यहां तक कि दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) पर घने कोहरे और कम विजिबिलिटी के कारण शनिवार को 19 फ्लाइट्स का रूट बदल दिया गया और 200 से अधिक फ्लाइट डिले हुई हैं। शहर में लगातार दूसरे दिन भी कोहरे के कारण ऑपरेशन प्रभावित हुआ है ,वहीं शुक्रवार को 400 से अधिक उड़ानें डिले हुईं। इसके अलावा नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद में पिछले दो दिनों से घना कोहरा छाया हुआ है, जिसके कारण  सड़क और रेल ट्रांसपोर्ट पर भी असर पड़ा है।

घने कोहरे में कैसे लैंड होते हैं एयरक्राफ्ट?

घने कोहरे के कारण फ्लाइट ऑपरेशन को बाधित करता है, क्योंकि इससे विजिबिलिटी प्रभावित हो जाती है, जिससे हवाई अड्डों या रनवे पर विमानों की आवाजाही प्रभावित होती है। ऐसे में विमान इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) नामक ग्राउंड-बेस्ड नेविगेशन का उपयोग करते हैं। ILS एक स्टैंडर्ड इंटरनेशनल सिविल एविएशन आग्रेनाइजेशन (ICAO) लैंडिंग हेल्प है, जिसका उपयोग सामान्य या खराब मौसम की स्थिति में रनवे पर उतरने के लिए विमान को डायरेक्शन गाइडेंस और गाइडेंस सिग्नल देने के लिए किया जाता है।

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First published on: Jan 04, 2025 09:56 PM

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