Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में 7 और 17 नवंबर को मतदान प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है। वहीं, राज्य की कुछ हाई-प्रोफाइल सीटें ऐसी हैं, जिन पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं और इन सीटों पर मुकाबला बेहद रोचक और दिलचस्प होने की उम्मीद है। इन सीटों में मुख्य रूप से मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र पाटन, कवर्धा, आरंग, दुर्ग ग्रामीण व कोंटा आदि शामिल हैं।
10 ऐसी सीटें, जिन पर कांटे की टक्कर
1. विधानसभा क्षेत्र पाटन- इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चुनावी मैदान में हैं वहीं, बीजेपी की ओर से रिश्ते में मुख्यमंत्री के भतीजे लगने वाले बीजेपी सांसद विजय बघेल सीएम बघेल के सामने होंगे। पिछले चुनाव में भूपेश बघेल ने बीजेपी प्रत्याशी मोतीलाल साहू को 27 हजार 477 वोटों से हराया था।
2. अंबिकापुर विधानसभा सीट- उत्तरी छत्तीसगढ़ की यह आदिवासी बाहुल्य सीट वर्तमान में उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव के पास है। पूर्व शाही परिवार के वंशज, तीन बार विधायक रहे टीएस सिंह देव ने 2008 में पहली बार इस सीट पर जीत हासिल की थी।
3. रायपुर शहर दक्षिण विधानसभा सीट- यह शहरी निर्वाचन क्षेत्र भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के पास है। सात बार के विधायक, अग्रवाल 1990 से इस सीट पर लगातार जीत हासिल कर रहे हैं। वहीं, कांग्रेस नेता कन्हैया अग्रवाल ने 2018 में बृजमोहन अग्रवाल को कड़ी टक्कर दी थी।
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4. दुर्ग ग्रामीण विधानसभा सीट- दुर्ग जिले की इस ग्रामीण सीट पर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के एक प्रमुख समुदाय साहू की बड़ी आबादी है। यह सीट वर्तमान में मंत्री ताम्रध्वज साहू के पास है, जो एक प्रमुख ओबीसी नेता हैं। साहू को लेकर कहा जाता है कि उन्होंने 2018 में साहू मतदाताओं को कांग्रेस के पक्ष में एकजुट करने में बड़ी भूमिका निभाई थी।
5. विधानसभा क्षेत्र आरंग- इस सीट के लिए कांग्रेस से संभावित उम्मीदवार, नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया हैं वहीं, बीजेपी ने गुरु खुशवंत सिंह साहेब को अपना उम्मीदवार बनाया है।
6. सक्ती विधानसभा सीट- छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष चरणदास महंत कांग्रेस के प्रमुख ओबीसी नेता हैं, जो इस सीट से मैदान में हैं। वहीं, चार बार के विधायक महंत 2018 में पहली बार इस सीट से चुने गए थे। चरणदास महंत तीन बार के लोकसभा सांसद भी हैं।
7. जांजगीर-चांपा विधानसभा सीट- अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी वाले इस निर्वाचन क्षेत्र में हर चुनाव में विधायक बदलने की परंपरा है। वहीं, वरिष्ठ भाजपा नेता नारायण चंदेल इस सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह कांग्रेस के मोतीलाल देवांगन को हराकर इस सीट से तीन बार (1998, 2008 और 2018) में चुनाव जीते हैं।
8. विधानसभा क्षेत्र कवर्धा- इस सीट पर कांग्रेस के वन-परिवहन मंत्री मो. अकबर हैं वहीं, भाजपा की ओर से विजय शर्मा उनके सामने हैं। पिछले चुनाव में मो. अकबर ने भाजपा के अशोक साहू को 59,284 वोटों से मात दी थी।
9. विधानसभा क्षेत्र कोंटा- इस विधानसभा क्षेत्र से उद्योग व आबकारी मंत्री कवासी लखमा मैदान में हैं वहीं, भाजपा प्रत्याशी सोयम मुका उनके प्रतिद्वंदी हैं। 2018 चुनाव में कवासी लखमा ने बीजेपी के धनीराम बरसे को 6,709 वोटों से मात दी थी।
10. दुर्ग ग्रामीण विधानसभा सीट- इस सीट के लिए कांग्रेस से गृह व लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू मैदान में हैं वहीं, बीजेपी के ललित चंद्राकर उनके सामने हैं। पिछले चुनाव में ताम्रध्वज साहू ने भाजपा के जागेश्वर साहू को 27,112 मतों से हराया था।