---विज्ञापन---

AAP पार्टी ने दिल्ली के उपराज्यपाल पर लगाए कई आरोप, BJP-कांग्रेस पर साधा निशाना

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। आप पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज का आरोप है कि दिल्ली के एलजी ने गैर कानूनी तरीके से निगम प्रशासन का अनुभव रखने वाले विशेषज्ञ की बजाए बीजेपी कार्यकर्ताओं को एल्डरमैन बनाया है। […]

Edited By : Arpit Pandey | Updated: Jan 9, 2023 11:25
Share :
aam aadmi party mla saurabh bhardwaj
aam aadmi party mla saurabh bhardwaj

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। आप पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज का आरोप है कि दिल्ली के एलजी ने गैर कानूनी तरीके से निगम प्रशासन का अनुभव रखने वाले विशेषज्ञ की बजाए बीजेपी कार्यकर्ताओं को एल्डरमैन बनाया है।

और पढ़िए –सीरम इंस्टिट्यूट के CEO अदार पूनावाला बोले- अन्य देशों के मुकाबले भारत में कोरोना की स्थिति बेहतर

---विज्ञापन---

सौरभ भारद्वाज का कहना है कि ‘संविधान का आर्टिकल 243R कहता है कि एल्डरमैन वो लोग होंगे जिन्हें निगम प्रशासन का ख़ास अनुभव होगा,विशेषज्ञ हों । केंद्र सरकार के उप राज्यपाल ने चुनी हुई सरकार को बायपास करके बेइमानी से भाजपा के चैयरमेन-स्टैडिंग कमेटी सदस्य बनाने के लिए मास्टर प्लान बनाया। उपराज्यपाल ने भाजपा के जिला स्तर के नेताओं के साथ प्लान बनाया कि जोन के अंदर चैयरमेन भाजपा का बन जाए। नैतिकता के पहाड़ पर चढ़ कर सीएम केजरीवाल को गाली देने वाले एलजी, भाजपा के कार्यकर्ताओं के ढूंढ कर ले आए है।

एल्डरमैन के चुनाव में बेइमानी की गई

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ‘उप राज्यपाल के चयन मापदंड के अनुसार सत्या शर्मा की बजाए नीमा भगत को एमसीडी का पीठासीन अधिकारी होना चाहिए। लेकिन इसमें भी बेइमानी की गई। भाजपा और उप राज्यपाल प्रोटेम मेयर को लेकर बेइमानी इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उसके जरिए मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव एक साथ करवाना चाहते हैं। जिससे आम आदमी पार्टी 5 साल तक कोर्ट में लड़ती रहे और भाजपा बेईमानी से 5 साल एमसीडी में सरकार चलाती रहे। कांग्रेस ऐसा सिर्फ दिखाती है कि वो भाजपा को रोकना चाहती है। जबकि एमसीडी में मेयर चुनाव से वॉकआउट कर भाजपा को सीधे फायदा देने की कोशिश हैय़

---विज्ञापन---

और पढ़िए –Bihar News: इंडिगो की फ्लाइट में नशे की हालत में हंगामा, दो यात्रियों को किया गया गिरफ्तार

सीएम के लिए अमर्यादित भाषा का प्रयोग

आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि ‘पिछले कुछ दिनों से उप राज्यपाल के ऑफिस से सप्ताह में लगभग 3 बार प्रेस रिलीज आती है, उसके अंदर बहुत ही अमर्यादित भाषा का प्रयोग मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेताओं के विषय में अक्सर उप राज्यपाल महोदय के यहां से किया जाता है। इसमें हैरानी की बात तब है जब उपराज्यपाल नैतिकता के ऐसे पहाड़ पर चढ़कर प्रेस रिलीज देते हैं जैसे उनसे बड़ा संविधान का रक्षक नहीं है। उनका राजनीति से कोई लेना-देना ही नहीं है। आज हम उनको एक्सपोज करेंगे कि किस तरीके से शुद्ध राजनीति करने के लिए वे एलजी ऑफिस का इस्तेमाल कर रहे हैं। एलजी ने एक खबर छपवाई कि एनिमल वेलफेयर बोर्ड के अंदर कुछ नाम ऐसे दे दिए गए, जिनका एनिमल के वेलफेयर से ज्यादा लेना-देना नहीं था। इसीलिए उन्होंने वो नाम वापस कर दिए और खूब खरी-खोटी उन्होंने चुनी हुई सरकार को सुनाई। हम उन नामों पर चर्चा करेंगे जिन नामों को एलजी ने गैर कानूनी तरीके से एल्डरमैन काउंसलर के तौर पर नामित किया है’।

