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दिल्ली फर्जी डॉक्टर केस में नया खुलासा, निकला फार्मेसी कनेक्शन

Delhi Fake Doctor Racket Pharmacy Link: मरीज स्थानीय फार्मेसी से रेफर होकर आते थे। गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस फार्मेसी तक पहुंची।

Edited By : Pushpendra Sharma | Updated: Nov 19, 2023 20:43
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Delhi Fake Doctor Racket Pharmacy Link
Delhi Fake Doctor Racket Pharmacy Link

Delhi Fake Doctor Racket Pharmacy Link: दिल्ली के ग्रेटर कैलाश इलाके में फर्जी डॉक्टरों का खुलासा होने के बाद दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई तेज कर दी है। फर्जी अस्पताल में फेक डॉक्टर्स की ओर से किए गए ऑपरेशन के बाद दो मरीजों की मौत हो गई थी। अब इस मामले में नया खुलासा हुआ है। दरअसल, हॉस्पिटल में मरीज स्थानीय फार्मेसी से रेफर होकर आते थे। गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस फार्मेसी तक पहुंच गई।

जहां उन्हें फॉर्मेसी शॉप का मालिक जुल्फिकार मिला। बताया जा रहा है कि जुल्फिकार इसे बिना लाइसेंस के चला रहा था। अग्रवाल मेडिकल सेंटर में जिस मरीज की आखिरी मौत हुई, उसे जुल्फिकार ने रेफर किया था। जुल्फिकार प्रह्लादपुर क्षेत्र के लाल कुआं निवासी है। पुलिस ने उसे फार्मेसी से पकड़ा। पुलिस के अनुसार, पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

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डॉ. नीरज अग्रवाल, पत्नी पूजा अग्रवाल और डॉ. जसप्रीत सिंह को लैब टेक्नीशियन महेंद्र सिंह के साथ गिरफ्तार किया गया। इन सभी को सर्जरी कराने वाले दो मरीजों की मौत के बाद अस्पताल से गिरफ्तार किया गया था। मरीजों के परिजनों का आरोप है कि डॉ. अग्रवाल के पास जाली दस्तावेज हैं।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, जुल्फिकार संगम विहार में क्लिनिक-कम-मेडिसिन की दुकान पर एलोपैथिक और होम्योपैथिक की दवाएं बेचता था। ये भी पता चला है कि उसके पास दवाएं बेचने का वैध लाइसेंस नहीं था। उसने डॉ. नीरज अग्रवाल से कॉन्टेक्ट किया था। जुल्फिकार को अग्रवाल का नंबर संगम विहार में अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा बांटे गए कार्डों से मिला था।

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आखिरकार जुल्फिकार ने किडनी और गॉल ब्लैडर के ऑपरेशन के लिए पेशेंट्स को क्लिनिक में भेजना शुरू कर दिया। ये भी पता चला है कि वह गर्भवती महिलाओं को प्रसव और गर्भपात के लिए भी भेजता था। डॉ. नीरज अग्रवाल हर मरीज के बिल की गई राशि का 35 प्रतिशत भुगतान करने पर सहमत हुआ था। ये पैसा यूपीआई के जरिए ट्रांसफर किया गया था।

कहा जा रहा है कि यह काम पिछले छह साल से चल रहा था। अंतिम मरीज असगर अली की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। असगर अली को पिछले साल सर्जरी के लिए क्लिनिक में भर्ती कराया गया था, जिसे कथित तौर पर पूजा अग्रवाल और महेंद्र ने ऑपरेट किया था। जुल्फिकार हर महीने लगभग 40 से 50 मरीजों को अग्रवाल मेडिकल सेंटर भेजता था। डॉ. नीरज अग्रवाल डिलिवरी, स्टोन के ऑपरेशन के लिए 15 हजार से लेकर 20 हजार रुपये और गर्भपात के लिए 5000 से 6000 रुपये लेते थे, जिससे जुल्फिकार ने अच्छी खासी रकम कमाई।

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Edited By

Pushpendra Sharma

First published on: Nov 19, 2023 08:42 PM

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