नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने हरियाणा से आ रहे यमुना के पानी में भारी मात्रा में मौजूद अमोनिया व अन्य प्रदूषक तत्वों को ट्रीट करने के मामले में आत्म निर्भर बनने का निर्णय लिया है। दिल्ली सरकार वजीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के पास बने यमुना में तालाब पर एक अमोनिया रिमूवल प्लांट लगाएगी।
पहले इस प्लांट में यमुना का पानी ले जाकर ट्रीट किया जाएगा
पहले इस प्लांट में यमुना का पानी ले जाकर ट्रीट किया जाएगा ताकि अमोनिया की मात्रा को कम किया जा सके। इसके बाद ट्रीटेड पानी को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में ले जाकर साफ किया जाएगा और फिर दिल्ली के घरों में आपूर्ति की जाएगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया।
छह महीने के अंदर अमोनिया रिमूवल प्लांट लगाया जाए
मुख्यमंत्री ने दिल्ली जल बोर्ड को अगले छह महीने के अंदर अमोनिया रिमूवल प्लांट लगाकर इस समास्या का समाधान करने का निर्देश दिया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की जनता को भरपूर और साफ पानी उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली सरकार प्रतिबद्ध हैं। हरियाणा के सोनीपत व पानीपत से आने वाले औद्योगिक कचरे से पानी में पैदा हुए अमोनिया को साफ करने के लिए हम जल्द ही तकनीक का इस्तेमाल करेंगे। बैठक में जल मंत्री सौरभ भारद्वाज, मुख्य सचिव, डीजेबी के सीईओ समेत संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
प्लांट लगाने के लिए दो तरह से कार्य किए जाएंगे
दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि विभाग ने प्रोजेक्ट के तकनीकी कार्य व्यवहार्यता पूरी कर ली है। इसके तहत दो तरह से कार्य किए जाएंगे। पहला यह है कि यमुना के पानी में मौजूद अमोनिया को जितना हो सके, उतना वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रीट कर कम करने का प्रयास किया जा रहा है। दूसरा यह है कि दिल्ली जल बोर्ड द्वारा अमोनिया को इन-सीटू ट्रीटमेंट करने के लिए तकनीक का भी सहारा लिया जाएगा। इसके लिए टेक्निकल रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
हरियाणा से यमुना के माध्यम दिल्ली को जो पानी मिलता है
हरियाणा से यमुना के माध्यम दिल्ली को जो पानी मिलता है, उस पानी का इस्तेमाल दिल्ली के वजीराबाद और चंद्रावल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में किया जाता है। अधिकारियों ने बताया कि बीते 11 दिसंबर से हरियाणा से दिल्ली को लगभग शून्य पानी मिल रहा है। वजीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के पास यमुना में जो पानी दिखाई दे रहा है, वो पानी वास्तव में यमुना का नहीं है, बल्कि पानीपत और सोनीपत का औद्योगिक वेस्ट है, जो उनके नालों के जरिए यमुना में आ रहा है। यह पानी बिल्कुल काले रंग का है। इस पानी में प्रदूषक तत्वों की मात्रा इतनी ज्यादा है कि उसको वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से ठीक कर पाना बड़ा मुश्किल है। अधिकारियों ने बताया कि यमुना में आ रहे गंदे पानी के मुद्दे पर हरियाणा सरकार को दिल्ली जल बोर्ड द्वारा कई पत्र भी लिखे गए हैं। लेकिन उन पत्रों का हरियाणा सरकार ने कोई संज्ञान नहीं लिया है।