Swami Chaitanyananda Saraswati sexual harassment case Delhi college 2025: दिल्ली के एक मैनेजमेंट कॉलेज में 32 छात्राओं के स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर छेड़छाड़ और अश्लील मैसेज भेजने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। जहां वसंत कुंज नॉर्थ थाना पुलिस इस मामले की जांच में जुटी गई हैं। वहीं, केस के संवेदनशील होने के चलते जिला पुलिस के उपायुक्त स्तर के अधिकारी खुद मामले के हर पहलू पर नजर रखे हुए हैं।
कैसे चलेगा पता Chaitanyananda Saraswati इस केस में दोषी हैं भी या नहीं?
दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में वकील मनीष भदौरिया ने बताया कि केस में अभी तक की जांच के अनुसार सीसीटीवी फुटेज, हार्ड डिस्क और नेटवर्क वीडियो रिकॉर्डर (NVR) जब्त किए गए हैं, जो चार्जशीट दाखिल होने के बाद अदालत में साक्ष्य बन सकते हैं, जो ये स्पष्ट करेंगे की Chaitanyananda Saraswati इस केस में दोषी हैं भी या नहीं?
32 छात्राओं ने लगाए अलग-अलग आरोप, फिलहाल कहां छिपे बैठे हैं चैतन्यानंद सरस्वती
वसंत कुंज के श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट (SRISIIM) की 32 छात्राओं ने स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पार्थ सारथी के खिलाफ दिल्ली पुलिस को शिकायत की है। बताया जा रहा है कि शिकायत में अलग-अलग छात्राओं ने यौन उत्पीड़न और धोखाधड़ी और अश्लील मैसेज भेजने के आरोप लगाए हैं। ईडब्ल्यूएस छात्रवृत्ति के तहत PGDM कोर्स कर रही छात्राओं ने ये आरोप लगाए हैं। फिलहाल चैतन्यानंद सरस्वती फरार हैं।
पुलिस ने इन धाराओं में किया केस दर्ज
पुलिस ने सेक्शन 45(3)/318(4)/336(3)/340(2) BNS के तहत केस दर्ज किया है। संवदेनशील मामला होने के चलते पुलिस अधिकारी इस बारे में ज्यादा जानकारी शेयर नहीं कर रहे हैं। जिन धाराओं में केस दर्ज किया गया है। अब सवाल उठता है कि दुनिया की सबसे स्मार्ट पुलिस में से एक दिल्ली पुलिस की गिरफ्त से स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती अभी क्यों फरार है?
स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के पास क्या हैं कानूनी अधिकार?
जानकारी के अनुसार भारतीय न्याय संहिता (BNS, 2023) के तहत सेक्शन 45(3), 318(4), 336(3) और 340(2) मुख्य रूप से धोखाधड़ी (चीटिंग), जालसाजी (फॉर्जरी) और आपराधिक धमकी (क्रिमिनल इंटिमिडेशन) से जुड़े अपराधों को कवर करते हैं। इनमें से 318(4) (धोखे से संपत्ति हड़पना, IPC 420 के समकक्ष) गैर-जमानती (नॉन-बेलेबल) है, जिसमें 7 वर्ष तक की सजा हो सकती है। 336(3) (जालसाजी, IPC 468 के समकक्ष) भी ज्यादातर गैर-जमानती है। 340(2) (धमकी, IPC 506 के समकक्ष) जमानती हो सकती है, जब तक गंभीर धमकी न हो। सेक्शन 45(3) सामान्य दायित्व का प्रावधान है। ये अपराध संज्ञेय (कॉग्निजेबल) हैं, इसलिए पुलिस बिना वारंट गिरफ्तारी कर सकती है। बता दें की स्वामी गिरफ्तारी से पहले एंटीसिपेटरी बेल लगा सकते हैं।
भारत में छेड़छाड़ और अश्लील मैसेज भेजने के मामलों में महिलाओं के पास क्या हैं कानूनी अधिकार
भारत में महिलाओं से छेड़छाड़ (molestation या eve-teasing) और अश्लील मैसेज भेजने जैसे अपराधों पर सख्त कानून है। ये कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS, 2023) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act, 2000) के तहत आते हैं। जानकारी के अनुसार दोषी पाए जाने पर छेड़छाड़ या अभद्रता में पहली बार में आरोपी को 1 से 5 साल तक की सजा और दोहराने पर 5 से 10 साल तक की कैद की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा अश्लील मैसेज भेजने पर पहली बार में दोषी को 3 साल की कैद और दोहराने पर 5 साल तक की सजा का प्रावधान है, जबकि इस मामले में 5 से 10 लाख का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
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