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NCRB की रिपोर्ट पर बोले सीएम अशोक गहलोत, कहा- राजस्थान को बदनाम करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि राष्‍ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्‍यूरो (NCRB) 2021 की एक रिपोर्ट के बाद राजस्थान को ‘बदनाम’ करने के प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 व 2021 के बीच के आंकड़ों में तुलना करना उचित होगा क्योंकि 2020 में लॉकडाउन रहा। जानकारी के […]

Edited By : Nirmal Pareek | Updated: Sep 3, 2022 12:36
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CM Ashok Gehlot
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जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि राष्‍ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्‍यूरो (NCRB) 2021 की एक रिपोर्ट के बाद राजस्थान को ‘बदनाम’ करने के प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 व 2021 के बीच के आंकड़ों में तुलना करना उचित होगा क्योंकि 2020 में लॉकडाउन रहा।

जानकारी के लिए बता दें कि एनसीआरबी की एक नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं के खिलाफ समग्र अपराध में उत्तर प्रदेश के बाद राजस्थान दूसरे स्थान पर है, जबकि रेप के दर्ज मामलों में यह देश में पहले स्थान पर बना हुआ है।

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सीएम गहलोत ने ये भी कहा कि राजस्थान में एफाआईआर के अनिवार्य पंजीकरण की नीति के बावजूद 2021 में 2019 की तुलना में करीब पांच फीसदी अपराध कम दर्ज हुए हैं, जबकि मध्यप्रदेस, हरियाणा, गुजरात, उत्तराखंड समेत 17 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में अपराध अधिक दर्ज हुए हैं। गुजरात में अपराधों में करीब 69 फीसदी, हरियाणा में 24 फीसदी और मध्यप्रदेश में करीब 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “हत्या, महिलाओं के विरुद्ध अपराध एवं अपहरण में उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे है। सबसे अधिक कस्टडियल डेथ्स गुजरात में हुईं हैं। नाबालिगों से बलात्कार यानी पॉक्सो एक्ट के मामले में मध्य प्रदेश देश में पहले स्थान पर है, जबकि राजस्थान 12वें स्थान पर है।”

आगे उन्होंने कहा, “राजस्थान में पुलिस द्वारा हर अपराध के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई की जा रही है एवं सरकार पूरी तरह पीड़ित पक्ष के साथ खड़ी रहती है। अदालत के आदेशों पर प्राथमिकी दर्ज करने की संख्या में काफी गिरावट आई है। उन्होंने यह भी कहा कि चिंता का विषय है कि कुछ लोगों ने हमारी सरकार की प्राथमिकी के अनिवार्य पंजीकरण की नीति का दुरुपयोग किया है एवं झूठी प्राथमिकी भी दर्ज करवाईं।”

इसी का नतीजा है कि प्रदेश में 2019 में महिला अपराधों की 45.28 फीसदी, 2020 में 44.77 फीसदी और 2021 में 45.26 फीसदी एफआईआर जांच में झूठी निकली। झूठे मामले दर्ज करवाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है और आगे भी की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बलात्कार के प्रकरणों में राजस्थान में सजा का प्रतिशत करीब 48 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह मात्र 28.6 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि अन्य चिंता का विषय यह भी है कि यौन अपराधों के करीब 90 प्रतिशत मामलों में आरोपी एवं पीड़ित दोनों एक दूसरे के पूर्व परिचित होते हैं। हम सभी को इस बिन्दु पर गंभीर चिंतन करना चाहिए कि इस सामाजिक पतन को किस प्रकार रोका जाए।

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Nirmal Pareek

First published on: Sep 03, 2022 12:36 PM

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