Arvind Kejriwal met Election Commission officials: आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में सोमवार को आप नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग के अधिकारियों से मिला। इस मुलाकात में दिल्ली के पूर्व सीएम ने आयोग के अधिकारियों के समक्ष आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मतदाता सूची में कथित हेरफेर समेत तीन मुद्दे उठाए।
#WATCH | Delhi | AAP National Convenor Arvind Kejriwal says, “We are just coming back after meeting the Election Commission… The Election Commission has ordered to shift the vote of Awadh Ojha, and he will be the voter and will be able to cast his vote…he will be able to file… pic.twitter.com/G5PFadqne3
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) January 13, 2025
एक भी फर्जी मतदाता को सूची में शामिल नहीं होने दिया जाएगा
चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात करने के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने चुनाव आयोग को बताया कि नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में प्रत्येक भाजपा सांसद ने मतदाता सूची में नाम शामिल कराने के लिए 30 से 40 नामों के आवेदन दिए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने हमें आश्वासन दिया है कि एक भी फर्जी मतदाता को सूची में शामिल नहीं होने दिया जाएगा। प्रत्येक वोट के बारे में गहन जांच की जाएगी और जरूरत पड़ने पर कार्रवाई भी की जाएगी।
आरोपों को भाजपा नेताओं ने सिरे से खारिज कर दिया
बता दें आप पार्टी का आरोप है कि नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में दूसरी जगहों से मतदाता स्थानांतरित कर उनके वोट बनवाए जा रहे हैं। वहीं, इन आरोपों को भाजपा नेताओं ने सिरे से खारिज कर दिया है। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने इसे हास्यास्पद मामला तक कहा। दिल्ली में कुल 70 विधानसभा सीट हैं, यहां 5 फरवरी को मतदान और 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे।
अवध ओझा का वोट ग्रेटर नोएडा से दिल्ली स्थानांतरित करने की अनुमति मिली
जानकारी के अनुसार केजरीवाल ने चुनाव आयोग के अधिकारियों को निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग की है। इसके अलावा आप ने पटपड़गंज विधानसभा सीट से उम्मीदवार अवध ओझा का वोट ग्रेटर नोएडा से दिल्ली स्थानांतरित करने की अनुमति मांगी थी। बता दें आयोग ने ओझा का वोट ट्रांसफर करने की परमिशन दे दी है। अब वह अपना नामांकन दाखिल कर पाएंगे। इससे पहले केजरीवाल ने मीडिया में कहा था कि आज दिल्ली में जो कुछ हो रहा है, वह उन दिनों की याद दिलाता है जब भारत में बंदूक की नोक पर बड़े पैमाने पर बूथ कैप्चरिंग होती थी।
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