वर्दी पहनकर सोशल मीडिया पर रील्स और वीडियो बनाने वाले पुलिसवालों की हेडक्वॉर्टर लेवल पर एक लिस्ट तैयार की गई है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने 24 मई को एक मेमोरैंडम(नोटिस) भेज कर सभी जिलों और यूनिट्स को इन पुलिसवालों के नाम भेजे हैं, जो सोशल मीडिया पर वर्दी पहन कर सक्रिय हैं। इन पुलिसवालों को सही से जागरूक करने को कहा गया है, ताकि वो व्यक्तिगत और पेशेवर जिंदगी के फर्क को समझ सकें। वर्दी का सोशल मीडिया पर दुरुपयोग को स्वीकार नहीं किए जाने की बात कही गई है। जानकारी के लिए बता दें कि सीपी ने 24 अगस्त 2023 को 16 पॉइंट्स की एक गाइडलाइंस भी जारी की थी।
24 अगस्त 2023 को बनाई गई थी पॉलिसी
बता दें कि सीपी संजय अरोड़ा की तरफ से 24 अगस्त 2023 को दिल्ली पुलिस के स्टॉफ के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल करने के लिए एक पॉलिसी बनाई गई थी। इसके तहत बनाई गई गाइडलाइंस का पालन करने को कहा गया था। इसके बावजूद कई पुलिसकर्मी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यूनिफॉर्म पहन कर रील्स और वीडियो अपलोड कर रहे हैं। सीपी ने इसे लेकर 24 मई 2025 को एक मेमोरैंडम जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि कई पुलिस वाले स्टैडिंग ऑर्डर और निर्देशों की अवहेलना कर रहे हैं।
रील बनाने वाले पुलिसवालों की लिस्ट तैयार
हर जिले और यूनिट्स से तैनात इस तरह के पुलिसकर्मियों की एक लिस्ट तैयार की गई है। सभी यूनिट्स और जिलों के डीसीपी को कहा गया है कि लिस्ट में शामिल आपके मातहत वाले स्टॉफ को सही तरीके से समझाएं। सोशल मीडिया पर वर्दी का दुरुपयोग अस्वीकार्य है। इसे लेकर उनकी तरफ से लिस्ट में शामिल पुलिस वालों को जागरूक करने की जानकारी 15 जून तक हेडक्वार्टर को देने को कहा है। दरअसल, कमिश्नर की तरफ से सोशल मीडिया पर सक्रिय पुलिसकर्मियों के लिए 2022 में स्टैडिंग ऑर्डर भी जारी हुआ था।
2023 में गाइडलाइंस हुई थी जारी
बता दें कि सीपी ने 24 अगस्त 2023 को 16 पॉइंट्स की एक गाइडलाइंस जारी की थी। इसके तहत वर्दी, बैरिकेड, हथियार और सरकारी गाड़ी के साथ रील-वीडियो शेयर ना करने के निर्देश दिए थे। राष्ट्रीय और आंतरिक सुरक्षा, अवैध, अश्लील, अपमानजनक और कॉपीराइट उल्लंघन वाले पोस्ट की मनाही की गई थी। जाति, धर्म, पंथ या उपजाति को बढ़ावा देने वाले के अलावा आंदोलन करने वालों या अवैध मंच या ग्रुप का हिस्सा नहीं बनने की हिदायत दी थी।
किसी संदिग्ध या आरोपी के दोषी या निर्दोष होने, पेंडिंग केस या गोपनीय जानकारी को लेकर कमेंट करने या उसे ट्रांसमिट करने से रौका थाा। विभाग की ट्रेनिंग, गतिविधि या ड्यूटी से संबंधित बयान, वीडियो और फोटो बगैर अनुमति के प्रसारित नहीं करने को कहा था। किसी पीड़ित, संदिग्ध शख्स या ग्रुप को लेकर भड़काऊ या अपमानजनक पोस्ट से बचने को कहा था।