पंकज शर्मा, नई दिल्ली: राजौरी में डांगरी गांव में सात नागरिकों की हत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है। पीड़ित परिवारों और गांव वालों ने मिलकर सरकार के खिलाफ कैंडल मार्च निकाला। इस दौरान गांव ने पलायन करने की चेतावनी दी। दरअसल, इस साल 1-2 जनवरी को जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के ऊपरी डांगरी गांव में आतंकवादियों द्वारा सात नागरिकों की हत्या मामले में जांच में कोई प्रगति न होने से पीड़ित परिवारों ने नाराजगी जताई है।
नौकरी छोड़ने की भी बात कही
परिवारों ने मुआवजा राशि और मृतक आश्रित नौकरी छोड़ने की भी बात कही है। शनिवार को गांव वालों ने पीड़ित परिवारों के साथ मिलकर कैंडल मार्च निकाला और कहा कि हम बेहद दुखी हैं। तीन महीने बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक उन आतंकियों का कोई सुराग नहीं लगा है जिन्होंने उनके गांव वालों की निर्मम हत्या की थी। मामले में जांच में कोई प्रगति न होने को लेकर पीड़ित परिवारों के सदस्यों ने क्षेत्र से पलायन करने और प्रशासन द्वारा प्रदान की गई अनुग्रह राशि और नौकरी छोड़ने की चेतावनी दी।
आतंकियों का अब तक कोई सुराग नहीं
राजौरी जिले के डांगरी गांव में हुए आतंकी हमले में 7 लोगों की मौत हुई थी जबकि 8 लोग जख्मी हुए थे। अभी तक उन आतंकियों का कोई सुराग नहीं लगा है। जिन आतंकियों ने निर्दोष गांव वालों की हत्या की थी, उनके प्रति गांव वालों में बेहद गुस्सा है।