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दिल्ली

भारत में कितने BIMSTEC केंद्र, देश की इसमें क्या भूमिका? शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने PM मोदी गए थाईलैंड

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाईलैंड के 2 दिवसीय दौरे पर हैं, जहां वे बैंकॉक में होने वाले छठे BIMSTEC शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। आइए इस संगठन में भारत की भूमिका और संगठन में रहते हुए भारत की उपलब्धियों पर एक नजर डालते हैं।

Author Written By: Kumar Gaurav Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Apr 3, 2025 12:09
PM Narendra Modi Thailand Bangkok Visit

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छठे BIMSTEC शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए थाईलैंड पहुंच गए हैं, जहां उनका शानदार स्वागत हुआ। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में क्षेत्रीय सहयोग और आर्थिक विकास को लेकर चर्चा होगी। शिखर सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री मोदी श्रीलंका की राजकीय यात्रा पर जाएंगे, जहां वह द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और विभिन्न समझौतों पर वार्ता करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी भारत BIMSTEC (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल) के 4 संस्थापक सदस्यों में से एक है।

संगठन में रहते हुए भारत सुरक्षा क्षेत्र में अग्रणी सदस्य के रूप में क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग को मजबूत कर रहा है। भारत ऊर्जा और आपदा प्रबंधन क्षेत्रों का भी नेतृत्व कर रहा है। भारत BIMSTEC सचिवालय के बजट में 32% योगदान देने वाला सबसे बड़ा देश है। भारत में 2 BIMSTEC केंद्र हैं। एक नोएडा में BIMSTEC जलवायु केंद्र और दूसरा बेंगलुरु में BIMSTEC ऊर्जा केंद्र हैं।। भारत ने कृषि, आपदा प्रबंधन और समुद्री परिवहन में उत्कृष्टता के लिए 3 नए BIMSTEC केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है।

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संगठन में रहते हुए भारत की उपलब्धियां

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने BIMSTEC को नई गति प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने अक्टूबर 2016 में गोवा में BIMSTEC लीडर्स रिट्रीट की मेजबानी की थी। 5वें BIMSTEC शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने BIMSTEC सचिवालय की संस्थागत क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता की घोषणा की थी। भारत ने जुलाई 2024 में BIMSTEC विदेश मंत्रियों के दूसरे रिट्रीट की मेजबानी की, जिसमें 3 नए BIMSTEC केंद्र स्थापित करने, लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने और अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग जैसे कई अहम प्रस्ताव पेश किए गए।

सितंबर 2024 में न्यूयॉर्क में UNGA के 79वें सत्र के दौरान BIMSTEC विदेश मंत्रियों की पहली अनौपचारिक बैठक की अध्यक्षता भी भारत ने की। भारत के अन्य BIMSTEC सदस्य देशों के साथ करीबी द्विपक्षीय संबंध इसे क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने में एक अग्रणी भूमिका निभाने में सक्षम बनाते हैं। BIMSTEC भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति, ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ और ‘सागर’ (SAGAR) दृष्टिकोण के 3 प्रमुख पहलुओं का संगम है। भारत BIMSTEC के तहत क्षेत्रीय सहयोग को और अधिक सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

First published on: Apr 03, 2025 12:05 PM

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