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छत्तीसगढ़

17 साल की नाबालिग, 21 हफ्ते की प्रेग्नेंसी, गर्भपात की मांगी अनुमति…जानें हाईकोर्ट ने क्या फैसला सुनाया?

CG High Court Allowed Abortion For Pregnant Rape Victim: छत्तीसगढ़ की हाई कोर्ट ने एक दुष्कर्म पीड़िता को 21 हफ्ते के गर्भ को समाप्त करने की अनुमति दे दी है।

Author Edited By : Pooja Mishra Updated: Dec 13, 2024 11:19
CG High Court Allowed Abortion For Pregnant Rape Victim

CG High Court Allowed Abortion For Pregnant Rape Victim: छत्तीसगढ़ की हाई कोर्ट ने गर्भपात एक बड़ा को लेकर फैसला किया है। दरअसल, हाई कोर्ट ने एक दुष्कर्म पीड़िता को 21 हफ्ते के गर्भ को समाप्त करने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने यह फैसला बलौदाबाजार की एक 17 साल की नाबालिग पीड़िता की याचिका पर सुवनाई करते हुए किया है। पीड़िता के स्वास्थ्य और भविष्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जस्टिस एनके चंद्रवंशी ने ये फैसला दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि नाबालिग पीड़िता का गर्भपात स्पेशल डाक्टरों की निगरानी में किया जाएगा।

गंभीर बीमारियों से ग्रसित थी नाबालिग

हाई कोर्ट ने प्रदेश के रायपुर के पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज और डॉ. भीमराव अंबेडकर सरकारी अस्पताल के स्पेशल डाक्टरों की निगरानी में नाबालिग पीड़िता का गर्भपात कराने का निर्देश जारी किया। कोर्ट ने इस मामले में गर्भपात की अनुमति देने से पहले एक्सपर्ट डाक्टरों द्वारा की गई पीड़िता की शारीरिक और मानसिक स्थिति की जांच रिपोर्ट मंगाई थी। इस रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता को एनीमिया और सिकलसेल जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रसित थी। इन गंभीर बीमारियों के साथ नाबालिग का गर्भ बनाए रखना उसके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता था।

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कोर्ट ने दी गर्भपात अनुमति

डॉक्टरों की रिपोर्ट देखते हुए पीड़िता के स्वास्थ्य और भविष्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने गर्भपात अनुमति दे दी। साथ ही गर्भपात के बाद भ्रूण के ऊतक और रक्त के नमूने सुरक्षित रखने का निर्देश भी दिया है। ताकि भविष्य में डीएनए टेस्ट की जरूरत पड़ने पर ये नमूने उपयोगी हो सकते हैं। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि गर्भ रोकने से पीड़िता की शारीरिक और मानसिक स्थिति पर गंभीर असर पड़ सकता है। वहीं, गर्भपात के दौरान भी सिकलसेल और एनीमिया जैसी जटिलताओं के कारण जोखिम बना रहेगा। कोर्ट ने नाबालिग और उसके अभिभावकों की सहमति से यह फैसला सुनाया है।

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First published on: Dec 13, 2024 09:02 AM

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