Live Seemapuri Assembly Election Result 2025 Update: सीमा पुरी विधानसभा क्षेत्र में इस बार मुकाबला काफी रोचक हो गया है। इस सीट पर चुनाव लड़ रहे तीनों उम्मीदवारों का कांग्रेस से पुराना रिश्ता है। क्योंकि इस सीट पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार वह हैं जो कभी कांग्रेस में हुआ करते थे। सीमा पुरी में आदमी पार्टी के वीर सिंह धिंगान, बीजेपी की कुमारी रिंकू और कांग्रेस की तरफ से राजेश लिलोठिया के बीच कड़ी टक्कर है। अभी तक की काउंटिंग में BJP की उम्मीदवार कु. रिंकू 3813 वोटों से आगे चल रही हैं। वहीं, AAP के वीर सिंह धींगान पीछे चल रहे हैं।
आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार वीर सिंह धिंगान तो सीमा पुरी से कांग्रेस के तीन बार विधायक रह चुके हैं। वहीं, बीजेपी की कुमारी रिंकू कांग्रेस की तरफ से निगम पार्षद रह चुकी हैं। इसके अलावा, राजेश लिलोठिया इससे पहले पटेल नगर सीट से विधायकी जीत चुके हैं। देखिए नतीजों के लाइव अपडेट…
लाइव अपडेट
AAP- (5,572 वोट)- समय 10:00 AM
BJP- (5,019 वोट)
अभी तक की काउंटिंग में BJP की उम्मीदवार कु. रिंकू 3813 वोटों से आगे चल रही हैं
सीमा पुरी | नाम | पार्टी |
आगे | कु. रिंकू | BJP |
पीछे | वीर सिंह धींगान | AAP |
सीमा पुरी विधानसभा सीट के बारे में
दिल्ली में कुल 70 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें से सीमा पुरी उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र का एक हिस्सा है। 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में यहां से आम आदमी पार्टी (AAP) के राजेंद्र पाल गौतम ने 88,392 वोटों के साथ जीत हासिल की थी। इस दौरान उनका मुकाबला लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के संत लाल से था, जो 32,284 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे। इसके अलावा, कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवार वीर सिंह धींगान थे, जिन्हे 7,661 वोट मिले थे।
2015 में सीमा पुरी सीट पर चुनाव के नतीजे
राजेंद्र पाल गौतम दिल्ली में AAP के बड़े दलित चेहरों में से एक थे। 2020 के विधानसभा चुनाव में सीमा पुरी सीट से विधानसभा सीट पर उन्होंने जीत दर्ज की। 79,777 वोटों के साथ उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार करमवीर को हराया था, जिनको 30,956 वोट मिले थे। वहीं, कांग्रेस के उम्मीदवार वीर सिंह धींगान 10,674 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे।
सीमा पुरी कब बसा?
न्यू सीमा पुरी के नाम से जाना जाने वाले क्षेत्र को 1970 में एक एक झुग्गी बस्ती के तौर पर बनाया गया था। इसके बसाए जाने की शुरुआत में बंगाल और बांग्लादेश के लोग बड़ी संख्या में रहते थे। धीरे-धीरे यहां पर उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, ओडिशा और मध्य प्रदेश जैसे कई राज्यों के लोग भी आकर रहने लगे।