दिल्ली में बारिश होने पर जलभराव की समस्या से जूझना पड़ता है। जलभराव के कारण कई हादसे भी चुके हैं। एक IAS कोचिंग सेंटर में बारिश का पानी भरने से हुआ हादसा आज तक भी लोग भूले नहीं है। इसलिए दिल्ली में भाजपा की नई सरकार ने बारिश में दिल्ली की सड़कों पर जलभराव की समस्या का समाधान करने का बीड़ा उठाया है। राजधानी दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने जलभराव वाली जगहों का निरीक्षण किया। उन्होंने मिंटो ब्रिज, WHO बिल्डिंग, ITO का निरीक्षण किया।
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नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ PWD मंत्री प्रवेश वर्मा मौजूद रहे। निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री और PWD मंत्री ने बताया कि पिछले साल दिल्ली में जलभराव के चलते 10 से ज्यादा मौत हुई थीं, लेकिन भाजपा सरकार ने जलभराव की समस्या का समाधान करने का फैसला किया है। नालों की डिसिल्टिंग के लिए कार्ययोजना बनाई है। जलभराव वाले क्षेत्रों में नोडल अधिकारी की नियुक्ति होगी। नालों की मैपिंग भी करवाई जाएगी। जलभराव वाली जगहों पर 24 घंटे पंप की उपलब्धता बनी रहेगी।
निकासी के लिए पाइपलाइन बिछवाईं
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि मानसून के आगमन को देखते हुए तैयारियों का जायजा लेने के लिए मिंटो ब्रिज अंडरपास का निरीक्षण किया। भारी बारिश के दौरान इस अंडरपास में पानी भर जाता है, लेकिन अब जलनिकासी के लिए यहां स्वचालित पंप लगाए गए हैं और 2.5 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई गई है। कर्मचारी भी हर समय ड्यूटी पर रहेंगे। दिल्ली के सभी जलभराव के मद्देनजर संवेदनशील स्थानों की पहचान कर ली गई है और सुधारात्मक उपाय किए जा रहे हैं।
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मुख्यमंत्री गुप्ता ने संवाददाताओं से कहा कि दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए समयबद्ध तरीके से हर कदम उठाएगी कि इस साल मानसून के सीजन में जलभराव न हो। आगे भी बारिश के दिनों में लोगों को जलभराव की समस्या से जूझना न पड़े।