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जब पुलिसवाले कम हैं 9 हजार तो दिल्ली में कैसे रुकेगा ‘जुर्म’; पोस्टें होंगी खाली तो कैसे मनेगी दिवाली?

Delhi police vacant post: दिल्ली में लगातार अपराधियों का बोलबाला बढ़ रहा है। रोज महिलाओं के खिलाफ अपराध, हत्या और लूट की वारदात सामने आ रही हैं। दिल्ली पुलिस में अभी कई पद अफसरों और कांस्टेबलों के खाली हैं। कई रैंकों पर भर्ती नहीं की गई है। जिसके कारण बढ़ रही आबादी के सामने पुलिस की तादाद लगातार बौनी हो रही है।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Oct 22, 2023 11:29
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दिल्ली पुलिस में सिपाहियों की कमी लगातार बढ़ रही है। फोटो क्रेडिट-एएनआई

Delhi police vacant post: दिल्ली पुलिस में लगातार पद खाली होते जा रहे हैं। भर्ती न होने के कारण काफी पद खाली हैं। दिल्ली में फिलहाल 50890 सिपाहियों के पद स्वीकृत हैं। लेकिन 9267 पद खाली पड़े हैं। जिसके कारण लगातार बढ़ रही आबादी के आगे पुलिस की तादाद कम होती जा रही है। इस समय दिल्ली में आबादी के हिसाब से पुलिस को बढ़ाने की जरूरत है। पुलिस की कमी के कारण दिल्ली में लगातार स्ट्रीट क्राइम बढ़ रहा है। रोज कहीं न कहीं लूट, झपटमारी की वारदात हो रही हैं।

महिलाएं बदमाशों के निशाने पर, कब रुकेंगी वारदात

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महिलाओं को भी बदमाश अपने निशाने पर ले रहे हैं। पुलिस की कमी का असर थानों, चौकियों और बीट पर देखा जा सकता है। पुलिस में अभी 41623 सिपाही हैं। एसीपी 177 हैं, लेकिन पद 346 स्वीकृत हैं। इंस्पेक्टर 1452 चाहिए। तैनात 1431 हैं। 8085 एसआई की जरूरत है, जबकि पोस्टेड सिर्फ 6144 हैं। एएसआई 7312 चाहिए, जबकि ड्यूटी पर 7062 हैं। 23708 हवलदारों की जरूरत है, लेकिन कार्यरत 21753 हैं।

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गृह मंत्रालय की ओर से भी सिपाहियों के पदों को भरने की कवायद शुरू नहीं की गई है। थानों और यूनिटों के लिए हर हाल में सिपाही चाहिए। जिसकी कमी से न तो क्राइम रेट गिर रहा है। न ही अपराधी पकड़े जा रहे हैं। लगातार पुलिस के सामने चुनौती खड़ी हो रही है। सिपाहियों की कमी के कारण लगातार राजधानी की सड़कें सूनी नजर आती हैं।

लोगों की डिमांड-सड़कों पर दिखे पुलिस

लोगों का कहना है कि अगर पुलिस नहीं दिखाई देगी, तो लूटपाट और झपटमारी के मामले कैसे रुकेंगे। हालांकि कोरोना के बाद से लगातार भर्ती की कवायद शुरू हुई थी, लेकिन फिर भी पुलिस के पद नहीं भरे जा रहे हैं। इसके पीछे वजह भी खास है। एक बार भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने के लिए दो साल लगते हैं। लेकिन इसी बीच जितने लोग फोर्स में आते हैं। उससे ज्यादा रिटायर हो जाते हैं। जिसके कारण हाल यही रहता है।

 

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Written By

Parmod chaudhary

First published on: Oct 22, 2023 11:15 AM

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