---विज्ञापन---

केजरीवाल सरकार ला रही प्रीमियम बस योजना; अब दिल्लीवाले अपनी कारों को छोड़ लग्जरी बसों में करेंगे सफर

नई दिल्ली: सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार अपने पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेक्टर में क्रांतिकारी बदलाव लाने जा रही है। विकसित देशों की तरह ही दिल्ली में रहने वाले लोग भी अब आने वाले दिनों में आरामदायक लग्जरी बसों में सफर कर पाएंगे। इससे न केवल सड़कों से निजी वाहनों की भीड़ खत्म होगी, […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: May 8, 2023 17:45
Share :
Delhi News, CM Arvind Kejriwal, Delhi govt, Premium Bus Scheme

नई दिल्ली: सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार अपने पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेक्टर में क्रांतिकारी बदलाव लाने जा रही है। विकसित देशों की तरह ही दिल्ली में रहने वाले लोग भी अब आने वाले दिनों में आरामदायक लग्जरी बसों में सफर कर पाएंगे। इससे न केवल सड़कों से निजी वाहनों की भीड़ खत्म होगी, बल्कि वायु प्रदूषण में भी सुधार आएगा।

सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि आर्थिक रूप से सक्षम लोगों को निजी वाहनों से पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर शिफ्ट करने के उद्देश्य से दिल्ली मोटर व्हीकल्स लाइसेंस ऑफ एग्रीगेटर (प्रीमियम बसें) स्कीम 2023 लाई जा रही है। भारत में यह पहली बार होगा, जब दिल्ली की सड़कों पर लग्जरी प्रीमियम बसें दौड़ेंगी। इन बसों में एप या वेब से ही टिकट की बुकिंग होगी और सभी को सीट अवश्य मिलेगी। दिल्ली सरकार ने स्कीम को अंतिम रूप दे दिया है और अब इसे मंजूरी के लिए एलजी के पास भेजा जा रहा है।

---विज्ञापन---

दिल्ली ट्रांसपोर्ट सिस्टम विश्व स्तरीय बनाने की कोशिशः केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को प्रेस वार्ता कर प्रीमियम बस योजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हम देश की राजधानी दिल्ली का ट्रांसपोर्ट सिस्टम विश्व स्तरीय बनाने की कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली का ट्रांसपोर्ट सेक्टर दुनिया के सबसे विकसित देशों के बराबर होना चाहिए। दिल्ली में ट्रैफिक बहुत ज्यादा है, क्योंकि निजी वाहन ज्यादा हैं। अगर कार और स्कूटर पर सफर करने वाले लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर ले जाना है तो हमें इसे आरामदायक, सुरक्षित और इसकी टाइमिंग सुनिश्चित करनी होगी।

दिल्ली के ट्रांसपोर्ट सेक्टर में सबसे बड़ी क्रांति तब आई थी, जब मेट्रो शुरू हुई थी। मीडिल और अपर मीडिल क्लास अपनी गाड़ियां छोड़ कर मेट्रो से जाना शुरू किया। इससे दिल्ली की सड़कों पर काफी वाहनों की कमी आई थी। लेकिन धीरे-धीरे दिल्ली की सड़कों पर ट्रैफिक काफी बढ़ गया है। मेट्रो खचाखच भर गई हैं। मेट्रो में लोगों को बैठने की जगह नहीं मिलती है और सफर आरामदायक नहीं है। इसलिए काफी लोग वापस अपनी गाड़ियों से सफर करने लगे हैं।

---विज्ञापन---

केवल ऑनलाइन टिकट लेकर ही होगा सफर 

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में डीटीसी और क्लस्टर्स की बसें हैं। इन बसों को अधिकतर लोअर मीडिल क्लास के लोग इस्तेमाल करते हैं। दिल्ली में एसी बसें भी हैं, लेकिन उसमें सीट की कोई गारंटी नहीं है। इन बसों में सफर उतना आरामदायक नहीं है, जो अपर मीडिल क्लास और मीडिल क्लास उम्मीद करता है। इन वर्गो की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए हम पिछले चार-पांच साल से प्रीमियम बस योजना पर काम कर रहे थे।

पूरे देश के अंदर यह अपने तरह का पहला प्रयोग है। पूरे देश में इस तरह की प्रीमियम बसें एक स्कीम के तहत कहीं नहीं चलाई गई हैं। इसके लिए हम दिल्ली मोटर व्हीकल्स ऑफ एग्रीगेटर (प्रीमियम बसें) स्कीम 2023 ला रहे हैं। ये प्रीमियम बसें आरामदायक होंगी। दो गुना दो की बसें होंगी। सभी बसें वातानुकूलित होंगी। इनमें वाई फाई, जीपीएस, सीसीटीवी, पैनिक बटन की सुविधा होगी।

