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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट को गति देने के लिए बनी नई नीति, खुलेंगे रोजगार के नए अवसर

Chhattisgarh Government Completes One Year: नई औद्योगिक नीति में छत्तीसगढ़ सरकार ने भारत सरकार के विजन 2047 की परिकल्पना को साकार करने और राज्य के औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से कई प्रावधान किए हैं।

Author Edited By : Deepti Sharma Updated: Dec 17, 2024 21:24
Chhattisgarh Government Completes One Year
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Chhattisgarh Government Completes One Year: नई औद्योगिक नीति में छत्तीसगढ़ सरकार ने भारत सरकार के विजन 2047 की परिकल्पना को साकार करने और राज्य के औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से कई प्रावधान किए हैं। राज्य के प्रशिक्षित व्यक्तियों को औपचारिक रोजगार में परिवर्तित करने के लिए उद्योगों के लिए प्रति व्यक्ति 15 हजार रुपए की प्रशिक्षण वृत्ति प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है।

नवीन औद्योगिक नीति 1 नवबंर 2024 से 31 मार्च 2030 तक के लिए लागू होगी। इस नीति में निवेश प्रोत्साहन में ब्याज अनुदान, लागत पूंजी अनुदान, स्टाम्प शुल्क छूट, विद्युत शुल्क छूट मूल्य संवर्धित कर प्रतिपूर्ति का प्रावधान है। नई नीति में मंडी शुल्क छूट, दिव्यांग रोजगार अनुदान, पर्यावरणीय प्रोजेक्ट अनुदान, परिवहन अनुदान, नेट राज्य वस्तु और सेवा कर की प्रतिपूर्ति के भी प्रावधान किए गए हैं।

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युवाओं को मिलेंगे रोजगार के नए अवसर

नई औद्योगिक नीति में राज्य के युवाओं के लिए रोजगार सृजन को लक्ष्य में रखकर एक हजार से अधिक स्थानीय रोजगार सृजन के आधार पर बी-स्पोक पैकेज विशिष्ट क्षेत्र के उद्योगों के लिए प्रावधानित हैं। राज्य के निवासियों विशेषकर अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला उद्यमियों, सेवानिवृत्त अग्निवीर सैनिक, भूतपूर्व सैनिकों, जिनमें पैरामिलिट्री भी शामिल है को नई औद्योगिक नीति के तहत अधिक प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान है। नक्सल प्रभावित, कमजोर वर्ग, तृतीय लिंग के उद्यमी भी नई औद्योगिक पॉलिसी के तहत विशेष प्रोत्साहन के पात्र होंगे।

अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग-अलग प्रावधान

नई औद्योगिक नीति में पहली बार सेवा क्षेत्र अंतर्गत एमएसएमई सेवा उद्यम और वृहद सेवा उद्यमों के लिए अलग-अलग प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। सेवा क्षेत्र अंतर्गत इंजीनियरिंग सर्विसेस, रिसर्च एंड डेव्हलपमेंट सेक्टर, पर्यटन और मनोरंजन सेक्टर आदि से संबंधित गतिविधियों को सम्मिलित किया गया है।

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इस नीति में बड़ी संख्या में सेवा श्रेणी के उद्यमों को भी औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन के लिए पात्र उद्यम माना गया है, जिसमें पर्यटन, मनोरंजन, अन्य सामाजिक सेवाओं के सेक्टर, सरगुजा और बस्तर डिवीजन में होम-स्टे सेवाओं को भी शामिल किया गया है।

विभिन्न परियोजनाओं के लिए विशेष नीति

नई औद्योगिक नीति में फार्मास्यूटिकल, टेक्सटाईल, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और गैर काष्ठ वनोत्पाद (एनटीएफपी) प्रसंस्करण, कम्प्रेस्ड बॉयो गैस, ग्रीन हाइड्रोजन, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस (ए.आई), रोबोटिक्स एण्ड कम्प्यूटिंग (जीपीयू), आईटी, आईटीईएस, डेटा सेंटर, जल विद्युत परियोजनाओं, सौर ऊर्जा परियोजनाओं आदि के लिए आकर्षक पृथक औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन का प्रावधान है।

इस नीति के माध्यम से युवाओं को अपना स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए उद्यम क्रांति योजना का प्रावधान किया गया है। इस योजना के अंतर्गत राज्य के शिक्षित युवा बेरोजगारों को स्वयं का उद्यम स्थापित करने के लिए अनुदान युक्त ऋण प्रदान किए जाने का प्रावधान है।

रोजगार के नए अवसर खुलेंगे

थ्रस्ट सेक्टर के ऐसे उद्योग जहां राज्य का प्रतिस्पर्धात्मक लाभ है और जहां भविष्य के रोजगार आ रहे हैं, उन क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन का प्रावधान है। राज्य के कोरबा-बिलासपुर-रायपुर को देश के औद्योगिक मानचित्र में स्थान दिलाने के लिए इण्डस्ट्रियल कॉरीडोर की स्थापना का प्रावधान है।

नई औद्योगिक नीति के निर्माण के लिए उद्योग विभाग द्वारा संबंधित सभी हितपक्षों, औद्योगिक संगठन, औद्योगिक समूहों, संबंधित विभागों के साथ एक साल तक संवाद करके गहन परामर्श किया गया। देश के अग्रणी राज्यों की औद्योगिक नीतियों का अध्ययन करने के बाद राज्य की अनिवार्य स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर सर्वश्रेष्ठ प्रावधानों को इसमें शामिल किया गया है।

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First published on: Dec 17, 2024 06:35 PM

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