---विज्ञापन---

छत्तीसगढ़

मनीष कुंजाम कौन? जिसने की शिकायत, उस तक ही पहुंच गई भ्रष्टाचार की आंच

पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने तेंदूपत्ता बोनस डिस्ट्रीब्यूशन में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी।​ अब उनके आवास परएंटी करप्शन ब्यूरो(ACB) और इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने छापेमारी की है।​ कुंजाम का कहना है कि वे केवल शिकायतकर्ता हैं और उन्हें टारगेट किया जा रहा है।​ मनीष कुंजाम का मामला यह सवाल उठाता है कि क्या भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को ही निशाना बनाया जा रहा है?

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Apr 14, 2025 19:18

छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में आदिवासी अधिकारों के लिए संघर्षरत नेता और पूर्व विधायक मनीष कुंजाम अब खुद जांच के घेरे में हैं। पिछले साल ही मनीष ने भाकपा के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था और अब वे क्षेत्र के लिए अलग राज्य की मांग के लिए बस्तरिया राज मोर्चा का नेतृत्व कर रहे हैं। हाल ही में सुकमा जिले में तेंदूपत्ता बोनस डिस्ट्रीब्यूशन में इरेगुलेरिटीज की शिकायत करने वाले कुंजाम के आवास पर एंटी करप्शन ब्यूरो(ACB) और इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने छापेमारी की है। कुंजाम का कहना है कि वे इस मामले में केवल शिकायतकर्ता हैं, लेकिन अब उन्हें ही जांच का सामना करना पड़ रहा है।​

भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बनी परेशानी

Jan 2025 में मनीष कुंजाम ने सुकमा जिले में तेंदूपत्ता बोनस डिस्ट्रीब्यूशन में 3.62 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार की शिकायत की थी जिसमें फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के अधिकारियों के इन्वॉल्वमेंट का आरोप था। उन्होंने सुकमा कलेक्टर को पत्र लिखकर इस मामले की जांच की मांग की थी। लेकिन अब इसी मामले में उनके आवास पर छापेमारी की गई है जिससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना ही उनके लिए परेशानी का कारण बन गया है।​

---विज्ञापन---

छापेमारी और जब्ती

11 अप्रैल 2025 को, एंटी करप्शन ब्यूरो(ACB) और इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) की टीमों ने सुकमा जिले में 12 स्थानों पर छापेमारी की जिसमें मनीष कुंजाम का घर भी शामिल था। इस दौरान उनके मोबाइल फोन और अन्य डाक्यूमेंट्स जब्त किए गए। कुंजाम का कहना है कि वे इस मामले में केवल शिकायतकर्ता हैं और उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।​

राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस कार्रवाई के बाद, पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बताया है। PUCL का कहना है कि एक शिकायतकर्ता पर इस तरह की कार्रवाई समझ से परे है और यह भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को डराने की कोशिश है।​

---विज्ञापन---

मनीष कुंजाम का राजनीतिक सफर

मनीष कुंजाम के राजनीतिक सफर की बात करे तो वह 1990 से 1998 तक कोंटा विधानसभा सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं। यहां तक कि वे लंबे समय के लिए अखिल भारतीय आदिवासी महासभा और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) से जुड़े रहे। पिछले वर्ष उन्होंने ‘बस्तरिया राज मोर्चा’ नामक पार्टी की स्थापना की जो बस्तर क्षेत्र के लिए अलग राज्य की मांग कर रही है।​

HISTORY

Edited By

News24 हिंदी

First published on: Apr 14, 2025 07:18 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें