नई दिल्ली: दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने मंगलवार को निर्माणाधीन चंद्रावल वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (WTP) का दौरा किया। निरीक्षण के दौरान डीजेबी उपाध्यक्ष ने अधिकारियों के साथ प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि इस साल दिसंबर तक चंद्रावल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का 50 फीसदी काम पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही मार्च 2024 तक चंद्रावल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में 50 फीसदी पानी का उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा।
अगस्त 2024 तक चंद्रावल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा
अगस्त 2024 तक चंद्रावल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा। डीजेबी उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने इस प्रोजेक्ट की समीक्षा के दौरान प्रोजेक्ट की प्रगति पर नाराजगी जाहिर की। डीजेबी उपाध्यक्ष ने एजेंसी को कड़ी फटकार लगाते हुए तेजी से काम पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने एजेंसी को हर महीने प्रोजेक्ट की प्रगति रिपोर्ट सौंपने के भी सख्त निर्देश दिए।
दिसंबर तक चंद्रावल प्लांट का 50 फीसदी काम पूरा, मार्च में 50 फीसदी उत्पादन
चंद्रावल के निर्माणाधीन प्लांट का निरीक्षण और निर्माण कार्य की समीक्षा करने के बाद दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विजन के तहत दिल्ली में 24 घंटे निर्बाध शुद्ध जलापूर्ति में चंद्रावल वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का बड़ा रोल रहेगा। इस प्लांट की क्षमता 477 एमएलडी यानी 105 एमजीडी है। उन्होंने बताया कि इस साल दिसंबर तक चंद्रावल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का 50 फीसदी काम पूरा हो जाएगा।
22 लाख लोगों को लाभ मिलेगा
उपाध्यक्ष ने आगे बताया कि मार्च 2024 तक चंद्रावल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में 50 फीसदी पानी का उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। वही अगस्त 2024 तक चंद्रावल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा। यह प्लांट आस – पास की कई विधानसभाओं में 24 घंटे पानी की सप्लाई देने में सहायक सिद्ध होगा। इस प्लांट के बनने से लगभग 22 लाख लोगों को लाभ मिलेगा।
चंद्रावल प्लांट की प्रगति रिपोर्ट
चंद्रावल प्लांट का 58 फीसदी काम पूरा हो चुका है। प्लांट का वेस्ट वाटर कलेक्शन एरिया तैयार हो गया है। जबकि क्लोरीन बिल्डिंग और वर्कशॉप का 90 फीसदी काम भी पूरा हो चुका है। इस प्लांट में 4 यूजीआर बनाए जा रहे है। जिनका काम 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है।चंद्रावल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी को फ़िल्टर /साफ़ करने के लिए उच्च तकनीक के 22 फ़िल्टर बेड लगाए जा रहे है। फ़िल्टर लगाने का भी 50 फीसदी काम पूरा हो चुका है। इसी तरह क्लैरिफाइर लगाने का 76 फीसदी से ज्यादा काम पूरा हो चुका है और बाकी का काम जल्द ही निर्धारित समय में पूरा होने की संभावना है।
18 एकड़ क्षेत्रफल में तैयार किया जा रहा चंद्रावल प्लांट्र
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष ने कहा कि यहां वर्तमान में चंद्रावल प्लांट 1 और चंद्रावल प्लांट 2 में प्रतिदिन 90 एमजीडी पानी का उत्पादन किया जा रहा है। लेकिन दोनों प्लांट काफी पुराने हो चुके है इसलिए दिल्ली जल बोर्ड इन दो प्लांट की जगह एक नया प्लांट बना रहा है। चंद्रावल के इस नए प्लांट की क्षमता 477 एमएलडी यानी 105 एमजीडी है। इस प्लांट की क्षमता चंद्रावल के दोनों पुराने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से ज्यादा है।
अमोनिया बढ़ने पर भी बंद नहीं होगा प्लांट
सोमनाथ भारती ने कहा कि इस वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी का शोधन करने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस तकनीक से यह प्लांट ऐसे पानी को भी साफ कर पाएगा जिसमें अमोनिया की मात्रा काफी ज्यादा होती है। यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ने पर कई बार वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को बंद करना पड़ता है लेकिन चंद्रावल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में यमुना के पानी में अमोनिया बढ़ने के बाद पानी का उत्पादन बंद नहीं करना पड़ेगा। इस वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे पानी में अमोनिया की 4 पीपीएम तक की मात्रा होने पर भी पानी को शोधित कर पीने योग्य बनाया जा सकेगा और यह प्लांट सुचारू रूप से काम करता रहेगा।