रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत बने गौठानों में संचालित किए जा रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) से ग्रामीणों एवं महिलाओं की जिन्दगी खुशहाल हो रही है। रीपा से आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास के बेहतर परिणाम सामने आने लगे हैं। इस योजना से ग्रामीण और महिलाएं अब खुद हुनरमंद होकर छोटे-छोटे रोजगार के माध्यम से स्वावलंबी बनने की ओर आगे बढ़ने लगी हैं।
2 अक्टूबर को हुई थी योजना की शुरुआत
बता दें कि सीएम भूपेश बघेल ने 2 अक्टूबर 2022 गांधी जयंती के दिन महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना रीपा का शुभारंभ किया था। इस योजना के तहत नारायणपुर जिले के ग्राम पंचायत कोलियारी (नेतानार) के रीपा में वहां की महिलाओं द्वारा तेल मिल प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित किया गया है। जिसमें बजरंगी स्व-सहायता समूह की 10 सदस्यों को रीपा से जोड़कर तेल मिल प्रोसेसिंग यूनिट में प्रोसेंसिंग एवं पैकेजिंग संबंधित प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण के उपरान्त बजरंगी स्व-सहायता के समूह के द्वारा आसपास के किसानों से तिलहन फसल खरीद कर उसे प्रोसेसिंग एवं पैकेजिंग कर बाजार में बड़ी मात्रा में बिक्री किया जा रहा है।
परिवार के भरण-पोषण में मिल रहा सहयोग
समूह द्वारा अब तक 600 लीटर तेल की पैकिंग की जा चुकी है, जिसकी कीमत प्रति लीटर 250 रुपए है। समूह के द्वारा अब तक 1 लाख 50 हजार रुपए तक के तेल की बिक्री की जा चुकी है। इस समूह को वर्तमान में लगभग 10 लाख रुपए तक के तेल का आर्डर मिल चुका है। बजरंगी समूह की महिलाओं का कहना है कि तेल प्रोसेसिंग यूनिट कार्य के साथ-साथ अपने घर के कृषि कार्य व मनरेगा का भी काम करती हैं। उन्होंने कहा कि इससे हमें अच्छी आमदनी प्राप्त होने से परिवार के भरण-पोषण में सहयोग मिल रहा है।
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300 पार्कों को किया जा रहा विकसित
योजना के अंतर्गत पहले चरण में 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्कों का विकास किया जा रहा है। इन पार्कों के विकास के लिए राज्य सरकार ने 600 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया है। प्रत्येक रीपा के विकास के लिए दो करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। योजना के अंतर्गत गौठानों को महात्मा गांधीरूरल इंडस्ट्रियल पार्क से जोड़ने से ग्रामीण क्षेत्रों के परिवारों की आय में वृद्धि हो रही है। गांव में उद्यमिता को बढ़ावा मिलने से स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन हो रहे हैं, जिससे लोगों को अब मजदूरी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ रहा।