दिल्ली हाई कोर्ट से होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन को बड़ा झटका लगा है। अब होटल-रेस्टोरेंट खाने-पीने के बिल के साथ सर्विस टैक्स और टिप नहीं जोड़ सकते हैं। अगर किसी ने ऐसा किया तो भारी जुर्माना लगेगा। इसे लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को अहम फैसला सुनाया है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि सर्विस टैक्स और टिप उपभोक्ताओं द्वारा स्वैच्छिक भुगतान है और इसे होटलों या रेस्तरां की ओर से बिल में नहीं जोड़ा जा सकता है। HC ने कहा कि रेस्टोरेंट या होटल बिल के साथ सर्विस टैक्स नहीं लगा सकते हैं। अगर ऐसा किया जाता है तो यह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन है।
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रेस्टोरेंट एसोसिएशन की याचिका खारिज
हाई कोर्ट ने सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) के दिशा-निर्देश की वैधता को बरकरार रखा, जिसके तहत होटल और रेस्तरां को बिल के साथ सेवा शुल्क नहीं लगाने को कहा गया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने CCPA के दिशा-निर्देशों को चुनौती देने वाले रेस्टोरेंट एसोसिएशन की याचिका को खारिज कर दिया।
1 लाख रुपये का लगेगा जुर्माना
HC ने यह भी आदेश दिया कि अगर किसी रेस्टोरेंट या होटल ने बिल के साथ सर्विस टैक्स या टिप जोड़ा तो उसके खिलाफ 1 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। भारत सरकार के उपभोक्ता मामले के विभाग को इस जुर्माने का भुगतान एसोसिएशन को करना है। सीसीपीए की ओर से नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (NCH) किया गया है, जहां कस्टर सर्विस चार्ज के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
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