नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अशोक रोड पर कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट बिल्डिंग के निर्माण और अरकपुर बाग मोची में पश्चिमी रेलवे के बहुमंजिला आवासीय भवन के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया है। राज्य सरकार ने कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट बिल्डिंग की साइट में आड़े आ रहे 107 पेड़ों के मुकाबले 1070 नए पौधे लगाने की शर्त रखी गई है, वहीं रेलवे की साइट से 96 पेड़ों को शकूरबस्ती के पास प्रत्यारोपित किया जाएगा। साथ ही प्रभावित जगह पर भी 960 नए पौधे लगाए जाएंगे।
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नए कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट बिल्डिंग के प्रोजेक्ट साइट से 107 तो रेलवे की साइट से 96 पेड़ों को दूसरी जगह किया जाएगा प्रत्यारोपित
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केजरीवाल सरकार ने दोनों साइट्स पर 10 गुणा पौधरोपण करने की रखी शर्त
दरअसल, इन दिनों दिल्ली में सभी केंद्रीय प्रशासनिक कार्यालयों के लिए एक बिल्डिंग की जरूरत है और इसके कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट का निर्माण कार्य जोरों पर है। सीपीडब्ल्यूडी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत भवन निर्माण का प्रस्ताव दिया है। विभाग का उद्देश्य इस जगह को केंद्र सरकार के प्रशासनिक कार्यालयों के लिए अत्याधुनिक सुविधा विकसित करना है। हालांकि साइट पर पेड़ों के कुछ पैच निर्माण में बाधा डाल रहे हैं। सीपीडब्ल्यूडी ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर साइट को खाली करने के लिए 107 पेड़ों को हटाने और ट्रांसप्लांट करने की मंजूरी मांगी थी। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने संबंधित प्रस्ताव को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा तो उन्होंने (मुख्यमंत्री केजरीवाल ने) 107 पेड़ों के प्रत्यारोपण को मंजूरी दे दी है। इन सभी पेड़ों का प्रत्यारोपण बदरपुर स्थित एनटीपीसी इको पार्क में होगा। प्रत्यारोपित पेड़ों की वजह से संबंधित जगह के पर्यावरण पर पड़ने वाले असर को कम करने के लिए सीपीडब्ल्यूडी को आवश्यक शर्तें पूरी करने के तुरंत बाद प्रक्रिया शुरू करने और 4 महीने के भीतर इसे पूरा करने के लिए कहा गया है।
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दूसरी ओर अरकपुर बाग मोची में बनने वाले पश्चिमी रेलवे के बहुमंजिला आवासीय भवन के निर्माण की जरूरत के चलते उत्तर रेलवे ने दिल्ली सरकार से मोती बाग के पास कुल 162 पेड़ों में से 96 पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने का अनुरोध किया था। इस मामले पर एक रिपोर्ट पश्चिम वन प्रभाग के वृक्ष अधिकारी (डीसीएफ) को दी गई, जिन्होंने इसकी जांच की। वृक्ष अधिकारी के अनुसार क्षेत्र में पेड़ों की कुल संख्या 162 है और इसमें से 96 पेड़ों को प्रत्यारोपण के लिए प्रस्तावित किया गया। इस प्रस्ताव को भी दिल्ली सरकार ने मंजूरी दे दी है। सरकार के आदेश के मुताबिक 96 पेड़ों को प्रत्यारोपित किया जाएगा और एक भी पेड़ को काटया छांटा नहीं जाएगा। इतना ही नहीं, इस प्रत्यारोपण के एवज में मादीपुर मेट्रो स्टेशन के पास रामपुरा, शकूरबस्ती और मस्जिद हजरत सैयद भूरेशाह के पास 1.1136 हेक्टेयर क्षेत्र पर वृक्षारोपण किया जाएगा। वन विभाग के अधिकारियों ने साइट का निरीक्षण किया तो और पाया कि दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1994 के अनुसार 960 पौधे लगाने के लिए यह जगह पर्याप्त है।
इन दोनों मामलों में खास बात यह भी है कि पेड़ों के प्रत्यारोपण के बदले में दिल्ली की मिट्टी और जलवायु के अनुकूल विभिन्न प्रजातियों के पेड़ लगाए जाएंगे। इनमें नीम, अमलतास, पीपल, पिलखन, गूलर, बरगद, देसी कीकर और अर्जुन समेत अन्य प्रजातियां शामिल हैं। गैर वन भूमि पर 6 से 8 फीट ऊंचाई के पौधे लगाए जाएंगे। दिल्ली सरकार ने अपने आदेश में दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1994 का हवाला दिया है। कहा गया है कि संबंधित साइट पर मार्क किए गए पेड़ों के अलावा एक भी पेड़ को नुकसान न पहुंचाया जाए। अगर ऐसा किया गया तो यह दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1994 के तहत अपराध माना जाएगा। इसके अलावा यदि किसी पेड़ पर पक्षियों का घोंसला पाया जाता है तो उसे तब तक काटने या रोपने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जब तक कि पक्षी उस पेड़ को छोड़ न दें। साथ ही पेड़ों की टहनियों और लकड़ी को कटाई के 90 दिनों के भीतर निकटतम श्मशान में मुफ्त में भेजा जाएगा।
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