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‘किसी भी जीवन की कल्पना जल के बिना असंभव है’, कार्यक्रम में बोले छत्तीसगढ़ कैबिनेट मंत्री

Chhattisgarh Cabinet Minister Kedar Kashyap: छत्तीसगढ़ के जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप बीते दिन रत मण्डपम में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा आयोजित 8वें भारत जल सप्ताह कार्यक्रम में शामिल हुए।

Edited By : Pooja Mishra | Updated: Sep 18, 2024 13:01
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Chhattisgarh Cabinet Minister Kedar Kashyap

Chhattisgarh Cabinet Minister Kedar Kashyap: छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार पूरी मेहनत के साथ प्रदेश के विकास के लिए लगातार काम कर रहे हैं। इसी मीशन के तहत राज्य के कैबिनेट मंत्री भी अपने-अपने विभाग के साथ लगातार काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में प्रदेश के जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप बीते दिन रत मण्डपम में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा आयोजित 8वें भारत जल सप्ताह कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि जल के बिना किसी भी जीवन की कल्पना असंभव है।

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जल संसाधन मंत्री का संबोधन

इस दौरान जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि बिना पानी के किसी भी जीवन की कल्पना असंभव है। भारतीय सभ्यता में तो जीवन जीने और मृत्यु के बाद की यात्रा के लिए जल बहुत की महत्वपूर्ण है। शास्त्रों के अनुसार पानी के सभी स्रोतों को पवित्र माना गया है। उन्होंने कहा कि सभी धार्मिक स्थल नदी के तट पर ही स्थित होते हैं। समाज के उपयोग के लिए ही ताल, तलैया और पोखरों निर्माण किया गया था। लेकिन आज के समय पर नजर डाले तो, कई बार स्थिति काफी परेशान करने वाली है। उन्होंने कहा कि आज हमारे नदियों और जलाशयों की स्थिति बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण खराब होती जा रही है।

विलुप्त हो गयी हैं नदियां

जल संसाधन मंत्री ने बताया कि आज के समय में गांवों के पोखर सूख रहे हैं, कई स्थानीय नदियां विलुप्त हो गयी हैं। कृषि और उद्योगों के काम की वजह से जल का दोहन जरूरत से ज्यादा हो रहा है। इससे पृथ्वी पर पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है, जिससे मौसम का मिजाज भी बदल रहा है। मॉनसून में कहीं बहुत ज्यादा बारिश हो रही है, तो कही सूखे जैसी स्थिति है।

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छत्तीसगढ़ के सिंचाई प्रोजेक्ट

इसके साथ ही जल संसाधन मंत्री कश्यप ने बताया कि छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान राज्य है जहां 80 प्रतिशत से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है। प्रदेश में कुल बोया गया क्षेत्र 56.83 लाख हेक्टेयर है, जिसकी निर्मित सिंचाई करीब 39 प्रतिशत ही है। प्रदेश में साल 2023 की स्थित्ति में 21.57 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता का निर्माण किया जा चुका है। उन्होंने आगे बताया कि राज्य में जल उपयोग दक्षता को बढ़ाने के लिए सूक्ष्म सिंचाई सिस्टम से सिंचाई करने के लिए प्रोजेक्ट का निर्माण का काम प्रगति पर है।

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Edited By

Pooja Mishra

First published on: Sep 18, 2024 12:33 PM

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