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दिल्ली हाई कोर्ट की सुरक्षा कैसे होती है? गेट से लेकर कोर्ट रूम तक तैनात रहते हैं जवान

Bomb Threat In Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिली है. इसके बाद कोर्ट परिसर को खाली करवाया गया है. कोर्ट की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी होती है? किसे मिलते हैं पीएसओ? जानिए विस्तार से।

Author Written By: Namrata Mohanty Author Published By : Namrata Mohanty Updated: Sep 12, 2025 13:02

Bomb Threat In Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिली है. परिसर को खाली करवाया गया और जांच शुरू. हाई कोर्ट हाई सिक्योरिटी जोन होता है, वहां कई लेयर्स में सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं. दरअसल, अदालतों में वकील, आम जनता और कई बार VIP भी मौजूद होते हैं, जिस वजह से वहां पूरी चौकसी होती है. CISF के जवान यहां सुरक्षा पहरा देते हैं. इसके अलावा, दिल्ली पुलिस की भी एक लेयर होती है.

कोर्ट की सुरक्षा का दायित्व किसका?

किसी भी राज्य की कोई भी कोर्ट हो चाहे सबऑर्डिनेट या जिला अदालत या हाईकोर्ट वहां की सुरक्षा का प्रथम दायित्व राज्य सरकार का होता है. राज्य प्रशासन और जिला प्रशासन परिसर और कोर्ट रूम में सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करवाता है. इस प्रोटोकॉल ग्रुप में सिक्योरिटी गार्ड से लेकर CISF भी तैनात होते हैं.

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प्रवेश द्वारा पर सिक्योरिटी

हाईकोर्ट के सभी गेटों पर पुलिस और CISF तैनात होती है. प्रवेश के लिए पहचान पत्र और पास की जरूरत होती है। वकीलों और कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक्स भी होता है. वकीलों को बार काउंसिव से कोर्ट ID भी दिया जाता है.

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चेकिंग और स्क्रीनिंग सिस्टम

किसी भी कोर्ट में मेटल डिटेक्टर और हेंड हेल्ड डिटेक्टर होता है. एंट्री गेट में इससे सभी अदंर जाने वाले लोगों की स्क्रीनिंग होती है। बैग, फाइलों और अन्य सामानों की जांच के लिए एक्स-रे मशीनें लगाई जाती है. अगर कोई संदिग्ध सामान मिलता है तो उसे तुरंत सीज किया जाता है.

अंदर कैसी होती है सुरक्षा?

कोर्ट परिसर में जगह-जगह पुलिस और सुरक्षाबल की तैनाती होती है. सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में सभी लोग रहते हैं और कोर्ट रूम के अंदर भी सुरक्षा कर्मी होते हैं. अंदर पुलिस, सिक्योरिटी गार्ड और आर्म्ड फोर्स होती है.

न्यायधीशों की स्पेशल सुरक्षा

जजों की सुरक्षा हाई लेवल की होती है. उन्हें पुलिस और कई बार PSO भी दिए जाते हैं. अलग-अलग राज्यों में राज्य पुलिस के अधिकारी उनकी सुरक्षा में घर और कोर्ट तक तैनात रहते हैं. उन्हें गाड़ी भी दी जाती है.

कोर्ट रूम में हथियारों की मनाही

कोर्ट के नियमों और सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत कोर्ट रूम के अंदर किसी भी सुरक्षाकर्मी को कोई हथियार ले जाने की अनुमति नहीं होती है. हालांकि, इस नियम का उल्लंघन पूरे देश में जोर-शोर से हो रहा है और कई बार पुलिस और सुरक्षाबलों को अंदर हथियार ले जाते देथा गया है. ऐसा इसलिए, क्योंकि उनकी जांच कोई नहीं कर रहा है.

जज के पास विशेष अधिकार

कोर्ट रूम में कोई भी अपनी इच्छानुसार नहीं जा सकता है. वहां प्रवेश के लिए पास की आवश्यकता नहीं होती है. कोर्ट रूम में हथियार नहीं जाते हैं और वहां सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस के जवानों की तैनाती होती है. सुनवाई के दौरान किसी के पास फोन भी नहीं होना चाहिए और जज चाहे तो किसी भी शख्स को इस प्रक्रिया के दौरान कोर्ट रूम से बाहर कर सकते हैं.

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First published on: Sep 12, 2025 12:23 PM

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