Delhi Minor Girl Panic Attacks : देश की राजधानी दिल्ली में 12वीं की छात्रा से दुष्कर्म की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है नए-नए खुलासे हो रहे हैं। आरोप है कि महिला एवं बाल विकास विभाग में बतौर अधिकारी तैनात प्रमोदय खाखा ने न केवल अपनी दोस्ती की बेटी से अपने ही घर में दुष्कर्म किया, बल्कि दरिंदगी से उसे मानसिक तौर पर बीमार भी बना दिया। इसके चलते उसे पैनिक अटैक आने लगे। यह भी कहा जा रहा है कि पैनिक अटैक की वजह से ही पूरा मामला संज्ञान में आया।
उधर, बार-बार पैनिक अटैक से परेशान मां जब अपनी नाबालिग बेटी को साइक्लोजिकल थेरेपी के लिए लेकर गई तो छात्रा ने अपने साथ हुई दरिंदगी की बात बताई। इस पर डाक्टर के साथ मां के भी होश उड़ गए। वह बेटी के गले लग कर रो पड़ी। अब कहा जा रहा है कि अगर नाबालिग को यह पैनिक अटैक नहीं आता तो अधिकारी की दरिंदगी का सिलसिला और अधिक समय तक चलता।
दरिंदगी की हदें पार कर चुका था अधिकारी
उधर, बताया जा रहा है कि आरोपित अधिकारी प्रेमोदय खाखा दरिंदगी की सारी हदें पार कर चुका था। यह भी जानकारी सामने आई है कि लगातार अधिकारी की दरिंदगी की शिकार हो रही नाबालिग जब गर्भवती हो गई तो उसने उसका गर्भपात करा दिया। यह भी गंभीर आरोप है कि इस गर्भपात में अधिकारी की पत्नी ने साथ दिया था।
उधर, इस मुद्दे पर सियासत भी जारी है। भाजपा नेताओंं का आरोप है कि नाबालिग से दुष्कर्म का आरोपी अधिकारी अरविंद केजरीवाल सरकार का पसंदीदा था। डब्ल्यूसीडी मंत्री के ओएसडी के रूप में काम करने के लिए चुना गया था। अच्छा होगा कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल अपना ड्रामा रोकें और इस मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल को जवाब देना चाहिए कि दुष्कर्म के अधिकारी को अपने मंत्री का ओएसडी बनाने के लिए क्यों चुना गया?
उधर, दिल्ली भाजपा नेता बांसुरी स्वराज ने भी अधिकारी को निलंबित करने में देरी पर सवाल उठाते हुए आम आदमी पार्टी सरकार पर हमला किया। स्वराज ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि जब 13 अगस्त को एफआईआर दर्ज की गई थी, तो अधिकारी को निलंबित करने में इतना समय क्यों लिया गया और मंत्री आतिशी इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं? यह अलग बात है कि मंत्री आतिशी ने अपनी सफाई में यह कहा है कि वह अधिकारी उनके साथ नहीं जुड़ा था।