प्रीमियम बसों में सफर करने के लिए टिकट की बुकिंग एप या वेब आधारित होगी। किराए का भुगतान डिजिटली करना होगी। कोई भी खड़ी सवार को बस में चढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। टिकट लेने वाले लोगों को शर्तियां तौर पर सीट मिलेगी।

कारों को छोड़ प्रीमियम बसों में शिफ्ट होंगे लोगः सीएम

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस तरह की स्कीम पहली बार लाई जा रही है। हम इन बसों में सफल करने की क्षमता रखने वाले अपर मीडिल क्लास और मीडिल क्लास को टारगेट कर रहे हैं। जो लोग रोजाना अपनी कार लेकर जाते हैं और पेट्रोल खर्च करते हैं, इनको लक्षित किया जा रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि लोगों को अगर आरामदायक सफर का विकल्प मिलेगा तो वे अपनी कार छोड़कर प्रीमियम बसों की तरफ शिफ्ट करेंगे।

इलेक्ट्रिक बसें लाने पर एग्रीगेटर को लाइसेंस फीस नहीं देनी होगी

सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रीमियम बसों के लाइसेंसिंग शर्तों के बारे में बताया कि इसमें तीन साल से पुराने बस को अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रीमियम बस स्कीम के तहत जो भी बसें लाई जाएंगी, वो तीन साल से पुरानी नहीं होंगी। सारी बसें सीएनजी की होंगी। 01 जनवरी 2024 के बाद जो भी बस खरीदी जाएंगी, वो सभी इलेक्ट्रिक की होंगी। इसके तहत एग्रीगेटर को लाइसेंस दिया जाएगा।

इसमें उसे कुछ लाइसेंस फीस देनी होगी। वहीं, इलेक्ट्रिक बसें लाने वाले एग्रीगेटर को कोई लाइसेंस फीस नहीं देनी होगी। इसके पीछे हमारा मकसद है कि अधिक से अधिक लोग इलेक्ट्रिक बसें लाने के लिए प्रोत्साहित हों। सभी बसों में कम से 12 सीटें होनी चाहिए। इससे ज्यादा कितनी भी सीेटें हो सकती हैं। एग्रीगेटर को पहले सरकार से लाइसेंस लेना होगा। एक एग्रीगेटर को लाइसेंस मिलने के 90 दिन के अंदर कम से कम 50 बसें चलानी और मेंटेंन करनी होगी।

एग्रीगेटर ही मार्केट के हिसाब से किराया तय करेगा 

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस स्कीम में खास बात यह है कि बसों को चलाने के लिए रूट का निर्धारण दिल्ली सरकार नहीं करेगी, बल्कि ट्रैफिक के अनुसार एग्रीगेटर खुद बसों का रूट तय करेगा, लेकिन उसे दिल्ली सरकार को इसकी सूचना देनी होगी।

जहां ट्रैफिक अधिक हैं, वहां ज्यादा बसें चलेंगी। एग्रीगेटर ही मार्केट के अनुसार प्रीमियम बसों का किराया तय करेगा। दिल्ली सरकार की एक ही शर्त है कि डीटीसी के किराए से प्रीमियम बस का किराया अधिक होना चाहिए। प्रीमियम बसों का एक ‘लोगो’, कलर कोड और यूनिफार्म तय किया जा रहा है। एग्रीगेटर बस के अंदर विज्ञापन कर राजस्व प्राप्त कर सकता है।

मील का पत्थर साबित होगी प्रीमियम बस स्कीम

सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली सरकार ने प्रीमियम बस योजना को अंतिम रूप दे दिया है। अब इसे मंजूरी के लिए एलजी के पास भेजा जा रहा है। दिल्ली की प्रशासनिक व्यवस्था के अंतर्गत एलजी को तय करना है कि वो इस स्कीम को राष्ट्रपति को भेजेंगेे या फिर दिल्ली सरकार को आगे बढ़ने की इजाजत देंगे।

चूंकि यह जन कल्याण की स्कीम है। इसलिए हमें उम्मीद है कि एलजी इसे अपनी मंजूरी दे देंगे। एलजी से मंजूरी मिलने के बाद दिल्ली की जनता का फीडबैक लेने के लिए स्कीम को वेबसाइट पर डालेंगे। जनता से एक महीने तक फीडबैक लिया जाएगा। फीडबैक के आधार आवश्यक बदलाव किए जाएंगे और जल्द से जल्द यह योजना दिल्ली में लागू कर दी जाएगी। मैं समझता हूं कि यह स्कीम सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि पूरे देश के अंदर ट्रांसपोर्ट सिस्टम के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।

