नई दिल्ली: चीन और जापान जैसे शहरों में कोविड-19 का नया वैरिएंट खतरनाक साबित रहा है। वहां से आई तस्वीरों ने भारत के बाजार को भी झटका दिया है। यहां एहतियातन केंद्र और राज्य सरकारों की तैयारियों से मार्केट कमजोर पड़ा है।
न्यू ईयर का जश्न फीका होता हुआ दिख रहा है।
चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि कोरोना की वजह से 2 सालों तक नए साल का जश्न ठंडा रहा, अब 2023 का आगाज शानदार ढंग से करने की तैयारियों में व्यापारी जुट गए थे।
मार्केट में रौनक लौटी थी , रेस्टोरेंट्स, बैंक्वेट हॉल, होटल, सिनेमाघर, कपड़े, जूलरी, ऑटोमोबाइल समेत तमाम सेक्टर में उछाल आया था।
मगर, पिछले दिनों चीन और जापान में कोरोना की चपेट में आए लोगों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे हैं। इससे देश में भी दहशत बढ़ी है। कोरोना के डर के साथ सर्दी के सितम ने भी लोगों को घरों में रहने के लिए मजबूर कर दिया है।
बृजेश गोयल के मुताबिक, सीटीआई का आकलन है कि आम तौर पर न्यू ईयर में 500 करोड़ का बिजनेस होता है, जो इस बार सिर्फ 350 करोड़ तक पहुंच पाएगा। मार्केट में ग्राहकों की संख्या भी 30 से 40 प्रतिशत तक गिरी है।
सीटीआई महासचिव विष्णु भार्गव और रमेश आहूजा ने बताया कि दिल्ली में रोजाना आसपास के शहर गाजियाबाद, नोएडा, सोनीपत, फरीदाबाद, गुरुग्राम से करीब 2 लाख लोग आते हैं। इनकी आवक भी घटी है।
काफी कामकाज ऑनलाइन की ओर शिफ्ट हुआ है।
मार्केट में दिल्ली के ग्राहक भी कम आ रहे हैं। नए साल पर होटल, रेस्टोरेंट्स और बैंक्वेट हॉल में होने वाली पार्टियों के जश्न में भी कटौती हुई है। गेस्ट की संख्या घटी है। कई जगह कार्यक्रम कैंसल तक हुए हैं,
हॉस्पिटिलिटी सेक्टर भी मंदा पड़ा है। टूर एंड ट्रैवल्स वाले भी चिंतित हैं। इन दिनों में दिल्ली और दुनियाभर के तमाम सैलानी घूमने आते थे। दिल्ली की ऐतिहासिक विरासत और बाजारों में घूमते थे। इनका आना भी कम हुआ है। सीटीआई के उपाध्यक्ष गुरमीत अरोड़ा ने कहा कि सिनेमाघरों के ओनर भी दर्शकों का इंतजार कर रहे हैं। उम्मीद के मुताबिक लोग फिल्में नहीं देख रहे हैं।