Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में बिर्रा में अलग प्रकार की मछली देखने को मिली है। जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट रही है। क्योंकि इस मछली की चार आंखें हैं। जिसके चलते यह मछली चर्चा का विषय बन गई है।
बताया जा रहा है कि गांव के कुणाल केवट खैया डबरी में मछली पकड़ने गया था, जहां उसे चार आंख वाली एक दुर्लभ मछली मिली है, जिसे देखने के लिए लोग कुणाल के घर पहुंच रहे हैं। मछली को एक टब में पानी भरकर रखा गया है। वह पूरी तरह से स्वस्थ है।
आंखें सिर से थोड़ी ऊपर
मछली की आंखे सिर से थोड़ी अधिक ऊपर में है इसके पंख एरोप्लेन के आकार में हैं। देखने में यह मछली सुंदर भी दिख रही है, कुणाल को जैसे ही यह मछली मिली वह उसे घर ले आया और उसे एक टब में रखा है। ग्रामीणों की भीड़ मछली को देखने उसके घर पहुंचने लगी। इस मछली की बनावट व रंग सामान्य मछली से अलग है। यह मछली लोगों में कौतुहल का विषय है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत ज्यादा
जंतु विज्ञान के सहायक प्राध्यापक प्रो. अश्वनी केशरवानी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत बहुत ज्यादा है। यह तेजी से बढ़ने वाली श्रृंप है, इसका आकार बड़ा होने की वजह से यह मछली पालकों के लिए लाभदायी होती है। आम तौर पर इसकी तीन किस्में वाइल्ड, ब्लू टाइगर और ब्लैक टाइगर पाई जाती है। भारत में इन मछलियों का मिलना ठीक नहीं हैं और इनका असली घर भारत की नदियां नहीं हैं। इस मछली की 4 आंखें होती हैं, साथ ही इसमें एयरोप्लेन के आकार के पंख दिखाई पड़ते हैं।
सकर माउथ कैट फीस है मछली का नाम
मत्स्य विभाग के सहायक संचालक एसएस कंवर ने बताया कि इसका सामान्य नाम सकर माउथ कैट फीस है और वैज्ञानिक नाम हाईपोस्ट टोमस प्लेसोस टोमस है। यह मछली अमेजान स्मेल एक्जाटिक कैट फीस के नाम से भी जानी जाती है। यह मछली पानी की तलहटी में रहती है, जो दुर्लभ मछली है और अमेरिका के अमेजन नदी में पाई जाती है। यह खतरनाक नहीं है लेकिन इस मछली का तालाब या नदी में मिलना अच्छा नहीं है।