नई दिल्ली: मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में छत्तीसगढ़ के एक शीर्ष नौकरशाह को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया को ईडी ने गिरफ्तार कर चार दिन की हिरासत में भेज दिया है। ED ने दावा किया है कि कोल माइनिंग में अवैध लेन-देन और मनी लॉन्ड्रिंग के सिलसिले में सौम्या के खिलाफ कुछ अहम सबूत मिले हैं।
चौरसिया छत्तीसगढ़ प्रशासनिक सेवा (CAS) से एक सिविल सेवक हैं और 2018 में राज्य में बघेल की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय में शामिल हुईं। शीर्ष नौकरशाह ने पहले तब सुर्खियां बटोरीं जब जुलाई में आई-टी विभाग ने उनके घर पर छापा मारा और कुल 14 करोड़ रुपये की ‘अघोषित’ नकदी और आभूषण जब्त किए। कई करोड़ रुपये के कर चोरी का भी पता चला था।
फरवरी 2020 में चौरसिया के भिलाई हाउस की पहली बार आयकर अधिकारियों द्वारा तलाशी ली गई थी। तब सीएम बघेल ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इसे असंवैधानिक” और “राजनीतिक रूप से प्रेरित” बताया था। पिछले हफ्ते बघेल ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि ईडी और आयकर अधिकारियों ने हिरासत में लिए गए व्यवसायियों और अधिकारियों को डंडों से पीटा।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि स्थानीय पुलिस को बिना सूचना दिए लोगों को हिरासत में लेने, मौके पर ही सम्मन तामील कराने, मुर्गे की स्थिति में बैठाने, बिना खाना-पानी के देर रात तक रोके रखने, डंडों से पीटने, कैद करने की धमकी देने की घटनाओं की हमें जानकारी मिली है।
गिरफ्तारी के बाद सौम्या चौरसिया को स्वास्थ्य जांच के लिए ले जाया गया। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने फिर उन्हें एक स्थानीय अदालत में पेश किया। सौम्या चौरसिया को अब 6 दिसंबर को पेश किया जाएगा। ईडी की कार्रवाई में ये 5वीं गिरफ्तारी है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है। उन्हें 150 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध खनन मामले में कथित रूप से शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।