LG ने 10 हीरों को खोजा है

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ‘संविधान के आर्टिकल 243 आर और एस कहता है कि ये वो लोग होंगे जिनके पास नगर निगम प्रशासन के अंदर विशेष जानकारी और अनुभव होगा। इसमें बड़े अधिकारी होंगे जिनके पास निगम का बड़ा अनुभव होगा। दिल्ली के अंदर एलजी जिन 10 हीरों को ढूंढ कर लाए हैं उनमें पहले विनोद कुमार बवाना से हैं। इन्हें नरेला जोन से नॉमिनेट किया है। यह भारतीय जनता पार्टी बवाना के डिस्ट्रिक्ट इंचार्ज थे। किसान मोर्चा दिल्ली के भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे है। दूसरे लक्ष्मण आर्या किसान मोर्चा के मंत्री रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी की इकाई राष्ट्रीय प्रशिक्षण प्रकल्प के सह संयोजक रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से एमएलए का चुनाव लड़ा। नरेला जोन से चुने गए मुकेश मान स्टेट प्रभारी भारतीय जनता पार्टी पंजाब और उत्तराखंड रहे हैं। इसके अलावा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रहे हैं। साथ ही दिल्ली किसान मोर्चा के अध्यक्ष और भारतीय जनता युवा मोर्चा के सचिव रहे है। इनका यह निगम प्रशासन के अंदर यह विशेष अनुभव है। सुनीत चौहान बवाना जिले से भारतीय जनता पार्टी के जिला संगठन मंत्री रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के 2017 से 2022 तक काउंसलर रहे हैं। राजकुमार भाटिया भारतीय जनता पार्टी से 2020 में चुनाव लड़े हैं। भारतीय जनता पार्टी के केशव पुरम जोन के जिला अध्यक्ष रहे हैं।’

और पढ़िए –Jharkhand News : राष्ट्रीय तीरंदाज चाय बेच चुका रही धनुष का लोन, जानिए पूरा मामला

‘इसके अलावा मोहन गोयल को सिविल लाइंस जोन से डाला गया है। भारतीय जनता पार्टी के नॉर्थ-ईस्ट जिला के जिला अध्यक्ष रहे हैं। सिविल लाइंस जोन से नॉमिनेटड बुराड़ी के संजय त्यागी भाजपा के नॉर्थ ईस्ट जिला के महामंत्री रहे हैं। इसके अलावा भाजपा किसान मोर्चा जिला महामंत्री रहे हैं। सिविल लाइंस जोन से नॉमिनेटेड राजपाल राणा किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री रहे हैं। नॉर्थ ईस्ट जिले से जिला महामंत्री रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के 2012 से 2017 तक पार्षद रहे हैं। सेंट्रल जोन से नोमिनेटेड मनोज कुमार जैन भारतीय जनता पार्टी दरियागंज वार्ड से एक्स रजिस्टार और एक्स सेक्रेटरी रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी स्पोर्ट्स सेल दिल्ली के सेक्रेटरी रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से मिंटो रोड से एमएलए का चुनाव लड़ा है। सेंट्रल जोन से चुने गए रोहताश कुमार बदरपुर जिले से भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष रहे हैं।’

एलजी सीएम को गालियां देते हैं

विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ‘एलजी नैतिकता के पहाड़ पर चढ़कर चुने हुए मुख्यमंत्री को गालियां देते हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं यह भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और भारतीय जनता पार्टी दिल्ली संगठन के अलग-अलग पदों पर रहने वाले लोग आपको कहां से मिले। एलजी ने लंबा चौड़ा बताया कि प्रोटेम मेयर के लिए यह क्राइटेरिया रखा। सभी को अलग अलग कारणों से निकालकर कहा कि भाजपा का व्यक्ति ही सबसे ज्यादा उपयुक्त है। उसमें भी झूठ बोला। मैं तो सोचता था कि उपराज्यपाल बहुत बड़ा पद होता होगा। प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति से नीचे किससे बात करते होंगे। यह तो जिला स्तर के नेताओं से बात करके, नामों को लिस्ट बनाकर दे रहे हैं। इनका क्या पद और क्या मर्यादा है ? इन्होंने मर्यादा को तार-तार कर दिया ?’

