Delhi Government New Rules: दिल्ली सरकार ने समन और वारंट सर्विस नियम 2025 (BNSS) को नोटिफाई कर दिया है। इसके साथ ही अब व्हाट्सएप और ई-मेल के जरिए कोर्ट के समन और अरेस्ट वारंट की इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी होगी। दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने मीडिया ब्रीफिंग में भी यह जानकारी दी और बताया कि दिल्ली सरकार के गृह विभाग द्वारा जारी नोटिफिकेशन को पहले उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंजूरी दी थी। 14 अगस्त 2025 से ही नियम लागू हो चुका है।
यह भी पढ़ें: ‘मुझे तूफानों से जूझने की आदत, आसुरी शक्ति से डरने वाली नहीं’, हमले के बाद CM रेखा गुप्ता का बयान
क्या है नियम नोटिफाई करने का मकसद?
दिल्ली सरकार की ओर से बताया गया है कि समन और वारंट की ई-डिलीवरी से समय की बचत होगी। वहीं इसके अपने गंतव्य तक जल्दी पहुंचना भी सुनिश्चित होगा। कोर्ट की वर्किंग में तेजी आएगी। पुलिस पर कागजी कार्यवाही का बोझ कम हो जाएगा, जिससे उनके पास ज्यादा समय होगा और वे केस की जांच पर और ज्यादा ध्यान दे पाएंगे।
वहीं ई-समन और वारंट को डिजिटली फॉर्मेट किया जाएगा। डिजिटल मुहर लगी होगी और ऑनलाइन सिग्नेचर होंगे। साथ ही ई-समन और ई-वारंट को व्हाट्सऐप या ई-मेल के जरिए उसके गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा। वहीं एक प्रावधान यह भी है कि अगर किसी वजह से इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी फेल हो जाती है तो फिजिकल डिलीवरी कराई जा सकती है।
यह भी पढ़ें: ‘आपकी मुख्यमंत्री दीदी न डरेंगी, न थकेंगी, न हारेंगी’, प्रोग्राम में 2 लोगों को घसीटते हुए ले गई पुलिस
नियम लागू करने को किए गए यह इंतजाम
बता दें कि समन और वारंट की ई-डिलीवरी के लिए दिल्ली के हर पुलिस स्टेशन में इलेक्ट्रॉनिक समन डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर बनाए गए हैं, जिनका काम समन और वारंट को डिजिटल बनाकर भेजना, रिसीविंग लेना और रिकॉर्ड मेंटेन करना होगा। POCSO एक्ट जैसे संवेदनशील मामलों में पीड़िताओं की पहचान जैसे उनके ई-मेल या फोन नंबर सीक्रेट रखने का निर्देश है। पुलिस स्टेशन क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (CCTNS) में भी रिकॉर्ड मेंटेन करेंगे और अदालतों को उनका ब्योरा देंगे।
यह भी पढ़ें: दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता पर हमला करने के मामले में बड़ा अपडेट, आरोपी राजेश का दोस्त राजकोट से धरा
दिल्ली कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के प्रावधान
बता दें कि नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 के तहत दिल्ली में समन और वारंट की ई-डिलीवरी का कानून लागू किया गया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने साल 2010 में दिल्ली कोर्ट्स सर्विस ऑफ प्रोसेस बाय कूरियर, फैक्स और इलेक्ट्रॉनिक मेल सर्विस (सिविल प्रोसीडिंग्स) रूल को नोटिफाई किया था। सुप्रीम कोर्ट ने साल 2020 में In Re: Cognizance for Extension of Limitation मामले में ई-डिलीवरी को मान्यता दी थी और रिसीविंग पर ब्लू टिक सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। वहीं दिल्ली में पुलिस विभाग के साथ-साथ CBI, GST और भ्रष्टाचार निरोधक शाखा भी ई-डिलीवरी सिस्टम अपनाएंगी।