नई दिल्ली: दिल्ली की जनता को सांस लेने लायक स्वच्छ वातावरण मुहैया कराने की दिशा में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है। इसमें तेजी लाने के उद्देश्य से सोमवार को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कंस्ट्रक्शन में लगी विभिन्न सरकारी और निजी एजेंसियों के 200 से अधिक प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। उन्होंने इस बैठक में मंथन के बाद धूल प्रदूषण रोकने के लिए सरकार की तरफ से जारी 14 सूत्रीय दिशा-निर्देशों का पालन करने के सख्त निर्देश दिए। इसके अलावा बताया कि सरकार आने वाले सर्दी के मौसम में भी प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए 15 अहम बिंदुओं को ध्यान में रखकर एक्शन प्लान तैयार कर रही है।
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दिल्ली सचिवालय में हुई सरकारी और प्राइवेट निर्माण एजेंसियों के साथ बैठक में दिए गए साइट पर काम कर रहे कर्मचारियों को ट्रेनिंग देना अनिवार्य करने के निर्देश
बैठक में विभिन्न निर्माण एजेंसियों के प्रतिनिधियों को धूल प्रदूषण रोकने के लिए सरकार की तरफ से जारी 14 सूत्रीय दिशा-निर्देशों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए मंत्री गोपाल राय ने कहा कि मानदंडों का पालन नहीं करने वाली एजेंसियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी और प्राईवेट निर्माण एजेंसी को गाइडलाइन के संदर्भ में कंस्ट्रक्शन कर्मचारियों को साइट पर ही ट्रेनिंग देना अनिवार्य है। ट्रेनिंग सामग्री डीपीसीसी द्वारा एजेंसी को उपलब्ध कराई जाएगी। 5 हजार वर्ग मीटर वाली कंस्ट्रक्शन साइट पर संबंधित एजेंसी को एंटी स्मॉग गन लगाना सुनिश्चित करना ही होगा। उधर इस बैठक में उपस्थित प्रतिनिधियों से सुझाव भी मांगे गए। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि प्रदूषण का मुद्दा हमारी और हमारे बच्चों की जिंदगी से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है। इससे निपटने के लिए हम सभी को अपने हिस्से की जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभानी पड़ेगी।
कंस्ट्रक्शन एजेंसियों को रखना होगा इन 14 बातों का ध्यान
- कंस्ट्रक्शन साइट के चारों तरफ टिन की प्रॉपर ऊंचाई वाली दीवार का निर्माण संबंधित एजेंसी को करना होगा।
- 5 हजार वर्ग मीटर या उससे ज्यादा रकबे के कंस्ट्रक्शन वाली साइट पर एंटी स्मोग गन हर हाल में लगानी होगी।
- कंस्ट्रक्शन हो चाहे फिर डेमोलिशन, दोनों ही स्थिति में काम पूरा हो जाने के बाद उस साइट को तिरपाल या ग्रीन नेट से ढकना जरूरी है।
- साइट तक सामान लाने-ले जाने वाली गाड़ियों को पूरी तरह से कवर करना भी जरूरी है, ताकि इससे रास्ते में कहीं दुविधा पैदा न हो। साथ ही इन वाहनों की साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए।
- कंस्ट्रक्शन मैटीरियल और डेमोलिशन वेस्ट को सिर्फ अलॉट की गई जगह के अंदर ही संग्रहीत करना होगा। सड़क के किनारे किसी भी सूरत में इसके ढेर नजर नहीं आने चाहिए।
- देखने में आया है बहुत सी जगह मिट्टी या बालू को बिना ढके ही छोड़ दिया जाता है। ऐसा कतई नहीं होना चाहिए।
- किसी भी निर्माण कार्य के दौरान पत्थरों की कटाई खुले में नहीं होगी। ऐसा किया गया ताे कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- किसी भी कंस्ट्रक्शन और डेमोलिशन साइट पर पानी का लगातार छिड़काव करना ही होगा, जिससे कि धूल से बचा जा सके।
- 20 हजार वर्ग मीटर से ज्यादा एरिया वाली कंस्ट्रक्शन और डेमोलिशन साइट पर पक्की सड़क या ब्लैक डॉक्स बनाना भी अनिवार्य है।
- कंस्ट्रक्शन मैटीरियल और डेमोलिशन वेस्ट का उसी जगह या दूसरी जो भी साइट मार्क की गई हो, पर निस्तारण करके उसका प्रॉपर रिकार्ड मेनटेन किया जाए।
- साइट पर लोडिंग या अनलोडिंग में लगे कर्मचारियों को संबंधित एजेंसी की तरफ से डस्ट मास्क हर हाल में उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।
- कंस्ट्रक्शन या डेमोलिशन में लगे कर्मचारियों को उपयुक्त मेडिकल फैसिलिटी जरूरी उपलब्ध कराई जाए।