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Delhi Blast: जांच में मिले 2 तरह के विस्फोटक पदार्थ, धमाका कर किसे डराना चाहते थे आरोपी? इन सोशल मीडिया ऐप पर सुराग तलाश रही पुलिस

Delhi Blast Live: गृह मंत्रालय ने मामले में रिपोर्ट मांगी है, इसके बाद ही बम में यूज विस्फोटक और आरोपियों के सही मकसद का पता चलेगा।

Edited By : Amit Kasana | Updated: Oct 20, 2024 19:04
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घटनास्थल का फोटो

Delhi Blast news live: रोहिणी इलाके में सीआरपीएफ स्कूल के बाहर हुए विस्फोट की अब तक की जांच में पुलिस के हाथ चौंकाने वाले साक्ष्य लगे हैं। जांच एजेंसी सूत्रों की मानें तो पुलिस को मौके से दो विस्फोटक पदार्थ अमोनिया और फॉस्फेट मिला है। इसके अलावा खुफिया एजेंसियों को ये भी शक है कि ये एक ‘टोकन बम’ था यानी आरोपी धमाका कर किसी को संदेश (डराना) देना चाहते थे।

गृह मंत्रालय ने मामले में रिपोर्ट मांगी है। जांच एजेंसियां जल्दी ही मंत्रालय में इस पूरी घटना की रिपोर्ट सौपेंगी। इसके बाद ही बम में यूज विस्फोट और आरोपियों के सही मकसद का पता चलेगा। अभी तक की जांच में पता चला है कि वारदात में देसी बम का यूज किया था। घटनास्थल से मिला सफेद पाउडर ये इशारा कर रहा है कि ये कच्चा बम था जिसे पुलिस की भाषा में क्रूड भी कहा जाता है।

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बम की मार तेज करने के लिए छोटे तारों का यूज किया गया

ये कच्चा बम अमोनिया, फॉस्फेट और अन्य कुछ कैमिकल मिलाकर बनाया जाता है। अभी तक की जांच में घटनास्थल से एफएसएल, सीआरपीएफ और एनएसजी ने साक्ष्य एकत्रित किए हैं। घटनास्थल से पुलिस को कुछ छोटे तार भी मिले हैं, जो बम की मार को तेज करते हैं। फिलहाल पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच जारी है, जांच रिपोर्ट के बाद ही विस्फोटक के कारण और दोषियों के बारे में कुछ स्पष्ट होगा।

किसी को डराना था मकसद? इस ऐप पर जांच एजेंसी की नजर 

सीआरपीएफ स्कूल में सीआरपीएफ ऑफिसर्स और अन्य केंद्रीय कर्मचारियों के बच्चे पढ़ते हैं। रविवार छुट्टी के दिन विस्फोट के पीछे मकसद आरोपी किसी को डराने या संदेश देना चाहते थे कि वह कुछ भी कर सकते हैं। सुबह मौका ए वारदात पर अधिक भीड़ भी नहीं थी। इसके अलावा पुलिस सोशल मीडिया फ्लेटफॉर्म टेलिग्राम और अन्य ऐप खंगाल केस से संबंधित साक्ष्य तलाश रही है।

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Written By

Amit Kasana

First published on: Oct 20, 2024 03:58 PM

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