Delhi Car Blast investigation reveals: दिल्ली के लाल किले के पास कार में हुए धमाके की शुरुआती जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. जांच में सामने आया कि बड़े हमले की साजिश को सुरक्षा एजेंसियों की सर्तकता ने नाकाम कर दिया. फरीदाबाद से भारी मात्रा में बरामद हुए विस्फोटक भी एक बड़े मॉड्यूल से जुड़े थे, जिनका सुरक्षा एजेंसियों ने पर्दाफाश किया. सुरक्षा एजेंसियां पिछले एक महीने से इस मॉडयूल को ट्रैक कर रही थी. पिछले महीने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के नौगाम पुलिस चौकी के क्षेत्र में कुछ आपत्तिजनक पोस्टर्स मिले थे, जिसे लेकर 19 अक्टूबर 2025 को नौगाम पुलिस चौकी में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
उसपर कार्रवाई करते हुए 20 से 27 अक्टूबर, 2025 के बीच मौलवी इरफान अहमद वाघे को शोपियां से और ज़मीर अहमद को वाकुरा, गांदरबल से गिरफ्तार किया गया. बीते 5 नवंबर को डॉक्टर अदील को सहारनपुर से पकड़ा. 7 नवंबर, 2025 को एक AK-56 बंदूक और अन्य गोला-बारूद अनंतनाग अस्पताल में ज़ब्त हुआ.
Top sources to ANI on the Red Fort blast after initial findings:
— ANI (@ANI) November 11, 2025
– Raids by security agencies across multiple locations in Delhi-NCR and Pulwama, recovering significant quantities of explosives, are believed to have led the suspect to act hastily under mounting pressure.
-… pic.twitter.com/2ptNXBN7pv
सुरक्षा एजेंसियों ने ऐसे किया मॉडयूल का पर्दाफाश
पूछताछ के दौरान सुरक्षा एजेंसियों को इस मॉडयूल से जुड़े एक अन्य लोगों के बारे में सूचना मिली. फरीदाबाद के अलफला मेडिकल कॉलेज से डॉक्टर मुज़म्मिल को पकड़ा गया, जिसकी निशानदेही पर और भी गिरफ्तारियां हुईं और बड़ी मात्रा में हथियार और बारूद भी ज़ब्त हुआ. 9 नवंबर को फरीदाबाद में मदरासी नामक व्यक्ति को घर से पकड़ा और 10 नवंबर को 2563 किलो वजनी विस्फोटकों की खेप फरीदाबाद के हफीज मोहम्मद इश्तियाक के घर से बरामद हुई. छापों के दौरान 358 किलो विस्फोटक सामग्री और डेटोनेटर/टाईमर इत्यादि भी ज़ब्त किये गए.
इस प्रकार, इस पूरे मॉड्यूल के पास लगभग 3000 किलो के विस्फोटक पदार्थ और बम बनाने के अन्य उपकरणों को पकड़ा गया. इसी मॉडयूल से जुड़ा डॉक्टर उमर जो अलफला मेडिकल कॉलेज में ही कार्यरत था, एजेंसियों की दबिश के चलते भाग निकला. लाल किले में जिस कार में धमाका हुआ, आरोप है कि उसे इसी मॉडयूल का डॉक्टर उमर चला रहा था, ऐसा सीसीटीवी के आधार पर कहा जा रहा.
फरीदाबाद से बरामद विस्फोटक से जुड़ा लिंक
लाल किला प्रकरण में कार में विस्फोट उसी सामग्री से हुआ है, जिसे फरीदाबाद में इकट्ठा किया जा रहा था, जहां से लगभग 3000 किलो की विस्फोटक सामग्री ज़ब्त हुई है. पूरे प्रकरण का सार यह है कि भारत की सुरक्षा एजेंसियों और सूचना तंत्र ने इस फरीदाबाद मॉड्यूल को ध्वस्त कर भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ ज़ब्त करके एक बहुत बड़ी साजिश को नाकाम किया है जो भारत में एक बहुत बड़ी क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से रची जा रही थी.
फरारी उमर एजेंसियों की बड़ी सफल कार्रवाई के कारण बौखलाकर भागा और उसकी बौखलाहट, घबराहट और विकल्पहीनता, लाल किला के विस्फोट का कारण बनी, यह बाद में विदित होगा कि यह पूर्वनियोजित था या एक्सीडेंटल.









