Anti Sikh Riots: पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सिख विरोधी दंगों में हुई दो हत्याओं के मामले में दोषी करार दिया था। मंगलवार को उन्हें कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। 1984 सिख विरोधी दंगों के दौरान दिल्ली के सरस्वती विहार में जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह का मर्डर हुआ था। सज्जन कुमार दिल्ली से कांग्रेस के पूर्व सांसद रहे हैं। मामला 1 नवंबर 1984 का है। पूर्व सांसद के खिलाफ IPC की धारा 147/148/149/302/308/323/395/397/427/436/440 के तहत केस दर्ज किया गया था।
विशेष जांच दल (SIT) अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सज्जन कुमार भीड़ की अगुआई कर रहे थे। उनके उकसाने पर ही भीड़ ने दो सिखों को जिंदा जला दिया था। भीड़ ने घर में घुसकर घरेलू सामान लूटने के साथ तोड़फोड़ भी की थी। कई लोगों को भीड़ ने जमकर पीटा था। कई पीड़ितों के घर जला दिए गए थे। 1 नवंबर 2023 को कोर्ट में इस मामले के संबंध में सज्जन कुमार के बयान दर्ज किए गए थे। उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था।
यह भी पढ़ें:नीतीश कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, निदेशक मंडल की नियुक्ति रद्द करने का फैसला पलटा
उनके वकील की ओर से दलीलें दी गईं थी कि गवाह ने 16 साल बाद सज्जन कुमार का नाम लिया। सज्जन कुमार को इससे पहले दिल्ली कैंट इलाके में भड़के सिख विरोधी दंगों के मामले में भी उम्रकैद की सजा हो चुकी है। सज्जन कुमार का जन्म 23 सितंबर 1945 को दिल्ली में हुआ था। शुरुआत में उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। सज्जन ने बचपन में अपना गुजारा चाय बेचकर किया था।
1984 anti-Sikh riots case | Delhi’s Rouse Avenue court awards life sentence to Sajjan Kumar in the 1984 anti-Sikh riots case
He was convicted in a case related to the killing of a father-son duo in the Saraswati Vihar area on November 1, 1984.
Former Congress MP Sajjan Kumar… pic.twitter.com/ixktHeU9LJ
— ANI (@ANI) February 25, 2025
1980 में जीता लोकसभा चुनाव
70 के दशक में उन्होंने दिल्ली नगरपालिका का चुनाव जीता था, जिसके बाद वे संजय गांधी के करीब आ गए थे। पहली बार उन्होंने 1980 में लोकसभा चुनाव लड़ा, इस चुनाव में उन्होंने दिल्ली के सीएम रहे ब्रह्मा प्रकाश को हरा दिया था। इसके बाद सज्जन कुमार देशभर में चर्चित हुए थे।
संजय गांधी ने एक पांच सूत्रीय कार्यक्रम चलाया था, जिसमें सज्जन कुमार को अहम जिम्मेदारी मिली थी। दिल्ली में 31 अक्टूबर 1984 को पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या उनके सिख बॉडीगार्ड्स ने कर दी थी। पूर्व पीएम को गोलियों से छलनी कर दिया था। हत्या के बाद दिल्ली और आसपास के इलाकों में सिख विरोधी दंगे भड़क गए थे। इन दंगों में सैकड़ों सिख मारे गए थे।
यह भी पढ़ें:गोवा में एक्ट्रेस और उसकी सहेली से अश्लील हरकत, युवतियों की आपबीती सुन दंग रह गई पुलिस; जानें मामला