Chhattisgarh CM Vishnudev Sai: छत्तीसगढ़ विधानसभा में सहयोगी विभागों के लिए 8421 करोड़ 82 लाख 8 हजार रुपए की अनुदान मांग रखी गई, जिसे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ चर्चा के बाद पारित कर दिया गया। विधानसभा में चर्चा के दौरान सीएम साय ने घोषणा करते हुए कहा कि राज्य में मीसाबंदियों की सम्मान निधि फिर से शुरू की जाएगी। इसी के साथ उन्होंने कुरुद क्षेत्र में मिल्क रूट स्थापित करने और चिलिंग प्लांट लगाने का भी ऐलान किया है। सीएम ने कहा कि जनता से किए गए सभी वादों को पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मोदी जी ने जो गारंटी छत्तीसगढ़ की जनता को दी गई है, उसे जल्द से जल्द पूरा किया जा कहा है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से संबद्ध विभागों के लिए आज विधानसभा में 8421 करोड़ 82 लाख 8 हजार रुपए की अनुदान मांगें चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित.
– सामान्य प्रशासन विभाग के लिए 475 करोड़ 39 लाख 81 हजार रुपए, सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित अन्य व्यय के लिए 74 करोड़ 18 लाख…---विज्ञापन---— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) February 26, 2024
विधानसभा में सीएम साय
सीएम साय ने कहा कि मंत्रालय के कामों में चिप्स की मदद से डिजीटल सचिवालय प्रोजेक्ट का काम किया जा रहा है। इसके अलावा प्रशासन विभाग में भी इसकी मदद से 134 पदों का सृजन किया जाएगा। इसके साथ एंटी करप्शन ब्यूरो ऑफिस को बेहतर और अधिक सशक्त बनाने के लिए दुर्ग में भी एक एंटी करप्शन ब्यूरो के ऑफिस की स्थापना की जाएगी। सीएम साय ने आगे कहा कि राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर को मेंटेन करना, अपग्रेड अथॉरिटी के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और आवागमन से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के रख-रखाव जैसे कामों के लिए 50 करोड़ 1 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।
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किसे मिला, कितना अनुदान?
विधानसभा में खनिज साधन विभाग के लिए 1340 करोड़ 62 लाख 73 हजार रुपये, सामान्य प्रशासन विभाग के लिए 475 करोड़ 39 लाख 81 हजार रुपये, पशुपालन विभाग के लिए 513 करोड़ 1 लाख 58 हजार रुपये, ऊर्जा विभाग के लिए 3990 करोड़ 56 लाख 89 हजार रुपये, परिवहन विभाग के लिए 151 करोड़ 8 लाख 20 हजार रुपये, जिला परियोजनाओं से संबंधित व्यय के लिए 208 करोड़ 53 लाख रुपये, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के लिए 265 करोड़ 75 लाख 95 हजार रुपये, वाणिज्यिक विभाग (आबकारी) के लिए 432 करोड़ 3 लाख 44 हजार रुपये, जनसंपर्क विभाग के लिए 443 करोड़ 87 लाख 20 हजार रुपये, मछलीपालन विभाग के लिए 106 करोड़ 19 लाख 49 हजार रुपये, पुनर्वास विभाग के लिए 2 करोड़ 75 लाख 40 हजार रुपये, ग्रामोद्योग विभाग के लिए 217 करोड़ 31 लाख 74 हजार रुपये, विमानन विभाग के लिए 200 करोड़ 48 लाख 36 हजार रुपये की अनुदान मांगें पारित की गई है।