दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। उनके सरकारी आवास में मिले बेहिसाब कैश मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जांच के आदेश दिए। इसे लेकर SC ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है। ये कमेटी यशवंत वर्मा के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करेगी।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी। इस कमेटी में पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शील नागु, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी.एस. संधावालिया और कर्नाटक हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनु शिवरामन शामिल हैं।
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The Chief Justice of the High Court of Delhi for the time being has been asked not to assign any judicial work to Justice Yashwant Varma. The Report submitted by the Chief Justice of the High Court of Delhi, response of Justice Yashwant Varma, and other documents, are being…
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) March 22, 2025
तीन सदस्यीय करेगी जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ जांच
तीनों हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ जांच करेंगे और सीजेआई को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से कहा गया है कि जस्टिस यशवंत वर्मा को कोई ज्यूडिशियल वर्क नहीं दिया जाएगा। मतलब जांच पूरी होने तक जस्टिस वर्मा किसी भी केस की सुनवाई नहीं करेंगे।
जानें क्या लगा है आरोप?
दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय ने सीजेआई संजीव खन्ना को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें जस्टिस यशवंत वर्मा का जवाब और अन्य दस्तावेज शामिल हैं। ये रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड होगी। आपको बता दें कि जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से बेहिसाब कैश मिले थे, जिसके बाद उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे।
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