एग्रीगेटर को बतौर लाइसेंस शुल्क 5 लाख देने होंगे

ये प्रीमियम बसें केवल दिल्ली में संचालित होंगी। हर बस में 12 से अधिक सवारियों को बैठने की क्षमता होगी। बस पूरी तरह वातानुकूलित, वाई-फाई, जीपीएस, सीसीटीवी, पैनिक बटन युक्त होगी। बस के अंदर दोनों तरफ दो-दो सीटें होंगी। इसके लिए एग्रीगेटर को 5 साल के लिए लाइसेंस दिया जाएगा। सरकार ने लाइसेंस फी भी तय कर दिया है। इसके तहत नया लाइसेंस लेने के लिए 5 लाख रुपए देने होंगे।

लाइसेंस का नवीनीकरण, डुप्लीकेट लाइसेंस लेने और एड्रेस चेंज कराने पर 2500 रुपए बतौर शुल्क देने होंगे। जबकि इलेक्ट्रिक बस लाने वाले एग्रीगेटर को लाइसेंस फीस नहीं देनी होगी। वहीं, एग्रीेग्रेटर को लाइसेंस लेने के लिए सिक्युरिटी भी जमा करनी होगी। अगर एग्रीगेटर 100 बस लाना चाहता है तो इसके लिए एक लाख रुपए बतौर सिक्युरिटी जमा करना होगा। इसी तरह, 1000 तब बसें लाने पर 2.50 लाख रुपए और 1000 से अधिक बसें लाने पर 5 लाख रुपए जमा करने होंगे।

एग्रीग्रेटर को लाइसेंस प्राप्त करने की पात्रता शर्तें

एग्रीग्रेटर के पास सार्वजनिक या साझा परिवहन में वाहनों के संचालन व प्रबंधन का कम से कम 3 वर्ष का अनुभव होना चाहिए। हर साल कम से कम 100 बसें लानी होगी या हर वर्ष कम से कम 1000 यात्री कारों का बेड़ा लाना होगा। एग्रीगेटर कार और बसों का मिश्रित बेड़ा भी ला सकता है। 10 कारें एक बस के बराबर होंगी। एक अनुबंध कैरिज परमिट होना चाहिए। सीएनजी बसें 3 साल से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए। 1 जनवरी 2024 के बाद केवल इलेक्ट्रिक नई बसें शामिल की जाएंगी। इनका एनसीआर के अंदर कॉर्पाेरेट या शाखा कार्यालय होना चाहिए

एग्रीगेटर को कम से कम 50 बसों का करना होगा संचालन

एग्रीगेटर लाइसेंस मिलने के 90 दिनों के अंदर कम से कम 50 प्रीमियम बसों का संचालन और रखरखाव करेगा। एग्रीगेटर द्वारा मार्गों की पहचान और चयन किया जाएगा और परिवहन विभाग को इसकी सूचना देगा। एग्रीगेटर ही किराया तय करेगा जो डीटीसी एसी बस के अधिकतम किराए से कम नहीं होगा।

एप या वेब आधारित होगी टिकट की बुकिंग

प्रीमियम बसों में सफर करने के लिए यात्रियों को टिकट की बुकिंग करनी होगी। यह टिकट केवल मोबाइल और वेब से किया जा सकेगा। एप या वेब-आधारित प्लेटफॉर्म के जरिए सीटों को पहले ही आरक्षित कर सकेंगे। सभी भुगतान एप या वेब प्लेटफॉर्म पर डिजिटल रूप से किए जाएंगे। टिकट की बुकिंग वन दिल्ली एप पर भी की जा सकती है।

एग्रीगेटर बसों में कर सकेगा ब्रांडिंग और विज्ञापन

दिल्ली सरकार ने एग्रीगेटर को राजस्व जुटाने के लिए बस के अंदर ब्रांडिंग और विज्ञापन भी करने की अनुमति होगी। सभी बसों में एक जैसे रंग और लोगो का पालन किया जाएगा। एग्रीगेटर बस के अंदर विज्ञापन कर अपने लिए राजस्व पैदा कर सकता है। लेकिन निर्धारित शर्तों का उल्लंघन करने पर एमवी अधिनियम 1988 की धारा 193 के अनुसार जुर्माना होगा। अगर 90 दिनों के भीतर बसों (50) का संचालन नहीं किया जाता है, तो सिक्युरिटी राशि जब्त कर ली जाएगी।

HISTORY

Edited By

Naresh Chaudhary

First published on: May 08, 2023 05:45 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें