Delhi, Chandni Chowk Traffic: चांदनी चौक के पुनर्विकास के जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नो-एंट्री जोन में आने वाले वाहनों को जब्त करने का निर्देश दिया है। सतीश चंद्र शर्मा व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने बुधवार को दिल्ली पुलिस से कहा कि वाहनों के सिर्फ चालान काटने से कुछ नहीं होगा। अदालत ने कहा है कि सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक लोडिंग-अनलोडिंग वाहनों की एंट्री पर पूरी तरह बैन लगाया जाए।
अगली सुनवाई 8 नवंबर को
मामले की अगली सुनवाई 8 नवंबर को होगी। अदालत ने चांदनी चौक में वाहनों को रोकने के लिए लगाए गए करीब 14 बूम-बैरियर के ऑपरेशन की जिम्मेदारी तय करने के लिए चांदनी चौक व्यापारियों के एसोसिएशन व आरडब्ल्यूए से उनकी राय पूछी है। अदालत ने पूछा है कि क्या वे बूम-बैरियर की संचालन की पूरी जिम्मेदारी लेना चाहते हैं। अदालत ने एसोसिएशन को इस पर एक सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा है।
दरअसल, अदालत ने यह जवाब तब मांगा जब दिल्ली पुलिस का पक्ष रख रहे अधिवक्ता अनुज अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली पुलिस के पास बूम-बैरियर को संचालन के लिए न तो संसाधन हैं और न ही पर्याप्त पुलिसकर्मी। ऐसे में इसे दिन-प्रतिदिन के हिसाब से संचालित करना संभव नहीं है।
लोग नहीं सुनते बात
दिल्ली पुलिस ने पीठ से कहा कि सादे वर्दी में तैनात व्यक्ति की बात आम नागरिक नहीं सुनते हैं। इस पर अदालत ने कहा कि पुलिस एसोएिसशन को पूरा अधिकार देगी और दो से तीन घंटे में बीट सिपाही मौके पर जाएगा।
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अनुमति से अधिक चल रहे हैं ऑटो रिक्शा
संजीव रल्ली ने जानकारी देते हुए अदालत को बताया कि चांदनी चौक में महज 415 आटो रिक्शा की अनुमति है, लेकिन वहां पर चार हजार से अधिक संचालित हो रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बूम बैरिकयर, ट्रांसपोर्टेशन, लोडिंग-अनलोडिंग, अतिक्रमण समेत अन्य कार्य अब भी अधूरे हैं और चांदनी चौक में गंदगी से लेकर अतिक्रमण फिर से हो चुका है।