और पढ़िए –Joshimath Land Subsidence: जोशीमठ के हालातों को लेकर प्रशासन सतर्क, लोगों से राहत केंद्रों में जाने को कहा

माखौल उड़ाया जाता है

आप प्रवक्ता ने कहा कि ‘मैं आपको दिखाता हूं कि किस तरीके से सरकार की नोटिफिकेशन का मखौल उड़ाया जाता है। जोन के हिसाब से यह सारे के सारे एल्डरमैन चुने जाते हैं। एमसीडी नियमों के मुताबिक इतने बड़े-बड़े एक्सपर्ट ढूंढने हैं तो जोन के हिसाब से नहीं ढूंढे जाएंगे। एलजी, बीजेपी के छोटे-छोटे नेताओं के साथ बैठकर डिस्कस करके ये लिस्ट बना रहे हैं। पहली नोटिफिकेशन हुई उसके अंदर उन्होंने जो एल्डरमैन दिए वो गलती से एक एल्डरमैन रोहिणी जोन में दे दिया और एक एल्डरमैन साउथ जोन में दे दिया। यह गलती इस वजह से हुई की रोहिणी जोन का एड्रेस था, इनको लगा कि वह नरेला जोन का पता है। साउथ जोन का एड्रेस इन्हें सेंट्रल जोन का लगा। उस नोटिफिकेशन को 2 घंटे में फिर बदलकर एक नया नोटिफिकेशन लाए, जिसमें इन्होंने नरेला जोन में 4 लोग दिए और सिविल लाइंस जोन में 4 लोग दिए और सेंट्रल जोन में 2 लोग दिए। अब सोचिए की एलजी ने ये जोन कैसे चुने।’

बीजेपी का चेयरमैन बनाने की कोशिश

विधायक ने कहा कि ‘इतने बड़े-बड़े नैतिकता के पहाड़ पर बैठकर एलजी क्या डिसाइड कर रहे थे ? किस किस जोन के अंदर चेयरमैन भारतीय जनता पार्टी का बन जाए ? भाजपा के जिला स्तर के अधिकारियों के साथ कैलकुलेशन कर रहे थे। नरेला के अंदर आम आदमी पार्टी 10 पार्षद हैं और भाजपा के छह पार्षद हैं तो इन्होंने सोचा की अगर यहां से 4 भाजपा के पार्षद नॉमिनेट कर दूं तो आम आदमी पार्टी के बराबर आ जाएंगे। ऐसे में हो सकता है यहां से चैयरमेन और स्टैंडिंग कमेटी का सदस्य भाजपा से चला जाए। दूसरा सिविल लाइन जोन में भाजपा के 6 और आम आदमी पार्टी के 9 पार्षद हैं। ऐसे में सिविल लाइन जोन से 4 भाजपा के नेता एल्डरमैन बना दिए, ताकि भाजपा के आम आदमी पार्टी से ज्यादा पार्षद हो जाएं, ताकि किसी तरह भाजपा का एक और सदस्य स्टैंडिंग कमेटी में पहुंच जाए। एक जोन में और भाजपा का चैयरमेन आ जाए। इन्होंने तीसरी गलती कर दी की गलती से साउथ जोन में एक एल्डरमैन दे दिया। उस गलती को दूर करते हुए साउथ जोन वाले एल्डरमैन काट कर उसको सेंट्रल जोन में दिया। क्योंकि सेंट्रल जोन में आम आदमी पार्टी के 13 पार्षद हैं और भाजपा के दस पार्षद हैं। वहां पर दो पार्षद नॉमिनेटेड कर भाजपा के 12 बना दिए।’

और पढ़िए –NRI Conference Madhya Pradesh: NRI सम्मेलन में शामिल होंगे PM मोदी, सुबह 10 पहुंचेंगे इंदौर

‘अब इसका फायदा उठाने के लिए कांग्रेस की एक पार्षद नादिया को खोजा। उनको कहा कि तुम बीजेपी के लिए वोट डाल देना। ऐसा नहीं है कि कांग्रेस के किसी पार्षद को रैंडमली कुछ बना दिया। यहां पर भी पूरा कैलकुलेशन किया गया कि कैसे सेंट्रल जोन मैं कैसे भाजपा का चेयरपर्सन बन जाए। कांग्रेस के पार्षद को लालच देकर हज कमेटी के अंदर सदस्य बनाया। इसकी चर्चा कल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की कैसे इलेक्टेड सरकार को बायपास करके बेइमानी से हज कमेटी का सदस्य कांग्रेस की मेंबर को बनाया है। ऐसे में सोचिए कि उपराज्यपाल और उनके कार्यालय का क्या स्तर हो गया है। जोन स्तर पर भाजपा के जिला स्तर के नेताओं के साथ बैठकर सूची तैयार कर रहे हैं। जब वह लिस्ट गलत हो गई तो नोटिफिकेशन वापस लेकर नया जारी कर रहे हैं।’

