Delhi Assembly Election History: दिल्ली में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है। मगर क्या आप जानते हैं कि यह दिल्ली का 8वां विधानसभा चुनाव है। जी हां, देश की आजादी को 75 साल से ज्यादा हो चुके हैं। पिछले साल ही देश में 18वां लोकसभा चुनाव हुआ था, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि दिल्ली में 8वां विधानसभा चुनाव ही क्यों हो रहा है?
आजादी के बाद होते थे चुनाव
दिल्ली 1911 से ही देश की राजधानी है। वहीं आजादी के बाद भी दिल्ली में विधानसभा थी। मगर 1956 में राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिशों पर दिल्ली विधानसभा भंग कर दी गई थी। उसके बाद से दिल्ली में केंद्र सरकार का सीधा शासन लागू कर दिया गया था।
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37 साल तक नहीं हुए चुनाव
केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली हमेशा से केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच का हॉट टॉपिक रहा है। राष्ट्रीय राजधानी होने के कारण केंद्र सरकार के सारे अहम दफ्तर दिल्ली में मौजूद हैं। ऐसे में राज्य पुनर्गठन आयोग का कहना था कि दिल्ली पर केंद्र सरकार का शासन लागू होना चाहिए। इसके बाद 37 साल तक दिल्ली में विधानसभा चुनाव नहीं हुए।
चुनाव की उठी मांग
इन 37 सालों के भीतर कई बार दिल्ली में फिर से विधानसभा बनाने की मांग उठी। मगर इस पर बात नहीं बन सकी। हर बार एक ही सवाल सामने आता था कि अगर दिल्ली में विधानसभा बनी तो क्या केंद्र सरकार का दिल्ली पर कोई अधिकार नहीं रहेगा? दिल्ली के सारे फैसले राज्य सरकार करेगी?
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1987 में बनी सहमति
1987 में सककारिया कमिशन की सिफारिश पर दिल्ली में विधानसभा बनाने पर सहमति बनी। इसके अनुसार दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता, लेकिन दिल्ली में विधानसभा बनाई जा सकती है। 69वें संविधान संशोधन अधिनियम 1991 के तहत दिल्ली विधानसभा का गठन हुआ।
पहले चुनाव में बीजेपी ने लहराया जीत का परचम
37 साल बाद 1993 में दिल्ली विधानसभा चुनाव का आगाज हुआ। इस दौरान दिल्ली की 70 सीटों में से 49 सीटें बीजेपी के खाते में गईं। बेशक दिल्ली में अगले 5 साल के लिए बीजेपी की सरकार थी, लेकिन इन 5 सालों में बीजेपी ने 3 मुख्यमंत्री बदले। मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज ने दिल्ली की 5 सालों में बारी-बारी कमान संभाली।
शीला दीक्षित बनी मुख्यमंत्री
1998 में दिल्ली में दूसरा विधानसभा चुनाव हुआ। इस बार दिल्ली की कमान कांग्रेस के हाथों में गई और शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं। शीला दीक्षित लगातार 3 बार दिल्ली की सीएम रहीं और 2015 में दिल्ली ने आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल को अगला मुख्यमंत्री चुना और 2020 में केजरीवाल दोबारा दिल्ली के सीएम बने।
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