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Delhi Car Blast: ‘3 घंटे तक हाई सिक्योरिटी जोन में क्यों घूम रहा था संदिग्ध आरोपी डॉ. उमर’… दिल्ली पुलिस इन तीन सुरागों पर कर रही जांच

दिल्ली में लाल किले के बाद कल (10 नवंबर को) हुए कार ब्लास्ट के बाद अभी भी माहौल गर्माया हुआ है. ब्लास्ट के बाद ही पूरी दिल्ली हाई अलर्ट पर है. हर जगह पुलिस तैनात है. गाड़ियों की लगातार जांच की जा रही है.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Versha Singh Updated: Nov 11, 2025 14:59

Delhi Car Blast: दिल्ली में लाल किले के बाद कल (10 नवंबर को) हुए कार ब्लास्ट के बाद अभी भी माहौल गर्माया हुआ है. ब्लास्ट के बाद ही पूरी दिल्ली हाई अलर्ट पर है. हर जगह पुलिस तैनात है. गाड़ियों की लगातार जांच की जा रही है. वहीं, अब मामले में मिली ताजा जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने सोमवार शाम लाल किला परिसर के पास हुए विस्फोट की अपनी जांच को तीन अहम पहलुओं पर केंद्रिय किया है.

दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि दिल्ली पुलिस संदिग्ध की गतिविधियों, फरीदाबाद स्थित एक विश्वविद्यालय से जुड़े संदिग्ध नेटवर्क और घटना में इस्तेमाल किए गए विस्फोटक की प्रकृति पर ध्यान केंद्रित कर रही है.

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दिल्ली पुलिस की जांच उस महत्वपूर्ण तीन घंटे के दौर के इर्द-गिर्द घूम रही है जब डॉ. उमर, जो कथित तौर पर उस i-20 कार को चला रहा था जिसमें विस्फोट हुआ था, ने अपनी गाड़ी लाल किला पार्किंग क्षेत्र में खड़ी की थी.

3:19 बजे से शाम 6:22 बजे के बीच क्या कर रहा था उमर?

जांच में शामिल अधिकारी अब ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि संदिग्ध, डॉ. उमर, दोपहर 3:19 बजे से शाम 6:22 बजे के बीच क्या कर रहा था, खासकर क्या वह गाड़ी के पास रुका था, किसी से मिला था, या फिर उसने हुंडई i20 के संबंध में इलाके की रेकी की थी.

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अधिकारी इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि क्या विस्फोट होने से पहले वह व्यस्त समय में आस-पास की सड़कों पर भीड़ के इकट्ठा होने का इंतजार कर रहा था. सूत्रों के अनुसार, संदिग्ध दोपहर करीब 3:19 बजे पार्किंग स्थल पर पहुंचा और शाम 6:22 बजे चला गया. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या उसने इस दौरान किसी से बातचीत की या किसी अन्य स्रोत से निर्देश प्राप्त किए.

जांचकर्ता यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि संदिग्ध आरोपी उमर उस हाई सिक्योरिटी जोन में लगभग तीन घंटे तक क्यों घूम रहा था. इस संभावना की भी जांच की जा रही है कि वह किसी अन्य व्यक्ति या किसी स्लीपर सेल से संकेत का इंतजार कर रहा था.

यह भी पढ़ें- Delhi Car Blast: अधूरा प्लान छोड़ आतंकी उमर ने किया सुसाइड अटैक! दिल्ली ब्लास्ट में फरीदाबाद मॉड्यूल पर बड़ा खुलासा

दिल्ली ब्लास्ट का फरीदाबाद से है क्या कनेक्शन

जांच का दूसरा पहलू फरीदाबाद के एक विश्वविद्यालय के डॉक्टरों के इर्द-गिर्द भी घूम रहा है, जिनके नाम जांच के दौरान सामने आए हैं. पुलिस इस संदिग्ध नेटवर्क से जुड़े सक्रिय और निष्क्रिय सदस्यों की संख्या की जांच कर रही है, जिसके बारे में माना जा रहा है कि उसके स्लीपर सेल कनेक्शन एक्टिव थे.

सूत्रों के अनुसार, अधिकारियों को संदेह है कि दिल्ली विस्फोट और फरीदाबाद में हुई बरामदगी राज्य की सीमाओं के पार सक्रिय एक बड़े आतंकी नेटवर्क का हिस्सा हो सकती है.

किसने की थी हथियारों की डिलीवरी?

एजेंसियां ​​बरामद हथियारों और विस्फोटकों के स्रोत, क्या वे अलग-अलग कन्साइनमेंट में आए थे, और उनकी डिलीवरी में किसने मदद की, इसकी भी जांच कर रही हैं.

अधिकारी कथित तौर पर संचार के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले टेलीग्राम ग्रुप के अन्य सदस्यों का पता लगा रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह समूह कितने समय से सक्रिय है और इसका संचालन कौन करता है.

जांचकर्ता यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या उमर, मुजम्मिल या आदिल ने दिल्ली में व्यक्तिगत रूप से जासूसी की थी या किसी दूसरे सदस्य पर निर्भर थे.

फरीदाबाद से बरामद हुआ था 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट

सोमवार को एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर फरीदाबाद के एक अपार्टमेंट से 360 किलोग्राम संदिग्ध अमोनियम नाइट्रेट और 2,900 किलोग्राम आईईडी बनाने की सामग्री, जिसमें रसायन, डेटोनेटर और तार शामिल हैं, बरामद किया था. इस मामले में डॉ. मुजम्मिल और आदिल राठेर को गिरफ्तार किया गया था.

जांच का तीसरा पहलू विस्फोट की प्रकृति पर केंद्रित है. राजधानी में हुए पिछले विस्फोटों के विपरीत, जहां प्रभाव बढ़ाने के लिए कील, बॉल बेयरिंग या ब्लेड जैसी कुंद वस्तुओं का इस्तेमाल किया गया था, पुलिस को लाल किले के पास विस्फोट स्थल पर ऐसे कोई टुकड़े नहीं मिले हैं.

जांचकर्ता इस बात से हैरान हैं कि विस्फोट ने इतना बड़ा नुकसान कैसे पहुंचाया, आस-पास के वाहनों को चकनाचूर कर दिया, जबकि एक शक्तिशाली विस्फोट के बाद आमतौर पर कोई गड्ढा या निशान दिखाई देता है.

First published on: Nov 11, 2025 02:50 PM

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