---विज्ञापन---

दिल्ली

आप नेता के खिलाफ CBI को नहीं मिला सबूत, भ्रष्टाचार के लगे थे आरोप

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट विशेष जज दिग विनय सिंह ने सोमवार को सतेंद्र जैन के खिलाफ CBI की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है। कोर्ट ने भी माना है कि CBI को लंबी जांच के बाद भी सतेंद्र जैन के खिलाफ कोई आपराधिक सबूत नहीं मिला है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Md Junaid Akhtar Updated: Aug 4, 2025 20:24
Delhi News, Delhi AAP, Satendra Jain, CBI, Rouse Avenue Court, Central Bureau of Investigation, Prevention of Corruption Act, AAP Leader Satendra Jain, दिल्ली समाचार, दिल्ली आप, सत्येंद्र जैन, सीबीआई, राउज़ एवेन्यू कोर्ट, केंद्रीय जांच ब्यूरो, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, आप नेता सत्येंद्र जैन
आप नेता सतेंद्र जैन के खिलाफ नहीं मिला सबूत

आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सतेंद्र जैन के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को कोई सबूत नहीं मिला है। सोमवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आप नेता के खिलाफ CBI की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है। कोर्ट ने भी माना है कि CBI को लंबी जांच के बाद भी सतेंद्र जैन के खिलाफ कोई आपराधिक सबूत नहीं मिला है। ऐसे में सतेंद्र के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 या किसी अन्य अपराध के तहत आगे कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है।

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट विशेष जज दिग विनय सिंह ने सोमवार को सतेंद्र जैन के खिलाफ CBI की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है। जज दिग विनय सिंह ने कहा कि CBI ने इस मामले में काफी लंबी जांच की है। इसके बाद भी जैन के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है, जो उन पर भ्रष्टाचार के आरोप को साबित कर सके। ऐसे में आगे अब उन पर कोई कार्रवाई का औचित्य नहीं बनता है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि हर वह फैसला जो नियमों का पूरी तरह पालन नहीं करता, उसे भ्रष्टाचार के दायरे में नहीं लाया जा सकता। इसके लिए ठोस सबूतों की जरूरत होती है, जो इस मामले में नहीं मिले।

---विज्ञापन---

29 मई, 2019 से CBI कर रही थी जांच

CBI ने दिल्ली सरकार के विजिलेंस की एक शिकायत के आधार पर 29 मई, 2019 को तत्कालीन दिल्ली के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री सतेंद्र जैन और अन्य पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि जैन और पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए अनियमित रूप से 17 सदस्यीय ‘क्रिएटिव टीम’ की नियुक्ति की थी। यह भी आरोप लगाया गया था कि इन नियुक्तियों के लिए मानक भर्ती प्रक्रिया को दरकिनार कर दिया गया और असंबंधित परियोजना निधि से भुगतान किया गया, जो वित्तीय नियमों का उल्लंघन था। इसके बाद CBI ने इसकी जांच शुरू की।

---विज्ञापन---

ये भी पढ़ें: आप विधायक संजीव झा को विधानसभा से निकाला बाहर, जानिए क्यों हुआ एक्शन?

4 साल की जांच के बाद भी नहीं मिला सबूत

CBI ने इस पूरे मामले की करीब 4 साल जांच की है। इसके बाद भी CBI को सतेंद्र जैन के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। जिसके बाद CBI ने 2022 में अपनी क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी, जिसमें बताया गया कि सतेंद्र और अन्य लोगों के खिलाफ कोई आपराधिक सबूत नहीं मिला है। शुरुआत में इस मामले में सतेंद्र जैन और अन्य लोगों पर रिश्वतखोरी और व्यक्तिगत लाभ देने के आरोप लगे थे। साथ ही दिल्ली सरकार को वित्तीय नुकसान होने की बात सामने आई है। CBI ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में साफ कर दिया है कि जैन और अन्य लोगों पर लगाए गए आरोपों का कोई सबूत नहीं मिला है।

ये भी पढ़ें: ‘कपड़े फाड़े, चेन झपटी और भाग गया’, लोकसभा की महिला सांसद ने सुनाई आपबीती

First published on: Aug 04, 2025 08:24 PM

संबंधित खबरें