नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आम आदमी पार्टी ने एलजी से इस्तीफा मांगा है। इसी मांग को लेकर आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शनिवार को एलजी हाउस का घेराव किया। इस दौरान आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने साबित किया कि भाजपा-एलजी मिलकर कर रहे थे गैर संवैधानिक और गैर कानूनी निर्णय। इसलिए एलजी को संवैधानिक पद पर बैठने का अधिकार नहीं है।
देश में कानून और संविधान से ऊपर कुछ नहीं
आतिशी ने कहा कि देश में कानून और संविधान से ऊपर कुछ नहीं है। संवैधानिक पद पर होते हुए भी एलजी ने संविधान और कानून की अवहेलना की और एक बाद एक गलत निर्णय लिए हैं। संविधान की धज्जियां उड़ाने वाले एलजी विनय सक्सेना को इस संवैधानिक पद पर बैठने का कोई अधिकार नहीं है। शायद देश के इतिहास में पहली बार एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का वकील कोर्ट के सामने खड़े होकर एक असंवैधानिक निर्णय की मांग कर रहा था।
दिल्ली वालों को बधाई
आतिशी ने कहा कि दिल्ली की जनता को बधाई देते हुए कहा कि जिस संघर्ष को हमने सड़क से लेकर एमसीडी हाउस और सुप्रीम कोर्ट में लड़ा, उस संघर्ष में हम सफल हुए। सुप्रीम कोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया कि मेयर का चुनाव तत्काल प्रभाव से होगा। दिल्ली में एमसीडी का चुनाव हुए करीब ढाई महीने से ज्यादा हो गया है। भारतीय जनता पार्टी ने किसी तरह से पिछले दरवाजे से एमसीडी में अपनी सरकार बनाने की हर संभव कोशिश की थी।
अप्रैल में होना था एमसीडी चुनाव
आतिशी ने कहा कि एमसीडी चुनाव अप्रैल में होना था लेकिन बीजेपी ने चुनाव स्थगित कर दिया। चुनाव को लेकर पार्लियामेंट में एक बिल लेकर आ गए। उस एक्ट में तीनों एमसीडी का एकीकरण और 272 से 250 सीटें कर दी गई। बीजेपी को पता था कि वो चुनाव हार रहे हैं। ऐसे में किसी तरह से चुनाव को कुछ महीनों तक टाला जाए। उन्होंने अपनी मनमर्जी से परिसीमन कर सीटों को कम किया ताकि भारतीय जनता पार्टी एमसीडी चुनाव जीत जाए। गुजरात के चुनाव के समय पर एमसीडी का चुनाव करवाया।
बीजेपी संविधान और कानून का सम्मान नहीं करती
विधायक आतिशी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी, संविधान और कानून का सम्मान नहीं करती है। बीजेपी गैरकानूनी और असंवैधानिक तरीके से चोर दरवाजे से सरकार बनाने की कोशिश करती रही है। इस गैरकानूनी और असंवैधानिक तरीके से सरकार बनाने के प्रयास में एलजी विनय सक्सेना सबसे आगे थे। विनय सक्सेना को शर्म आनी चाहिए। उन्हें याद रखना चाहिए कि वह भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता या कार्यकर्ता नहीं है। वह एक संवैधानिक पद पर बैठे हुए हैं। लेकिन उन्होंने संविधान और कानून की अवहेलना करते हुए एक के बाद एक गलत निर्णय लिए ताकि भारतीय जनता पार्टी चोर दरवाजे से सरकार बना सके। इसके खिलाफ आम आदमी पार्टी लगातार आवाज उठाती रही। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी और एलजी साहब के मुंह पर कल तमाचा मारा है। उनको आइना दिखा दिया है कि देश में कानून और संविधान से ऊपर कुछ नहीं है।