Swami Chaitanyananda Arrested: दिल्ली पुलिस ने देर रात स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती को आगरा के एक होटल से गिरफ्तार कर लिया. टीम आगरा से दिल्ली के लिए रवाना हो गई है और आज बाद में स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती को अदालत में पेश करेगी. दिल्ली पुलिस ने आगरा स्थित होटल के कमरे में 15 मिनट तक आरोपी से पूछताछ की, इसके बाद पुलिस उसे अपने साथ ले गई.
मिली जानकारी के अनुसार, फरारी के दौरान बाबा ने 13 होटल बदले. बाबा ने ऐसी लोकेशन चुनी जो साधु संत से भरी हुई थी. वहीं, BMW कार मठ के नाम पर है. बाबा चैतन्यानंद ने अपना ट्रस्ट भी खोल लिया था.
बाबा के फर्जीवाड़े का कच्चा चिट्ठा
मिली जानकारी के अनुसार, 1998 में दिल्ली के LG ने वसंत कुंज में शारदा पीठ को यह प्लॉट आंवटित किया था जिस पर ये मठ है. बाबा को कुछ सीमित कामों के लिए मठ का अटार्नी बनाया गया था. 2008 में बाबा ने बिना इजाजत के कुछ लोगों के साथ मिलकर इंस्टीट्यूट का नाम बदल दिया. फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मठ में 40 करोड़ रुपए का घपला किया गया और बिना परमिशन से मठ की प्रॉपर्टी को किराए पर दे दिया गया.
बाबा के पास हैं दो फर्जी पासपोर्ट
आरोपी बाबा के पास दो पासपोर्ट हैं, पहले पासपोर्ट स्वामी पार्थ सारथी के नाम से और दूसरा पासपोर्ट स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के नाम से है. बाबा ने यह दोनों पासपोर्ट फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हासिल किए.
वहीं, पहले पासपोर्ट में बाबा ने अपने पिता का नाम स्वामी घनानंद पुरी और मां का नाम शारदा अंबा लिखाया था. जबकि दूसरे पासपोर्ट में उसने अपने पिता का नाम स्वामी दयानंद सरस्वती और मां का नाम शारदा अम्बल लिखाया था. पहले पासपोर्ट में जन्म स्थान दार्जिलिंग लिखाया गया जबकि दूसरे पासपोर्ट में जन्म स्थान तमिलनाडु लिखाया था.
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जांच में यह भी बात सामने आई कि आरोपी के पैन कार्ड में पिता का नाम स्वामी घनानंद पुरी लिखवाया था. आरोपी के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में दो AC थे और दोनो अलग-अलग नामों से थे.
खुद को आध्यात्मिक गुरु बताता था बाबा
बता दें कि स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी खुद को आध्यात्मिक गुरु, धार्मिक और सामाजिक कार्यकर्ता बताता है और दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में खुले जिस आश्रम का वह संचालक है, वह दक्षिण भारत के मशहूर शिक्षण संस्थान की ब्रांच है. आश्रम में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के छात्र-छात्राओं को मैनेजमेंट डिप्लोमा कोर्स करने के लिए स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है. लेकिन छात्राओं को स्कॉलरशिप का लालच देकर स्वामी ने छात्राओं को अपना शिकार बनाया. मामले में स्टाफ और वार्डन पर भी आरोप लगे हैं, लेकिन अभी उनकी भूमिका स्पष्ट नहीं हुई है.
विजिटिंग कार्ड में खुद को बताया UN का मेंबर
जानकारी के अनुसार, बाबा के पास जो विजिटिंग कार्ड मिले हैं उसमें एक विजिटिंग कार्ड यूनाइटेड नेशन का है जिसमे बाबा ने खुद को परमानेंट मेंबर बताया है. जबकि दूसरा विजिटंग कार्ड BRICS का है जिसमें बाबा ने खुद को कमीशन का मेंबर और इंडियन स्पेशल एनवॉय बताया है.

3 फोन 1 ipad और फर्जी विजिटिंग कार्ड
डीसीपी साउथ वेस्ट अमित गोयल ने बताया कि हमने आज सुबह आगरा से इसकी गिरफ्तारी की है. हमें कल इस मामले में इनपुट मिला था उसके आधार पर हमारी टीम ने रेड डाली और बाबा को गिरफ्तार किया.
उन्होंने आगे कहा, बाबा की तलाश में हमारी टीम ने हरियाणा, बिहार, राजस्थान, उत्तराखंड से लेकर पश्चिम बिहार तक रेड की थी. इसने फरारी के दौरान सबसे ज्यादा समय मथुरा वृंदावन में ही काटा था. इसके पास फर्जी विजिटिंग कार्ड मिले हैं. इसके पास 3 फोन और 1 Ipad बरामद हुआ है. आज इसकी गिरफ्तारी छात्राओं के यौन उत्पीड़न वाले मामले में की है. वित्तीय घोटाले वाले मामले में भी इसकी जांच की जाएगी और फिर उसमें भी गिरफ्तारी की जाएगी.