नई दिल्ली: दिल्ली में सीक्यूएएम के आदेश पर ग्रेप के तीसरे चरण की पाबंदियों को लागू करने का निर्णय लिया गया है। निर्माण कार्यों पर रोक की निगरानी के लिए 586 टीमें बनाई गई हैं। दिल्ली में 521 वाटर स्प्रिगलिंग मशीनें, 233 एंटी स्मॉग गन, 150 मोबाईल एंटी स्मॉग गन पानी का छिड़काव कर रही हैं।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने रविवार को सिविल लाइंस स्थित आवास पर महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। गोपाल राय ने कहा कि सदियों में प्रदूषण का स्तर बढ़ने की बायोमास बर्निंग, वाहनों का प्रदूषण और धूल वजह होती है। इसके साथ- साथ सर्दियों में हवा की गति कम होती है। जब मैट्रोलाजिकल कंडिशन में बदलाव होता है, तब हवा की स्पीड कम होती है। हवा का रुख का बदलता है। तब दिल्ली के प्रदूषण में वृद्धि होती है।
सीक्यूएएम (कमीशन फार एयर क्लवालिटी मैनेंजमेंट) के निर्देशानुसार हवा की गुणवत्ता (एक्यूआई) का अनुमान लगाकर तीन दिन पहले से ही ग्रेप के विभिन्न चरणों का लागू किया जाएगा। विशेषज्ञों की राय के अनुसार 1 नवंबर से हवा की गति 4 से 8 किलोमीटर प्रतिघंटा होने का अंदेशा है। हवा का रुख उत्तर-पश्चिम होने का अनुमान है, जिसकी वजह से दिल्ली का एक्यूआई 400 से ऊपर जा सकता है, जो सिवियर कैटेगरी है। इसलिए सीक्यूएएम ने कल मीटिंग कर आदेश जारी किया है कि ग्रेप के तीसरे चरण को लगू किया जाए।
हमने दिल्ली के अंदर कंस्ट्रक्शन से जुड़ी हुई एजेंसियों के साथ बैठक की। इसमें पीडब्लूडी, सीपीडब्लूडी, डीडीए तथा अन्य कंस्ट्रक्शन के काम में लगी एजेंसियां, पर्यावरण विभाग और डीपीसीसी के अधिकारी शामिल थे।
उन्होंने कहा कि सीक्यूएएम के आदेश के अनुसार में दिल्ली ग्रेप के तीसरे चरण की पाबंदियों को लागू करने का निर्णय लिया है। उसके क्रियान्वयन के लिए एक मजबूत ऑनिटरिंग सिस्टम तैयार किया है।क्योंकि कई बार यह देखने में आता है कि आदेश हो जाता है किंतु उसका क्रियान्वयन नहीं हो पाता है।
कंस्ट्रक्शन पर बैन के आदेश के बावजूद भी गतिविधियां चलती रहती हैं। इसलिए आज की बैठक के बाद कुल 586 टीमों का गठन किया है जो कि लगातार निर्माण/विध्वंस स्थलों का निरीक्षण करेंगी।
इसमें में डीएमअरसी की 165, डीएमआरसी की 3, एनडीएमसी की 1, पीडब्लूडी की 6, दिल्ली कंटेनमेंट बोर्ड की 4, एमसीडी की 300, सीपीडब्लूडी की 6, डीपीसीसी की 33, डीएसआईडीसी की 20, डीडीए की 33, डीजेबी की 14, रेवेन्यु की 165 तथा आई एंड एफसी और एनएचआई की एक-एक टीमें हैं।
ऐसे में दिल्ली के अंदर आज से निर्माण तथा विध्वंस की गतिविधियों पर बैन लगाया जा रहा है। जिसकी निगरानी ये टीमें करेंगी। पहले ये टीमें धूल प्रदूषण के नियमों का उल्लघंन न हो, इसका निरीक्षण कर रहीं थी। निर्माण तथा विध्वंस पर बैन से कुछ विभागों को छूट दी जा रही है लेकिन उन्हें निर्माण तथा विध्वंस के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना पड़ेगा। ऐसा नहीं करने पर उन्हें भी बैन कर दिया जाएगा।
गोपाल राय ने कहा कि अभी जो रिपोर्ट डीपीसीसी ने मुझे दी है उसके अनुसार दिल्ली के अंदर जितने हमारे पालूशन मानिटरिंग के स्टेशन हैं, वहां एक्यूआई 400 के नीचे है। लेकिन आंनद विहार तथा विवेक विहार पर जो स्टेशन हैं,वहां एक्यूआई लेवल क्रमश: 440 और 408 दर्ज किया जा रहा है इसलिए इन दो जगहों पर तीन चीजें प्रभाव डाल रही हैं। पहला वहां आरआरटीसी का कार्य चल रहा है। उन्हें आदेश दिया गया है कि धूल प्रदूषण से संबंधित दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें।
दूसरा 15 एंटी स्मॉग गन की वहां तैनाती की जा रही है। एमसीडी ने वहां 7 स्प्रिगलिंग मशीने लगाई हैं, जो वहां 24*7 छिड़काव का काम करेंगी। हम फायर विभाग की दमकल गाड़ियां से भी पानी छिड़काव का काम करने जा रहे हैं। हॉटस्पॉट पर पानी के छिड़काव का काम करेंगी।
अभी तक दिल्ली में इस समय दिल्ली 521 वाटर स्प्रिगलिंग मशीने छिड़काव का काम कर रही हैं। एंटी स्मॉग गन 233 दिल्ली के अंदर निर्माण तथा विध्वंस स्थलों पर काम कर रही हैं। इसके अलावा 150 मोबाईल एंटी स्मॉग गन भी पूरी तरह से कार्यरत हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार से हाथ जोड़कर निवेदन है कि आंनद विहार में जो एक्यूआई का स्तर बढ़ रहा है, उसमें मुख्य योगदान डीजल के वाहनों का है। अगर इन बसों की जगह सीएनजी की बसें चलवाने का प्रयास करें। जिससे की बार्डर पर जो एक्यूआई का लेवल इतना ज्यादा बढ़ रहा है,उसे कम किया जा सके।
इन विभागों को मिलेगी छूट
रेलवे स्टेशन, मैट्रो, हवाई अड्डे, राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित निर्माण तथा विध्वंस साइट, अंतर्राज्यीय बस अड्डे, अस्पताल, सड़क एवं राजमार्ग, फ्लाईओवर, बिजली, सीवर लाईन, स्वचछता परियोजनाओं पर निर्माण संबंधी छूट रहेगी। इसके साथ-साथ दिल्ली के अंदर जो इंटीरियर वर्क है, जैसे प्लम्बिंग का कार्य, बिजली फिटिंग का कार्य, फर्निचर का काम की छूट रहेगी। निर्माण तथा विध्वंस स्थलों पर बोरिंग, ड्रिलिंग, खुदाई तथा भराई के काम पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा।
निर्माण एवं बिल्डिंग संचालन सहित तमाम संरचनात्मक निर्माण कार्य हैं, उसपर पूरी तरह बैन रहेगा। विध्वंस के कार्य पर पूरी तरह बैन रहेगा। निर्माण तथा विध्वंस साईट पर लोडिंग अनलोडिंग पर बैन रहेगा। कच्चे माल के स्थानांतरण मैनुअल तथा फलाईएस सहित बैन रहेगा। कच्ची सड़कों पर वहनों के आने जाने पर बैन रहेगा। टाइलों पत्थरों के काटने पर बैन रहेगा, फर्श सामग्री के काटने पर बैन रहेगा, पीसने की गतिविधियों पर बैन रहेगा।
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