Delhi Assembly Elections 2025: दिल्ली में 24 फीसदी पूर्वांचल के वोटरो पर बीजेपी की नजर है । वही दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने BJP पर पूर्वांचली वोटरों के नाम वोटर लिस्ट से हटाने का आरोप लगाया है। इसके जवाब में BJP ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को आगे कर दिया और दिल्ली में चुनाव प्रचार में उनको उतार दिया है। पूर्वांचल के लगभग 40 लाख वोटर दिल्ली की 17 से 20 विधानसभा सीटों पर असर डाल सकते हैं, इसलिए सभी पार्टियां उन्हें लुभाने में जुटी हैं।
BJP ने अपने NDA सहयोगियों JDU और LJP को भी कुछ सीटें देने की योजना बनाई है। ताकि बिहार से जुड़ी सहयोगियों पार्टियों की वजह से पूर्वांचली वोटर बीजेपी से जुड़े। बीजेपी ना ही सिर्फ़ बिहार के उपमुख्यमंत्रियों को दिल्ली चुनाव प्रचार में उतार रही है, बल्कि बिहार से अपने वरिष्ठ सांसदों को भी अरविंद केजरीवाल को काउंटर करने के लिए उतर दिया है।
लिट्टी-चोखा पर चर्चा का अभियान
इतना ही नहीं बीजेपी ने अपने पूर्वांचल मोर्चा समेत सभी मोर्चा को विधानसभाओं में पूर्वांचली वोटरों तक पहुंचने के लिए चाय पर चर्चा की तरह लिट्टी-चोखा पर चर्चा का अभियान तैयार किया है। अगले कुछ दिनों में यह अभियान शुरू किया जाएगा। पूर्वांचली वोटरों तक पहुंचने के लिए बीजेपी एक दर्जन योजना चलाने जा रही है, जिसमें बिहार और उत्तरप्रदेश से उसके राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर के नेता बड़ी संख्या में शामिल होंगे।
यूपी-बिहार के 25000 कार्यकर्ता संभालेंगे कमान
बिहार और उत्तरप्रदेश से डेढ़ सौ से अधिक विधायक, सांसद, मंत्री और 25000 से अधिक बीजेपी के कार्यकर्ता lपूर्वांचली लाभार्थी संपर्क अभियान, पूर्वांचल स्वाभिमान सम्मेलन, पूर्वांचली सांस्कृतिक समिति संपर्क अभियान, पूर्वांचल समाज संवाद, पूर्वांचली मकर संक्रांति महोत्सव अभियान में शामिल होंगे। ये सभी कार्यक्रम बीजेपी के पूर्वांचल वोटर जोड़ो अभियान के तहत चलेंगे । इन सबके बावजूद राजनीतिक विशेषक मानते हैं कि इन कार्यक्रमों से अधिक इस समाज को राजनीतिक भागीदारी देने से ही बीजेपी का भला हो सकता है।
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17 सीटों पर पूर्वांचल वोटर प्रभावी
बीजेपी सूत्रों का दावा है कि दिल्ली की 70 विधानसभाओं में से 17 विधानसभा पूर्वांचली बहुल है। इन विधानसभाओं में जीत-हार की चाबी पूर्वांचली वोटरों के हाथ है। इन विधानसभा क्षेत्रों में पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड से संबंधित मतदाताओं की संख्या 30 से 50 प्रतिशत तक है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि साल 2015 और 2020 विधानसभा चुनाव में अधिकांश पूर्वांचली मतदाताओं का समर्थन आम आदमी पार्टी को मिला था। इसलिए इस बार सियासी समीकरण बदलने का प्रयास किया जा रहा है। पार्टी प्रत्येक बूथ पर कम से कम पांच पूर्वांचली कमल मित्र तैयार करेगी। इसके अलावा 1200 बैठकों के आयोजन का प्लान है।
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