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दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया बोले- पापड़ पर 0% तो कचरी पर 18% जीएसटी क्यों?

नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को आयोजित 49वें जीएसटी काउंसिल की बैठक में पापड़ और कचरी के टैक्स निर्धारण में आई विसंगतियों को दूर करने की मांग रखी साथ ही इस बाबत केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को चिट्ठी भी लिखी। कचरी पापड़ कोई प्रीमियम प्रोडक्ट नहीं डिप्टी सीएम […]

Edited By : Amit Kasana | Updated: Feb 18, 2023 17:31
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Manish Sisodia, Delhi News,
मनीष सिसोदिया

नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को आयोजित 49वें जीएसटी काउंसिल की बैठक में पापड़ और कचरी के टैक्स निर्धारण में आई विसंगतियों को दूर करने की मांग रखी साथ ही इस बाबत केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को चिट्ठी भी लिखी।

कचरी पापड़ कोई प्रीमियम प्रोडक्ट नहीं

डिप्टी सीएम ने कहा कि वित्तमंत्रालय द्वारा 13 जनवरी को जारी स्पष्टीकरण सर्कुलर के कारण पापड़ के साथ-साथ बनने वाले पापड़ जैसे ही खाद्य पदार्थ, जिसे सामान्य भाषा में कचरी या कचरी पापड़ के नाम से भी जाना जाता है उन पर भी 18% जीएसटी लगने लगा है। उन्होंने कहा कि, ‘पापड़ और कचरी एक ही श्रेणी के खाद्य पदार्थ, पापड़ पर 0% जीएसटी ऐसे में कचरी पर 18% जीएसटी लगाना गलत है। कचरी पापड़ कोई प्रीमियम प्रोडक्ट नहीं ऐसे में यह विसंगति दूर नहीं की गई तो इससे गलत बिल बनाने की प्रवृत्ति और टैक्स चोरी को बढ़ावा मिलेगा।

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अंग्रेजी के स्नैक्स पैलेट की श्रेणी मैं रखकर टैक्स लगा 

उपमुख्यमंत्री ने केन्द्रीय वित्तमंत्री को लिखते हुए कहा कि पापड़ और कचरी पापड़ मूल रूप से भारत में बनने वाला खाद्य पदार्थ है। जीएसटी लागू होने से पहले पापड़ और कचरी पापड़ दोनों ही पदार्थों पर अधिकतर राज्यों में 0% वैट लगता था। जीएसटी लागू होने के बाद से भी पापड़ और कचरी पापड़ पर 0% जीएसटी ही लगता आया था। लेकिन केन्द्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा जनवरी में जरी स्पष्टीकरण सर्कुलर के बाद अचानक इसमें एक विसंगति आ गई है। उन्होंने कहा कि, पापड़ और कचरी पापड़ दोनों ही एक ही तरह के पदार्थ हैं और एक ही जैसे रॉ मैटेरियल से तैयार होते हैं। लेकिन भूलवश इन्हें अंग्रेजी के स्नैक्स पैलेट की श्रेणी मैं रखकर इन पर 18% टैक्स लगा दिया गया।

‘फ्रायम’ कोई कैटेगरी नहीं है

डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि केन्द्रीय वित्तमंत्रालय द्वारा जारी सर्कुलर में ‘फ्रायम’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है। जबकि ‘फ्रायम’ कोई कैटेगरी नहीं है बल्कि एक पॉपुलर ब्रांड है जिसके विभिन्न प्रोडक्ट होते हैं। ऐसे में पूरे के पूरे कचरी पापड़ कैटेगरी को ‘फ्रायम’ जैसे पदार्थों की कैटेगरी में रखना भी गलत है। उन्होंने कहा कि कचरी पापड़ एक बहुत ही सामान्य प्रोडक्ट है। अगर हम जीएसटी के रेट चार्ट पर नजर डालें तो हम देखते हैं कि सिंवई पर 5% जीएसटी लगता है। पिज़्ज़ा ब्रेड पर 5% जीएसटी लगता है। साबूदाने पर 5% जीएसटी है। सीरियल पैलेट(Cereal Pellet) पर 5% जीएसटी लगता है। पोटटो पैलेट(Potato Pellet) पर 5% जीएसटी लगता है। पास्ता(Pasta) पर 12% जीएसटी है। नमकीन काजू और बादाम पर भी 12% जीएसटी हैl सामान्य नमकीन पर भी 12% जीएसटी है। लेकिन कचरी पापड़ जोकि एकदम पापड़ जैसा ही प्रोडक्ट है उसको 18% की जीएसटी श्रेणी में रख दिया गया है।

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Amit Kasana

First published on: Feb 18, 2023 05:31 PM

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