हर जगह झूठ बोला जा रहा है

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ‘उपराज्यपाल कार्यालय से जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि मेरे पास प्रोटेम मेयर बनाने के नाम आए थे। उनमें से इन-इन को इस वजह से हटा दिया और भाजपा के पार्षद को चुना। इसमें भी झूठ बोला गया। एलजी ने अपने बचाव में कहा कि नीमा भगत और सत्या शर्मा के नाम अंत में बचे। नीमा भगत एमए हैं और सत्या शर्मा बीए हैं। इसमें जब एलजी फंस गए तो कहा कि सत्या शर्मा मेयर रही हैं, इसलिए उन्हें चुन लिया गया । लेकिन वह भूल गए कि नीमा भगत भी मेयर रही हैं। नीमा भगत 2017-18 में मेयर रही हैं। मतलब एलजी कार्यालय ने बेइमानी भी गलत आधार पर की गई। एलजी साहब कम से कम इसमें ही पक्के हो जाते। सत्या शर्मा 2012-13 में मेयर रही हैं। सत्या शर्मा तो दस साल पहले रही हैं, जबकि नीमा भगत तो 5 साल पहले ही मेयर रही हैं। अब एलजी से जानना चाहते हैं कि आपकी जो एलिमिनेशन थ्योरी थी, उसके आधार पर सत्या शर्मा बाहर हो जाएंगी। क्योंकि वह बीए हैं और नीमा भगत एमए हैं। ऐसे में एलजी फंस गए तो क्या दोबारा से नोटिफिकेशन निकालेंगे? जिस तरह एल्डरमैन का वापस लिया, क्या उसी तरह दोबारा नोटिफिकेशन आएगा कि नीमा भगत प्रोटेम मेयर बनाई जाएँगी ?।’

और पढ़िए –Pravasi Bhartiya Sammelan 2023 Live: PM मोदी थोड़ी देर में पहुंचेंगे इंदौर, सूरीनामा और गुयाना के राष्ट्रपति से करेंगे मुलाकात

आप नेता का कहना है कि ‘कहा कि यह बेइमानी इसलिए हो रही है क्योंकि एक प्रिसाइडिंग ऑफिसर जिसके पास सिर्फ एक मेयर का चुनाव कराने का काम था उससे एक साथ मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव जबरदस्ती कराना चाहते हैं। बेइमानी से लगाई गई प्रोटेम मेयर से कराना चाहते हैं क्योंकि मेयर जो कहेगी वही चुनाव में होगा। वह जिसकी वोट को कैंसल करेंगी तो मत निरस्त हो जाएगा। जिसकी चाहेंगी उसकी सदस्यता को रद्द हो जाएगी। वह कहेंगी तो एल्डरमैन को भी वोट देने का अधिकार मिल जाएगा। आम आदमी पार्टी भले 5 साल तक केस लड़ती रहे यह बेईमानी से 5 साल तक चोर दरवाजे से भाजपा की सरकार चलाते रहेंगे। यह कारण है कि एक जैसे संवैधानिक पद पर बैठे आदमी निम्न तरीके की राजनीति के अंदर घुसे हुए हैं। वहीं ऊपर से नैतिकता के पहाड़ पर चढ़कर मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री चिट्टियां लिखते हैं। दिल्ली वालों के लिए यह बेहद शर्म की बात है कि इस तरह से उप राज्यपाल कार्यालय का दुरुपयोग किया जा रहा है। इन्होंने एक और झूठ बोला कि दोनों महिला पार्षदों के पास 15-15 साल का अनुभव है। जबकि इनके पास सिर्फ 10-10 साल का अनुभव है। मुकेश गोयल के पास 25 साल का तजुर्बा है।’

और पढ़िए –देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें

HISTORY

Edited By

Arpit Pandey

Edited By

Manish Shukla

First published on: Jan 08, 2023 09:09 PM
संबंधित खबरें