नई दिल्ली: केंद्र सरकार की रोक के बाद मंगलवार को विधानसभा में दिल्ली का बजट पेश नहीं हो सका। बजट में देरी पर सदन में चर्चा के दौरान ‘‘आप’’ ने संकल्प पत्र पेश किया जिसे पास कर विशेषाधिकार समिति को भेज दिया गया। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से निवेदन करते हुए कहा कि आप अपना काम करें और हमें दिल्ली की जनता के काम करने दें। हमसे लड़ने के बजाय हमारा सहयोग कीजिए।
संवैधानिक संकट खड़ा कर दिया गया
सदन में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज सदन में दिल्ली का बजट पेश होना था, मगर केंद्र सरकार ने कल शाम को उस पर रोक लगा दी। इसलिए आज विधानसभा में बजट पेश नहीं हो पाया। संविधान कई तरह की स्थितियों का सामना करता हैं। मैं समझता हूं कि डॉ. बाबा साहब अंबेडकर जब संविधान लिख रहे थे, तब शायद उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि ऐसी कोई स्थिति भी देश के अंदर आ सकती है कि केंद्र सरकार किसी राज्य सरकार के बजट को रोक सकती है। एक ऐसा संवैधानिक संकट खड़ा कर दिया गया है। यह देश के संविधान के ऊपर हमला किया गया है।
सरकार के निर्णय पर केवल ठप्पा लगाएंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 मार्च को दिल्ली सरकार ने केंद्र को बजट भेजा और 17 मार्च को केंद्र सरकार ने कुछ आपत्तियां लगाकर बजट वापस भेज दिया। विपक्ष के नेता कह रहे थे कि एलजी ने बजट पर कुछ ऑब्जर्वेशन लगाए। संविधान के अंदर एलजी को चुनी हुई सरकार के बजट के ऊपर कोई भी ऑब्जर्वेशन लगाने का अधिकार नहीं है। एलजी मंत्री परिषद की सहायता और सलाह से बधे हैं। सुप्रीम कोर्ट का 2018 का आदेश और संविधान का आर्टिकल 239एए4 साफ है कि दिल्ली के उपराज्यपाल मंत्री परिषद की सहायता और सलाह से बधे हैं।
केंद्र सरकार को इसमें ऑब्जेक्शन करने का कोई अधिकार नहीं
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार के पास बजट भेजा गया था। केंद्र सरकार को इसमें ऑब्जेक्शन करने का कोई अधिकार नहीं है। यह भारत के संविधान और लोकतंत्र की मूल संरचना के खिलाफ है कि किसी राज्य का बजट केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है। जिस दिन सुप्रीम कोर्ट के अंदर इसे चौलेंज किया गया कि केंद्र सरकार को दिल्ली सरकार का बजट भेजा जा रहा है तो कोर्ट में 2 मिनट भी यह नहीं टिक पाएगा। बस कई सालों से यह एक परंपरा चली आ रही है और हम भी उस परंपरा का पालन कर रहे थे।
अधिकारियों की गर्दन केंद्र सरकार और एलजी के अंडर में है
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 17 मार्च को केंद्र सरकार ने मुख्य सचिव और वित्त सचिव को ऑब्जर्वेशन भेजा और वो 3 दिन तक इसे लेकर बैठे रहे। सारा देश जानता है कि इन अधिकारियों की गर्दन केंद्र सरकार और एलजी के अंडर में है। रोज किसी को भी सस्पेंड कर देते हैं। सभी अधिकारी डरे बैठे हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय से आदेश आया कि 3 दिन तक फाइल लेकर बैठे रहो। 21 मार्च को बजट पेश होना था और 20 मार्च को दोपहर 2 बजे वित्त मंत्री को एमएचए से आए ऑब्जर्वेशन के बारे में बताया गया। इन अधिकारियों के खिलाफ तो कार्रवाई होनी चाहिए। फाइल के संबंध में मंत्री ने बार-बार फोन किया, लेकिन उनके पास शाम 6 बजे फाइल पहुंचाई गई।
हम प्रधानमंत्री से लड़ना नहीं, उनके साथ मिलकर काम करना चाहते हैं
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से अपील करते हुए कहा कि हम आपके साथ मिलकर काम करना चाहते हैं, आपसे सहयोग चाहते हैं। हम आपसे लड़ना नहीं चाहते हैं। हमें लड़ाई और राजनीति करनी नहीं आता। हम बहुत छोटे हैं। जैसे एक परिवार में होता है। दिल्ली के लोग आपके सामने छोटे भाई की तरह हैं। अगर एक बड़ा भाई रोजाना आकर छोटे भाई को थप्पड़ मारेगा, उसे डांटेगा तो छोटा भाई भी बेचारा कब तक बर्दाश्त करेगा? इसलिए अगर आपको छोटे भाई का दिल जीतना है तो छोटे भाई को प्यार करो, उसके साथ चलो तभी छोटा भाई भी आपका साथ देगा।
मुख्य सचिव और वित्त सचिव का मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा गया
मंगलवार को सदन में दिल्ली का बजट पेश होना था, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से रोक लगाए जाने के बाद पेश नहीं किया जा सका। मंगलवार सुबह जब विधानसभा के सदन शुरू हुआ तो बजट नहीं होने को लेकर चर्चा शुरू हुई। इस दौरान आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा ने सदन के समक्ष एक संकल्प पत्र पेश किया। जिसमें दिल्ली के बजट में देरी को लेकर मुख्य सचिव और वित्त सचिव की जांच विशेषाधिकार समिति को भेजने की मांग की गई। इस संकल्प पत्र को सदन ने ध्वनि मत से पास कर दिया और जांच के लिए विशेषाधिकार समिति को भेज दिया गया।
(Ultram)