All India Forest Sports Competition: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के स्वामी विवेकानंद एथलेटिक स्टेडियम कोटा में अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता का आगाज किया गया। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अंतर्राष्ट्रीय T20 कप्तान सूर्य कुमार यादव भी पहुंचे।
कप्तान सूर्य कुमार यादव ने जय जोहार के स्पीच से अपनी बात रखी। उन्होंने छत्तीसगढ़ में वनों के संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और कहा कि, छत्तीसगढ़ में चारों ओर हरियाली है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के कैरियर में अनुशासन महत्वपूर्ण है। उन्होंने आने वाली पीढ़ी के लिए वनों को हरा-भरा रखने और खेल को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की सराहना करते हुए इस आयोजन के लिए बधाई दी।
आज राजधानी में भारतीय टी-20 क्रिकेट टीम के कप्तान श्री सूर्यकुमार यादव जी, बिहार के कैबिनेट मंत्री डॉ. प्रेम कुमार जी के साथ 27वीं अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता का शुभारंभ किया।
यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में विभिन्न खेलों के क्षेत्र में देश का… pic.twitter.com/4ReJJphBx3
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केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव वर्चुअल हुए शामिल
इस कार्यक्रम में पारंपरिक वेशभूषा और परिधानों के साथ अलग-अलग राज्यों से आए खिलाड़ियों ने मार्च पार्स्ट से किया। प्रतियोगिता के शुभारंभ अवसर पर केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने अपने वर्चुअल शुभकामना संदेश में कहा कि, वनों के संरक्षण में वनकर्मियों की अहम भूमिका होती है।
अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में वनबल के कर्मचारी हिस्सा लेते है। इसके लिए वन कर्मियों का शारीरिक रूप से चुस्त-दूरूस्त रहना जरूरी है। वनकर्मियों के लिए खेल का विशेष महत्व है, खेल से एकाग्रता, साहस और टीम भावना से कार्य करने में मदद मिलती है। मैं उम्मीद करता हूं इस प्रतियोगिता में सभी खिलाड़ी खेल भावना से खेलते हुए अपना अच्छा प्रदर्शन करेंगे। इस अवसर पर उन्होंने सभी खिलाड़ियों को शुभकामना के साथ बधाई दी।
अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता का शुभारंभ समारोह
📍कोटा स्टेडियम, रायपुर pic.twitter.com/qGoIZWAESF
— Arun Sao (@ArunSao3) October 17, 2024
सीएम साय ने किया खिलाड़ियों का स्वागत
वहीं, सीएम विष्णुदेव साय ने माता कौशल्या की धरती में देश के अलग-अलग राज्यों से आए खिलाड़ियों का स्वागत करते हुए कहा कि, इस आयोजन के लिए वन विभाग की मेहनत काबिले तारीफ है। अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता की शुरूआत साल 1992 में हुई थी। धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई।
इस खेल में कश्मीर से कन्याकुमारी ही नहीं अपितु केंद्र शासित प्रदेश के खिलाड़ी प्रतियोगिता में शामिल हो रहे हैं। हमारा भारत देश विविधताओं का देश है, राजधानी रायपुर का यह स्टेडियम लघु भारत के रूप में नजर आ रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश मे खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए अनेक कदम उठाए हैं। छत्तीसगढ़ की सरकार खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों से छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ा है। वनरक्षक से लेकर विभाग के अधिकारी भी शामिल हो रहे खिलाड़ी का वन और वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए अहम भूमिका होगी।
आने वाली पीढ़ी को जागरूक करने का कार्य- वन मंत्री कश्यप
छत्तीसगढ़ के वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि, वर्ष 2023 में हरियाणा में आयोजित अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ ने प्रथम स्थान प्राप्त किया था। छत्तीसगढ़ की सरकार खेल प्रातिभाओं का बढ़ाने के साथ-साथ उनका सम्मान भी कर रही है।
छत्तीसगढ़ में 44 प्रतिशत वन है, जो पूरे भारत में तीसरा स्थान रखता है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि, पांच दिन तक चलने वाला यह आयोजन वनों के संरक्षण पर आधारित है। अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन छत्तीसगढ़ में तीसरी बार हो रहा है।
उन्होंने स्टेडियम में उपस्थित खिलाड़ियों के साथ-साथ उपस्थित जनसमुदाय को पेड़ और वन्यप्राणी के सरंक्षण के लिए प्रेरित किया। आने वाली पीढ़ी को जागरूक करने का कार्य न केवल सरकार का है अपितु सभी की नैतिक जवाबदारी है।
300 विधाओं में आयोजित होगी प्रतियोगिताएं
छत्तीसगढ़ की मेजबानी में चार साल बाद 27वीं ऑल इंडिया फॉरेस्ट स्पोर्ट्स मीट में 26 खेल की 300 विधाओं में प्रतियोगिताएं होगी। यह प्रतियोगिता 16 से 20 अक्टूबर तक राजधानी के 16 अलग-अलग खेले मैदानों में होगा। इसमें देशभर से 2920 खिलाड़ी भाग लेंगे, जिसमें 2331 पुरुष और 585 महिला खिलाड़ी शामिल हैं।
मेजबान छत्तीसगढ़ के 268 खिलाड़ी 12वीं बार ओवरऑल चैम्पियनशिप के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे। हमारी टीम अब तक 11 बार ओवरऑल चैम्पियनशिप का खिताब जीत चुकी है। प्रतियोगिता शुरू के पूर्व अलग-अलग राज्यों से आए खिलाड़ियों द्वारा किए गए मार्च पार्स्ट में छत्तीसगढ़ पहला, हिमाचल प्रदेश दूसरा और तीसरे स्थान पर तमिलनाडु तथा असम और गुजरात के दल को सांत्वना पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया।
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